धर्म के नाम पर मंदिर-मस्जिद तोड़ना गलत : विष्णु महाराज
विष्णु महाराज ने कहा कि चैतन्य गौड़ीय मठ अब तक सिर्फ नाम स्मरण और सभी के सुख की दुआ करता आया है लेकिन अब नशा खत्म करने की दिशा में भी काम किया जाएगा। युवा लगातार नशे की लत में फंसते जा रहे है।
जासं, चंडीगढ़। धर्म के नाम पर कभी मंदिर तोड़े जाते है तो कभी मस्जिद और मजार। यह पूरी तरह से गलत है। यह कहना है चैतन्य गौड़ीय मठ के अध्यक्ष विष्णु महाराज का। चंडीगढ़ प्रवास पर आए विष्णु महाराज ने कहा कि खुद की राजनीति चमकाने के लिए कुछ लोग धर्म का नाम लेते है और हम इंसान इंसानियत को खत्म करने पर तुल जाता है।
सनातन में भी इंसान परमात्मा के कदमों में आत्मसात होता है और इस्लाम में अल्लाह के आगे। परमात्मा और अल्लाह के आगे कोई अलग विचार हिंदू-मुस्लिम नहीं रखता तो फिर मंदिर और मस्जिदों को तोड़ने का भी कोई औचित्य नहीं बनता। विष्णु महाराज ने अफगानिस्तान में चल रहे घटनाक्रम पर ¨चता जताते हुए कहा कि कोई भी धर्म किसी इंसान और महिला को मारने और दबाने की अनुमति नहीं देता। जर्मनी से चैतन्य गौड़ीय मठ में शामिल हुए परम अद्वितीय महाराज ने बताया कि चैतन्य गौड़ीय मठ में भौतिक वस्तुओं का लालच नहीं है। चैतन्य गौड़ीय मठ में संगीत है और नाम सिमरन है।
इसके चलते परिवारिक जीवन को छोड़कर चैतन्य गौड़ीय मठ को स्वीकार किया। वहीं अमेरिका के माधव कृष्ण और गोस्वामी ने बताया कि पूरा परिवार ही चैतन्य गौड़ीय मठ की मस्ती में लीन है। गौड़ीय मठ में परमात्मा का नाम सिमरन है और उसके साथ किसी प्रकार का द्वेष नहीं है। द्वेष से दूरी समाजिक और परिवारिक जीवन से ज्यादा सुख देती है जिसके लिए इसे स्वीकार किया गया है।
विष्णु महाराज बोले- नशे को खत्म करने के लिए होगा काम
विष्णु महाराज ने कहा कि चैतन्य गौड़ीय मठ अब तक सिर्फ नाम स्मरण और सभी के सुख की दुआ करता आया है, लेकिन अब नशा खत्म करने की दिशा में भी काम किया जाएगा। युवा लगातार नशे की लत में फंसते जा रहे है। इसके चलते वह खुद के जीवन को खत्म करने के साथ परिवार का भी अंत कर रहे है। इसके लिए हम सेवादारों को तैयार कर रहे है, ताकि नशा समाज से खत्म हो सके।