6th Pay Commission Update : पंजाब में छठे वेतन आयोग में कर्मचारियों को क्या मिला, किन सिफारिशों को नहीं माना सरकार ने, पढ़ें डिटेल...
पंजाब सरकार ने राज्य के कर्मचारियों व पेंशनरों को छठा वेतन आयोग देने की मंजूरी तो दे दी है लेकिन कई ऐसी सिफारिशें हैं जिन्हें सरकार ने नहीं माना बल्कि कोरोना के फ्रंट लाइनर डाक्टरों का नान प्रेक्टिस अलाउंस पांच फीसद घटा दिया गया।
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब के करीब छह लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करके मालामाल करने का दावा करने वाली सरकार की पोल कर्मचारियों ने ही खोल दी है। कैबिनेट की ओर से जिस रिपोर्ट को मंजूरी दी गई है उनमें कई ऐसे भत्ते हैं जिन्हें आयोग ने बढ़ाने की सिफारिश की थी उनमें से कई सरकार ने मानी ही नहीं, जबकि जिन भत्तों को कम करने की सिफारिश की थी वह सरकार ने पूरी कर दी।
सबसे खास बात पिछले डेढ़ साल से कोरोना के खिलाफ फ्रंट लाइनर डाक्टरों की है। सरकारी डाक्टरों को प्राइवेट प्रेक्टिस न करने के बदले दिया जाने वाला नान प्रेक्टिस अलाउंस (एनपीए) 25 फीसद से घटाकर 20 फीसद कर दिया गया है। इसके साथ ही इसे बेसिक पे से हटा दिया गया है। यानी इस पर कोई डीए, मकान किराया भत्ता नहीं मिलेगा। वित्त विभाग का दावा है कि ऐसा करने से सरकार का 1.84 करोड़ रुपये प्रति महीना बचेंगे।
पशुपालन विभाग से रिटायर संयुक्त निदेशक डा. गुरिंदर सिंह वालिया ने सरकार के इस कदम आलोचना करते हुए कहा कि पिछले वेतन आयोग और सरकारों ने डाक्टरों को यह भत्ता उनकी लंबी पढ़ाई और नौकरी में देरी में आने की भरपाई के फलस्वरूप दिया था। इसे कम करने और बेसिक पे से डी-लिंक करना सही नहीं है।
यह सिफारिशें नहीं मानीं वित्त विभाग ने
यह भत्ते आयोग ने ही घटाए मकान भत्ता: ए केटेगरी के लिए 30 फीसद से घटाकर 24 फीसद किया। बी केटेगरी के लिए 20 फीसद से घटाकर 16 फीसद किया। सी केटेगरी के लिए 12.5 फीसद से घटाकर 10 फीसद किया। डी केटेगरी के लिए 10 फीसद से घटाकर आठ फीसद किया। रूरल एरिया भत्ता और सीसीए : छह फीसद से घटाकर पांच फीसद किया। शहरी भत्ता जो 120 रुपये प्रति माह मिलता था उसे खत्म कर दिया।
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