World Bicycle Day: चंडीगढ़ भी बनेगा यूरोप के मशहूर शहर कॉपेनहेगन जैसी साइकिल सिटी, ये है मास्टर प्लान

यूरोप के ग्रीनरी और साइकिलिंग के लिए मशहूर शहर कॉपेनहेगन जैसा ही भारत का चंडीगढ़ शहर भी होगा। मॉर्डन आर्किटेक्चर वर्क के लिए तो यह पहले से ही विश्व विख्यात है। यह इकलौता ऐसा शहर है जिसका ग्रीन कवर कम होने की बजाय बढ़कर करीब 50 फीसद होने को है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 03 Jun 2021 03:29 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jun 2021 03:29 PM (IST)
World Bicycle Day: चंडीगढ़ भी बनेगा यूरोप के मशहूर शहर कॉपेनहेगन जैसी साइकिल सिटी, ये है मास्टर प्लान
चंडीगढ़ के साइकिल ट्रैक में साइकिलिंग करते साइकिलिस्ट।

चंडीगढ़, जेएनएन। World Bicycle Day: यूरोप के ग्रीनरी और साइकिलिंग के लिए मशहूर शहर कॉपेनहेगन जैसा ही भारत का चंडीगढ़ शहर भी होगा। मॉर्डन आर्किटेक्चर वर्क के लिए तो यह पहले से ही विश्व विख्यात है। यह इकलौता ऐसा शहर है जिसका ग्रीन कवर कम होने की बजाय बढ़कर करीब 50 फीसद होने को है। अब जल्द ही यही शहर बाइसाइकिल एंड वॉकिंग कैपिटल के तौर पर भी पहचाना जाने लगेगा।

चंडीगढ़ मास्टर प्लान-2031 में इसका प्रविधान किया गया है। पूर्व चीफ आर्किटेक्ट सुमित कौर ने इस कान्सेप्ट और प्लान से जुड़े कई अनछुए पहलु दैनिक जागरण से साझा किए। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ को डिजाइन करते समय आर्किटेक्ट ली कार्बूजिए ने पहले साइकिल के लिए अलग स्पेस नहीं छोड़ा था। वॉर्किंग सिटी के तौर पर ही डिजाइन किया गया था। जब देखा कि सभी साइकिल से आते-जाते हैं उन्हें मेन रोड से आना पड़ता है तो उन्होंने वी-7 की बजाय वी-8 कैटेगरी में रोड का प्रावधान किया। खुद ली कार्बूजिए और उनकी टीम भी उन दिनों साइकिल पर ही चलती थी। कारों का चलन बेहद कम था।

चंडीगढ़ मास्टर प्लान-2031 में तो यह लक्ष्य तय किया गया है कि चंडीगढ़ को बासाइकिल एंड वॉकिंग कैपिटल ऑफ इंडिया बनाया जाना है। साइकिल से जुड़ी चीजों को मास्टर प्लान में जोड़ने के लिए उन्होंने खूब रिसर्च और काम किया था। यह जानकारी चंडीगढ़ की पूर्व चीफ आर्किटेक्ट सुमित कौर ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में साझा की। कोपेनहेगन और डेनमार्क जैसे कई शहर साइकिल सिटी और पर्यावरण बचाने के लिए पहचान बना चुके हैं। चंडीगढ़ भी ऐसा बन सकता है। प्रशासन को साइकिल को बढ़ावा देने के लिए इन्हें वरियता देनी चाहिए। ऐसे बायलॉज बनाएं जो इनको बढ़ावा दें। ट्रैफिक सिग्नल पर इन्हें रुकना ही न पड़े। चंडीगढ़ का ग्रिड सीधे आगे मोहाली से जुड़ा है। उनको भी इस पर काम करना चाहिए। वाहनों की बढ़ती संख्या पर भी रोक लगाना जरूरी है।

ग्रीन बेल्ट और उसमें साइकिल ट्रैक तो यह फायदे

सुमित कौर ने बताया कि चंडीगढ़ को साइकिल कैपिटल बनाया ही जाना चाहिए। इससे लोग हेल्दी रहेंगे, एक्सीडेंट कम होंगे और एनर्जी बचेगी। यह तीन मुख्य लाभ होंगे। यह सिर्फ प्रशासन के स्तर पर नहीं होगा। लोगों को भी कार का त्याग करना होगा। छोटी-छोटी ट्रिप के लिए कार की बजाय साइकिल चलाएं। पार्किंग की समस्या भी इससे खत्म हो जाएगी। हर सेक्टर में मार्केट, स्कूल ताकि साइकिल से पहुंचा जा सके। आर्किटेक्चरल प्लान में यह सब शामिल।

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