जीरकपुर के माया गार्डन मैग्नेशिया कमर्शियल प्रोजेक्ट की मुश्किलें बढ़ी, प्रोजेक्ट में पैसा फंसा चुके व निवेशक आए सामने

माया गार्डन मैग्नेशिया के एमडी निवेशकों से लगभग पूरी रकम वसूल चुके हैं लेकिन निवेशकों का कहना है कि उन्हें एमडी की ओर से जो यूनिट दिए जा रहे हैं वह अधूरे हैं। आधे अधूरे युनिट का पोजेशन देकर एमडी अपना पीछा छुड़ाना चाह रहा है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 03:54 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 03:54 PM (IST)
जीरकपुर के माया गार्डन मैग्नेशिया कमर्शियल प्रोजेक्ट की मुश्किलें बढ़ी, प्रोजेक्ट में पैसा फंसा चुके व निवेशक आए सामने
माया गार्डन मैग्नेशिया कमर्शियल प्रोजेक्ट की मुश्किलें बढ़ रही है।

संदीप कुमार, जीरकपुर। जीरकपुर-अंबाला हाईवे पर बन रहे माया गार्डन मैग्नेशिया कमर्शियल प्रोजेक्ट की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़नी शुरु हो गई है। निवेशकों की याचिका पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था और 13 दिसंबर तक नोटिस भेजकर इसका जवाब मांगा था। यह खबर दैनिक जागरण ने प्रकाशित की थी। प्रोजेक्ट में लाखों -करोड़ों रुपए फंसा चुके अन्य निवेशकों ने दैनिक जागरण से संपर्क किया और अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी दी। ठगी का शिकार हुए ज्यादातर निवेशक अच्छी पोस्ट से रिटायर्ड हुए हैं जिन्होंने अपने भविष्य को संवारने के लिए अपने जीवन भर की पूंजी इस प्रोजेक्ट पर लगाई हुई है।

अब आलम यह है कि माया गार्डन मैग्नेशिया के एमडी निवेशकों से लगभग पूरी रकम वसूल चुके हैं लेकिन निवेशकों का कहना है कि उन्हें एमडी की ओर से जो यूनिट दिए जा रहे हैं वह अधूरे हैं। आधे अधूरे युनिट का पोजेशन देकर एमडी अपना पीछा छुड़ाना चाह रहा है और एग्रीमेंट में तय हुई शर्त के मुताबिक प्रोजेक्ट पूरा होने तक दी जाने वाली अश्योर्ड रिटर्न भी 31 मार्च के बाद देनी बंद कर दी गई है। बरनाला के जिंदल बिल्डर ने वर्ष 2017 में जीरकपुर में यह प्रोजेक्ट शुरु किया था। जिसमें 1100 युनिट कामर्शियल प्रोजेक्ट बनने हैं। यह प्रोजेक्ट सितंबर 2022 तक पूरा बनकर तैयार किया जाना था। जोकि अब अधर में लटक गया है। जब इस संबंध में प्रोजेक्ट के एमडी सतीश मित्तल से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। मैसेज भेजकर भी उनसे जवाब मांगा गया लेकिन उन्होंने जवाब देना मुनासिब नहीं समझा।

इन लोगों का फंसा पैसा, रेरा व हाईकोर्ट से उम्मीद

माया गार्ड मैग्नेशिया प्रोजेक्ट के लांच होने से पहले इसकी काफी एडवरटाइजमेंट देखी व सुनी। मैंने रिटायर्ड होने के बाद अपने बेटे अर्श मनकोटिया के भविष्य को सिक्योर करने के लिए इस प्रोजेक्ट में पैसा लगाने की बात सोची और एमडी से संपर्क किया। पहले तो उन्हें कई तरह के फायदे गिनाकर भरोसे में लिया और फिर कुछ अरसा अश्योर्ड रिटर्न देकर अचानक भरोसा तोड़ दिया। अब फोन करने पर एमडी बात भी नहीं करते। मैंने इस प्रोजेक्ट में एक युनिट (शॉप नंबर-3107) पर 24 लाख 50 हजार रुपए इन्वेस्ट किए हैं। लगभग पूरी पेमेंट दे चुका हूं। अश्योर्ड रिटर्न भी बंद हो चुकी है और अधूरे कामकाज के पोजेशन दिया जा रहा है। मैंने रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) व हाईकोर्ट में इसके  खिलाफ शिकायत की है।-जोगेश मनकोटिया, निवेशक

मैं पंजाब स्टेट इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड से रिटायर्ड हुआ हूं। मैंने इस प्रोजेक्ट में एक युनिट खरीदा था। जिसकी 54 लाख रुपए पेमेंट कर चुका हूं। लेकिन मुझे भी कई फायदे दिखाकर यहां पैसा इन्वेस्ट करने की बात कही गई थी। लेकिन अब ना तो अश्योर्ड रिटर्न दी जा रही है और ना ही युनिट को पूरा किया गया है ताकि वहां कोई रोजगार शुरु कर सकूं। मैंने माया गार्डन मैग्नेशिया के प्रोजेक्ट के खिलाफ रेरा में केस फाइल किया हुआ है। रेरा ने इस प्रोजेक्ट के एमडी को जवाब दाखिल करने के लिए 6 अक्टूबर को कहा था लेकिन माया गार्डन के एमडी ने अपने वकील के माध्यम से कहा है कि उन्हें जवाब देने के लिए नोटिस लेट मिला है वह इतनी जल्दी जवाब नहीं दे पाएंगे इसलिए अब वह 10 नवंबर को अपना जवाब दाखिल करेंगे।-अमरजीत अरोड़ा, निवेशक

मैं आर्मी से रिटायर्ड हुआ हूं। सोचा था कि देश की सेवा कर ली अब कुछ समय परिवार के साथ बिताऊंगा। यह सोचकर माया गार्डन मैग्नेशिया प्रोजेक्ट पर पैसा लगा बैठा। फायदा देखकर इस प्रोजेक्ट में दो युनिट खरीद लिए और 55 लाख रुपए की पेमेंट कर दी। एक भरोसा था कि जब तक प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ तो कम से कम अश्योर्ड रिटर्न तो मिल रही है लेकिन वह भी मार्च के बाद बंद हो गई। मैं प्रोजेक्ट हैड के खिलाफ केस करने वाला हूं।-सुखबीर सिंह, निवेशक

मेरा पानीपत में अपना कारोबार है। मैंने इस प्रोजेक्ट में पैसा देखकर दो युनिट खरीदे थे। मेरा 1100 स्कवेयर फुट का एक शोरुम और (एग्जीक्यूटिव ऑफिस) है। दोनों युनिट की करीब सवा करोड़ रुपए कीमत है जो लगभग पूरी हो चुकी है। मुझे अश्योर्ड रिटर्न मिलनी बंद हो चुकी है। मुझे आधे अधूरे युनिट का पोजेशन लेने का दवाब बनाया जा रहा है। मैं प्रोजेक्ट हैड के खिलाफ मामला दर्ज करने वाला हूं। -डा. मधुसुदन, निवेशक पानीपत

मैंने इस प्रोजेक्ट में दो यूनिट खरीदे हैं। लगभग दोनों ही युनिट की पूरी पेमेंट कर चुका हूं। मुझे भी अश्योर्ड रिटर्न के नाम पर प्रोजेक्ट दिया गया और बाद में यह रिटर्न देनी  बंद कर दी। मुझे अपना पैसा फंसा हुआ नजर आ रहा है। अब प्रोजेक्ट हैड फोन तक उठाना बंद कर गए हैं। मैंने भी रेरा में केस फाइल किया हुआ है। जिसकी तारीख 10 नवंबर लगी हुई है।-के.एस. बब्बर, निवेशक

chat bot
आपका साथी