एयरफोर्स स्टेशन की सुरक्षा के लिए खतरा बने अवैध निर्माण
गांव नाभा से एयरफोर्स स्टेशन को जाने वाली मुख्य सड़क पर एयरफोर्स अथॉरिटी की ओर से नोटिस बोर्ड लगाकर उनके दायरे में आने वाली जमीन पर किसी तरह की कंस्ट्रक्शन न करने की सख्त हिदायत दी गई है।
संदीप कुमार ,जीरकपुर
गांव नाभा से एयरफोर्स स्टेशन को जाने वाली मुख्य सड़क पर एयरफोर्स अथॉरिटी की ओर से नोटिस बोर्ड लगाकर उनके दायरे में आने वाली जमीन पर किसी तरह की कंस्ट्रक्शन न करने की सख्त हिदायत दी गई है। बताया गया है कि यह एरिया एयरफोर्स अथॉरिटी के अधीन है। इसलिए 900 मीटर के दायरे में कोई कंस्ट्रक्शन नहीं किया जा सकता। मगर पाबंदी के बावजूद इस सड़क के दोनों तरफ तीन से चार मंजिला शोरूम व दुकानें बना दी गई हैं।
रक्षा मंत्रालय ने चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन के नौ सौ मीटर दायरे में हर प्रकार के काम पर प्रतिबंध लगाने के लिए वर्ष 2001 में अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद वर्ष 2003 में चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन को सी श्रेणी में रखा गया। इसी वर्ष रक्षा मंत्रालय ने दूसरी अधिसूचना जारी की, जिसमें नौ सौ मीटर को कम करके सौ मीटर कर दिया और वहां हर प्रकार के काम पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन इस पर प्रशासन की तरफ से प्रतिबंधित क्षेत्र को नोटिफाइड नहीं किया गया। जिसको लेकर रक्षा मंत्रालय ने जनवरी 2010 को नया नोटिफिकेशन फिर जारी किया। इसी को लेकर किसी ने जनहित याचिका हाई कोर्ट में दायर की। जिस पर यह सुनवाई चल रही है।
18 एकड़ जमीन पर शुरू हुए निर्माण प्रोजेक्ट सवालों के घेरे में
यही नहीं इस सड़क पर एयरफोर्स की बाउंड्री लाइन से 200 से 300 मीटर के दायरे में एसबीपी ग्रुप की ओर से 18 एकड़ जमीन पर बड़ा प्रोजेक्ट भी शुरू किया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर अगर बात करें तो जिस तरह से एयरफोर्स एरिया के इर्द-गिर्द निर्माण कार्य जारी है उससे एयरफोर्स स्टेशन को बहुत बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। क्या हैं नियम
नियम के अनुसार एयरफोर्स के नजदीक किसी तरह का निर्माण कार्य वर्जित है। जहां निर्माण कार्य करने की अनुमति है, वहां भी एक मंजिल से ज्यादा की इमारत नहीं बन सकती। एयरफोर्स अथॉरिटी ने कुछ साल पहले बंद करवा दिया था रास्ता
सुरक्षा के लिहाज से कुछ साल पहले एयरफोर्स अथॉरिटी ने यह रास्ता बंद भी कर दिया था, जिस पर गांव नाभा के लोगों ने अदालत की ओर रुख किया था। अदालत के फैसले अनुसार केवल नाभा गांव वालों को इस सड़क का इस्तेमाल करने की अनुमति मिली थी, लेकिन बाद में इसे कामन सड़क के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा। एयरफोर्स अथॉरिटी ने एक्वायर की थी जमीन
एयरफोर्स अथॉरिटी द्वारा लगाए गए नोटिस बोर्ड अनुसार व रेवेन्यू रिकार्ड के अनुसार एयरफोर्स की यह 110 फुट रोड है। जिसके इर्दगिर्द निर्माण कार्य पर पाबंदी है। एयरफोर्स अथॉरिटी ने गांव वालों से यह जमीन एक्वायर की थी। लोगों ने बताया कि वर्ष 2000 में नगर काउंसिल जीरकपुर के अस्तित्व में आने से पहले इस क्षेत्र में गोदाम बने हुए थे। यहां जमीन सस्ती होने के कारण धीरे-धीरे लोगों ने इस क्षेत्र में अपने सपनों के आशियानें भी बनाने शुरू कर दिए। 2005 के बाद तो यहां आबादी बसने का सिलसिला शुरू हो गया। ऊंची कीमत के लालच में यहां के किसानों ने अपनी जमीन प्लाटिग कर बेचनी शरू कर दी। आज स्थिति यह है कि इस इलाके में आलीशान इमारतों की भरमार है।
नई नोटिफिकेशन वर्ष 2013 को जारी हुई थी। इसमें 900 मीटर एरिया को घटाकर 100 मीटर कर दिया था। यह बोर्ड पुराने लगे हैं। रही बात सड़क के दोनों तरफ कंस्ट्रक्शन की तो वह 82 फुट मास्टर प्लान रोड है। मास्टर प्लान के अनुसार जितना सैट बैक एरिया छोड़ना होता है उतना ही छोड़कर कंस्ट्रक्शन की गई है।
- संदीप तिवारी, ईओ नगर काउंसिल जीरकपुर।