World Stroke Day: यह पांच बातें बचाएंगी ब्रेन स्ट्रोक से, देरी की तो पूरी जिंदगी बेड पर गुजरेगी
World Stroke Day आज वर्ल्ड स्ट्रोक डे है। ऐसे में अल्केमिस्ट और ओजल हॉस्पिटल के एक्सपर्ट डॉक्टर ने वर्ल्ड ब्रेन स्ट्रोक डे के मौके पर इससे जुड़ी जानकारी साझा की। न्यूरोलॉजी कंसल्टेंट डा. गौरव जैन ने इस फार्मुले की जानकारी दी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। World Stroke Day: बी-फास्ट एक ऐसा फार्मुला है जिससे ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को केवल टाला जा सकता है बल्कि होने की स्थिति में भी इलाज का पूरा मौका मिल जाता है। आप भी जान लीजिए यह फार्मुला कैसे ब्रेन स्ट्रोक के खतरे से आपको और परिवार को बचा सकता है। अल्केमिस्ट और ओजल हॉस्पिटल के एक्सपर्ट डॉक्टर ने वर्ल्ड ब्रेन स्ट्रोक डे के मौके पर इससे जुड़ी जानकारी साझा की। न्यूरोलॉजी कंसल्टेंट डा. गौरव जैन ने इस फार्मुले की जानकारी दी।
यह है बी-फास्ट फार्मुला
बी-बैलेंस
अगर कभी ऐसा महसूस हो कि शहरी का संतुलन बिगड़ रहा है। चलते चलते पैर रुकने लगें या एक दम से चला न जा सके तो यह ब्रेन स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है।
एफ: फेस
चेहरे की आकृति बिगड़ना। चेहरा टेढ़ा हो जाए या महसूस होने लगे तो भी इसे हल्के में न लें।
ए: आर्म
हाथ मुड़ने लगे या पैरों में टेढ़ापन महसूस होनो।
एस: स्पीक
बोलने में परेशानी हो या तुतलाहट होने लगे। अचानक कुछ बोल न पाना।
टी: टाइम टू कॉल
ऐसे कोई भी लक्षण दिखने लगें तो तुरंत ऐसे हॉस्पिटल में पहुंचे जहां सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध हो।
एक मिनट में टूट जाते हैं 17 लाख ब्रेन सेल
न्यूरो स्पेशलिस्ट डा. गौरव जैन ने बताया कि बी-फास्ट की कोई भी स्थिति लगे तो तुरंत हॉस्पिटल पहुंचना जरूरी है। पहले साढ़े चार घंटे में अगर मरीज आ जाता है तो उसे एक इंजेक्शन देकर ब्रेन स्ट्रोक से मस्तिष्क में सेल्स को हो रहे नुकसान को रोका जा सकता है। ब्रेन बहुत नाजुक होता है इसमें पल पल की अहमियत है। एक मिनट में ब्रेन के लाखों सेल्स टूट जाते हैं। जितनी देरी बढ़ती जाएगी उतना नुकसान हो चुका होगा। कई बार स्ट्रोक इतना गंभीर होता है कि यह हमेशा के लिए पेशेंट को बेड पर ला देता है। ब्रेन के सेल्स को बनने में लंबा समय लग जाता है। पूरी जिंदगी दवाई खानी होती है। देरी से पहुंचने पर ही पैर के रास्ते ब्रेन में सर्जरी कर क्लॉट हटाने जैसी नौबत आती है। लक्षण आने पर सुबह जाएंगे कल चलते हैं जैसी स्थिति सबसे खतरनाक है।
इनको करें कंट्रोल
ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रोल, मोटापा, वजन, हाइपरटेंशन को नियंत्रित करना जरूरी है। इनकी स्थित बिगड़ने पर ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
खान-पान व्यायाम करें
इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी के सीनियर कंस्लटेंट डा. अमनदीप सिंह ने बताया कि खान-पान का ध्यान रख जाए। स्मोकिंग और एल्कोहल ब्रेन स्ट्रोक की संभावना को कई गुणा बढ़ा देती हैं। हेल्दी डाइट जिसमें फल-सब्जियां शामिल हों का सेवन करें। नियमित व्यायाम करना जरूरी है। तली चीजों को कम से कम खाएं।
अब युवाओं को भी खतरा
डा. राहुल महाजन ने कहा कि दिमाग का दौरा उस समय पड़ता है, जब दिमाग की किसी नाड़ी में खून का थक्का (कलॉट) आने या नाड़ी फटने के कारण दिमाग को रक्त की सप्लाई कम हो जाती है। 87 प्रतिशत केस नाड़ी में कलॉट आने पर होते हैं, जिनका इलाज किया जा सकता है। हर मिनट में दिमाग के 19 लाख सेल निष्काम हो जाते हैं।नई तकनीक मैकेनिकल थ्रोम्बैक्टॉमी आने से 24 घंटे के अंदर मरीज का इलाज किया जा सकता है। इस तकनीक द्वारा बिना चीरफाड़ किए सफल इलाज संभव है।