पीजीआइ चंडीगढ़ में ट्रांसफैट सर्विलांस पर कार्यशाला, पंजाब और चंडीगढ़ ने साझा किए सुझाव

बैठक में पंजाब के विभिन्न जिलों के 62 अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला के दौरान राज्य में ट्रांसफैट सर्विलांस का भी शुभारंभ हुआ जिसमें प्रत्येक खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) अपने अधिकार क्षेत्र से कुछ सैंपल एकत्र करेगा और उन्हें ट्रांसफैट के विश्लेषण के लिए राज्य प्रयोगशाला में भेजेगा।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 09:36 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 09:36 AM (IST)
पीजीआइ चंडीगढ़ में ट्रांसफैट सर्विलांस पर कार्यशाला, पंजाब और चंडीगढ़ ने साझा किए सुझाव
बैठक में पंजाब के विभिन्न जिलों के 62 अधिकारियों ने भाग लिया।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। ट्रांसफैट सर्विलांस पर जिला स्तरीय अधिकारियों और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों (एफएसओ) की क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन पीजीआइ चंडीगढ़ में किया गया। वर्कशॉप पीजीआइ के सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल (डीसीएम एंड एसपीएच), सार्वजनिक स्वास्थ्य शिक्षा एवं अनुसंधान के सामरिक संस्थान (सिफर) और खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग पंजाब द्वारा स्टेट एफडीए लैब में आयोजित की गई। इस अवसर पर पीजीआइ चंडीगढ़ द्वारा पंजाब के साथ की जा रही उच्च रक्तचाप परियोजना के पहले चरण की रिपोर्ट भी जारी की गई। बैठक में पंजाब के विभिन्न जिलों के 62 अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला के दौरान राज्य में ट्रांसफैट सर्विलांस का भी शुभारंभ हुआ, जिसमें प्रत्येक खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) अपने अधिकार क्षेत्र से कुछ सैंपल एकत्र करेगा और उन्हें ट्रांसफैट के विश्लेषण के लिए राज्य प्रयोगशाला में भेजेगा।

पंजाब के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त कुमार राहुल ने कहा खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) पंजाब सरकार और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआइ चंडीगढ़) ने विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2021 की पूर्व संध्या पर एक एमओयू साइन किया है। पंजाब राज्य में ट्रांसफैट रेगुलेशन के कार्यान्वयन को मजबूत करने के लिए यह अपनी तरह की अनूठी पहल है, जहां किसी भी राज्य सरकार ने ट्रांसफैट से संबंधित गतिविधियों पर संयुक्त रूप से काम करने के लिए देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान के साथ सहयोग किया है। टाईअप का उद्देश्य 'तंदुरुस्त पंजाब ' उद्देश्य को प्राप्त करना है।

पीजीआइ के सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल के प्रोफेसर डॉक्टर सोनू गोयल ने कहा कि पंजाब राज्य में ट्रांस फैट का अत्यधिक उपयोग गैर-संचारी रोगों के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है, विशेष रूप से उच्च रक्तचाप। यह वर्कशॉप सही समय पर और जरूरत के मुताबिक रही और पंजाब में ट्रांस फैट रेगुलेशन के 2 प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने में सहायक होगी, जिससे ट्रांस फैट रेगुलेशन के मामले में पंजाब को देश के कई राज्यों की तुलना में बढ़त मिलेगी। उन्होंने सभी हितधारकों के लिए लाभ के लिए खाद्य व्यवसाय ऑपरेटरों के साथ भी एक कार्यशाला करने का सुझाव दिया।

पीजीआइ के कम्युनिटी मेडिसिन एंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पूनम खन्ना ने बताया कि पंजाब राज्य में क्षमता निर्माण और ट्रांस फैट सर्विलांस की सुविधा के लिए पीजीआइ प्रशिक्षण के मामले में भागीदार रहेगा। उन्होंने राज्य प्रयोगशाला की एनएबीएल मान्यता को समर्थन देने का प्रस्ताव भी रखा। सिफर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने पंजाब सरकार और पीजीआईएमईआर के संयुक्त प्रयासों की सराहना की और कहा कि सिफर हाइड्रोजनीकृत रिफाइंड तेलों के निर्माण में शामिल उद्योगों की मैपिंग और लिस्टिंग में तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।

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