चंडीगढ़ में 39 करोड़ से बढ़ेगी वाटर स्टोरेज कैपेसिटी, दो साल में प्रोजेक्ट होगा पूरा, एक दिन की जरूरत का पानी सहेज सकेंगे

Water storage capacity ः चंडीगढ़ में शुक्रवार को प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने पंजाब राजभवन से सेक्टर-39 वाटर वर्कर्स के प्रोजेक्ट का वर्चुअली शिलान्यास किया। शहर में अब पानी की सप्ला बाधित होने पर बिना पानी नहीं रहना पड़ेगा।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 11:45 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 11:45 AM (IST)
चंडीगढ़ में 39 करोड़ से बढ़ेगी वाटर स्टोरेज कैपेसिटी, दो साल में प्रोजेक्ट होगा पूरा, एक दिन की जरूरत का पानी सहेज सकेंगे
चंडीगढ़ में 39 करोड़ रुपये की लागत से वाटर स्टोरेज कैपेसिटी को दोगुणा किया जाएगा।

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर को पानी की सप्लाई बाधित होने पर अब बिना पानी के नहीं रहना पड़ेगा। कम से कम एक दिन की जरूरत का पानी हमेशा सहेज कर रखा जा सकेगा। 39 करोड़ रुपये की लागत से शहर की वाटर स्टोरेज कैपेसिटी को दोगुणा किया जाएगा। शुक्रवार को प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने पंजाब राजभवन से सेक्टर-39 वाटर वक्र्स के इस प्रोजेक्ट का वर्चुअली शिलान्यास किया। इस दौरान वाटर वक्र्स में मेयर राजबाला मलिक, कमिश्नर केके यादव सहित अन्य अधिकारी और काउंसलर मौजूद रहे। प्रशासक ने इस मौके पर कहा कि यह प्रोजेक्ट क्लीयर वाटर टैंक की क्षमता 15 से 17 मिट्रिक टन हो जाएगी। पंपिंग मशीनरी भी इसमें शामिल होगी। इससे पंप हाउस रिसाइकिल और जरूरी लाइन बिछाई जा सकेंगी। इस प्रोजेक्ट के बाद शहरवासी सुरक्षित और स्वच्छ पानी की सप्लाई दिन में तीन बार प्राप्त कर सकेंगे।

इन सुविधाओं का लंबे समय तक लाभ लिया जा सके इसके लिए लोगों को भी सहयोग करना होगा। पानी व्यर्थ न बहे इस पर ध्यान देना होगा। एडवाइजर मनोज परिदा ने कहा कि नगर निगम ईज ऑफ लिविंग पर काम कर रहा है। बेहतर पानी सप्लाई भी इसी दिशा में एक कदम है। इससे लोगों की जिंदगी और बेहतर होगी। मेयर राजबाला मलिक ने लगातार प्रयास के लिए प्रशासक का आभार व्यक्त किया। जब भी जरूरत हुई प्रशासक ने नगर निगम को बजट दिया है। उन्होंने सांसद किरण खेर का भी वाटर स्टोरेज अपग्रेड करने पर आभार जताया। एमसी कमिश्नर केके यादव ने कहा कि सेक्टर-39 वाटर वक्र्स की रॉ वाटर कैपेसिटी 48 एमजीडी है। जबकि क्लीयर वाटर कैपेसिटी 15 एमजीडी है। अभी तक क्लीयर वाटर क्षमता से आधे दिन का काम ही चल पाता है। अगर कहीं लाइन में दिक्कत या ब्रेकडाउन हो जाता है तो सप्लाई बाधित हो जाती है।

कजौली वाटर वक्र्स से अगर यह समस्या होती है तो ठीक करने में कम से कम एक दिन लगता है। लेकिन अब अगर ऐसा कुछ होता है तो एक दिन की पूरी स्टोरेज कैपेसिटी हो जाएगी। हाइट बढ़ने से रॉ वाटर टैंक की क्षमता 48 से 92 हो गई है। प्रोजेक्ट दो साल में पूरा होगा। इस पर 39 करोड़ खर्च आएगा। जिसमें यूटी प्रशासन 28 करोड़ और स्मार्ट सिटी लि. 11 करोड़ खर्च करेगी। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद वाटर वक्र्स की कुल वाटर स्टोरेज कैपेसिटी बढ़कर 109 एमजीडी हो जाएगी।

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