बिना सर्टिफिकेट Whatsapp Message या इलेक्ट्रानिक सुबूत स्वीकार्य नहीं, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने किया स्पष्ट

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक मामले में स्पष्ट किया है कि वाट्सएप मैसेज या किसी भी इलेक्ट्रानिक सबूत को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसके लिए सेक्शन 65बी के तहत सर्टिफिकेट लिया जाना जरूरी है ।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 11:42 AM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 11:42 AM (IST)
बिना सर्टिफिकेट Whatsapp Message या इलेक्ट्रानिक सुबूत स्वीकार्य नहीं, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने किया स्पष्ट
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की सांकेतिक फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान साफ कर दिया है कि इंडियन एविडेंस एक्ट के सेक्शन 65बी के तहत यदि सर्टिफिकेट नहीं लिया गया है तो Whatsapp मैसेज या किसी भी इलेक्ट्रानिक सबूत को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसके लिए इंडियन एविडेंस एक्ट के सेक्शन 65बी के तहत आधिकारिक अफसर से सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है। हाई कोर्ट की जस्टिस जय श्री ठाकुर ने यह आदेश एनडीपीएस मामले में आरोपित पटियाला निवासी आरके सिंगला की नियमित जमानत की मांग पर सुनवाई करते हुए दिया। 

याचिका में बताया गया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को सूचना मिली थी कि दो कंसाइनमेंट में नशीला पदार्थ भेजा जा रहा है। सूचना मिलने पर पुलिस डीटीडीसी कोरियर के पंचकूला कार्यालय में पहुंची तो पता चला कि यह कंसाइनमेंट परमजीत कौर भेज रही हैं। परमजीत कौर को बुलाया गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि इसे वही भेज रही हैं। इसे खोला तो इसमें ट्रामाडॉल हाईड्रोक्लोराइड की 10 हजार गोलियां मिलीं।

दूसरा कंसाइनमेंट फिरोजपुर भेजा गया था और एनसीबी ने वहां जाकर इसे खोला तो 57 हजार गोलियां मिलीं। पुलिस ने फिरोजपुर से भावेश और पंचकूला से परमजीत कौर को गिरफ्तार किया। परमजीत कौर ने बताया कि यह कंसाइनमेंट आरके सिंगला के कहने पर उसने भावेश को भेजी था और उसे नहीं पता था कि इसमें क्या है। एनसीबी ने आरके सिंगला को भी गिरफ्तार कर लिया और तब से वह भी पुलिस हिरासत में हैं। याची ने कहा कि केवल किसी के बयान के आधार पर उसे इस मामले में नहीं घसीटा जा सकता है। एनसीबी ने कहा कि परमजीत कौर और आरके सिंगला के बीच Whatsapp संदेशों के स्क्रीनशाट का रिकार्ड एनसीबी के पास है।

इस पर हाई कोर्ट ने एनसीबी से पूछा क्या इंडियन एविडेंस एक्ट के तहत Whatsapp संदेशों के स्क्रीनशाट का सेक्शन 65बी का सर्टिफिकेट मौजूद है। एनसीबी का जवाब न में मिला तो हाई कोर्ट ने कहा कि इन मैसेज की सुबूत के रूप में कोई स्वीकार्यता नहीं है। कोर्ट ने साफ कर दिया कि एविडेंस एक्ट के तहत यदि सर्टिफिकेट नहीं लिया गया तो Whatsapp मैसेज या इलेक्ट्रॉनिक सबूत स्वीकार्य नहीं।

इस टिप्पणी के साथ ही हाई कोर्ट ने याची को नियमित जमानत दे दी। हालांकि जमानत के लिए हाई कोर्ट ने उसे 10 लाख रुपये जमा करवाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि इंडियन एविडेंस एक्ट के तहत Whatsapp संदेशों के स्क्रीनशाट का सेक्शन 65बी के तहत सर्टिफिकेट लेने पर एनसीबी इनको सुबूत के तौर पर प्रयोग कर सकती है।  

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