चंडीगढ़ में कोरोना जांच का खेल, महिला की कोविड टेस्ट रिपोर्ट एक अस्पताल में पॉजिटिव दूसरे में नेगेटिव
चंडीगढ़ के सरकारी अस्पतालों में कोरोना को लेकर खेल चल रहा है। कोरोना टेस्ट करवाने पर अलग-अलग अस्पताल अलग-अलग रिपोर्ट दे रहे हैं। एक ही इंसान की किसी अस्पताल में कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव है तो दूसरे अस्पताल में उसे पॉजिटिव बता दिया जाता है।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ के सरकारी अस्पतालों में कोरोना को लेकर खेल चल रहा है। कोरोना टेस्ट करवाने पर अलग-अलग अस्पताल अलग-अलग रिपोर्ट दे रहे हैं। एक ही इंसान की किसी अस्पताल में कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव है तो दूसरे अस्पताल में उसे पॉजिटिव बता दिया जाता है। ऐसे में लोग परेशान हैं कि आखिर उन्हें कोरोना हुआ है या नहीं।
डड्डूमाजरा डपिंग ग्राउंड के ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष दयाल कृष्ण का कहना है कि कोरोना भयंकर बीमारी का रूप धारण कर चुका है पूरे शहर में ऑक्सीजन को लेकर अलग-अलग खबरें आ रही हैं। इसी के बीच कोविड को लेकर खेल खेला जा रहा है। इस वजह से लोग मानसिक तौर पर भी परेशान होते जा रहे हैं।
चंडीगढ़ का एक सरकारी हॉस्पिटल में कोरोना पॉजिटिव बता दिया जाता है और दूसरे सरकारी हॉस्पिटल में उसी को नेगेटिव बता दिया जाता है। इसकी वजह से लोगों का विश्वास सरकारी अस्पतालों से उठता जा रहा है। डड्डूमाजरा कॉलोनी के एक व्यक्ति ने 13 तारीख को सेक्टर-16 स्थित जीएमएसएच में अपनी पत्नी की कोरोना जांच करवाई। जिसकी रिपोर्ट अगल दिन मिली, जिसमें महिला को कोरोना पॉजिटिव बता दिया जाता है। फिर दोबारा महिला का जीएमसीएच सेक्टर-32 में कोरोना टेस्ट करवाया गया तो वहां की रिपोर्ट नेगेटिव आती है।
दयाल कृष्ण कहना है कि हम लोग किस की रिपोर्ट को सही माने और क्या करें। इसलिए इस बीमारी से भी लोगों का विश्वास उठता जा रहा है। इससे अगर कोरोना नहीं भी है तो भी मानसिक तनाव बढ़ रहा है जोकि हानिकारक हो सकता है। लोग यह सोचने को मजबूर हैं कि वह कोरोना की जांच कहां से कराएं जिसकी रिपोर्ट सही हो। उन्होंने प्रशासन को इसकी जांच की मांग की है। वहीं, कोरोना चेन तोड़ने के लिए चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने शहर में टेस्टिंग बढ़ा दी गई है। मोबाइल टेस्टिंग टीमें भी लगाई गई हैं।