चंडीगढ़ की Sukhna Lake में 1163 फीट पहुंचा जलस्तर, खोलने पड़ सकते हैं फ्लड गेट, रिहायशी एरिया की बढ़ी परेशानी
अगर फ्लड गेट खोले जाते हैं तो लेक का पानी सीधा चौ के रास्ते घग्गर नदी में पहुंचेगा। चौ के रास्ते में किशनगढ़ बापूधाम इंडस्ट्रियल एरिया स्थित चार नंबर कॉलोनी और बलटाना जैसे रेजिडेंशियल एरिया पड़ते हैं। इन एरिया से कई बार लोग सुखना चौ के किनारे आ जाते हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर में हो रही बारिश चंडीगढ़ की लाइफलाइन सुखना लेक के लिए संजीवनी साबित हो रही है। साथ ही इसका बढ़ता जलस्तर सुखना चौ के साथ लगते रिहायसी इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ा रहा है। बीते कल देर रात तक हुई बारिश के बाद सुखना का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंचने के बाद एक बार फिर फ्लड गेट खोलने की नौबत आ गई है। फ्लड गेट खोलकर पानी सुखना चौ में छोड़ने की तैयारी है।
अगर फ्लड गेट खोले जाते हैं तो लेक का पानी सीधा चौ के रास्ते घग्गर नदी में पहुंचेगा। चौ के रास्ते में किशनगढ़, बापूधाम, इंडस्ट्रियल एरिया स्थित चार नंबर कॉलोनी और बलटाना जैसे रेजिडेंशियल एरिया पड़ते हैं। इन एरिया से कई बार लोग सुखना चौ के किनारे आ जाते हैं। लेक से छोड़े जाने पर पानी का बहाव काफी तेज होता है इसलिए अलर्ट जारी किया है। इन सभी एरिया में अलर्ट होता है। पुलिस मौके पर तैनात होती है।
वीरवार शाम को बरसात के बाद ही सुखना लेक में जलस्तर 1163 फीट पहुंच गया है। यह वह स्तर है जब लेक से पानी छोड़ना जरूरी होता है। अब बरसात अगर जारी रहती है तो इसे ज्यादा देर तक होल्ड नहीं किया जा सकता। पिछली बरसात के बाद ही लेक का जलस्तर 1162.7 फिट तक पहुंच गया था। इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की टीम अब जलस्तर की लगातार मॉनीटरिंग कर रही है। अगर बरसात का दौर एक दो घंटे और जारी रहा तो रात को कभी भी सुखना के फ्लड गेट खोले जा सकते हैं। रात निकली तो शुक्रवार को सुबह तो खोलने ही पड़ेंगे।
डूब गया था बलटाना एरिया
पिछले साल लेक से पानी छोड़े जाने की वजह से बलटाना एरिया में बाढ़ की स्थिति हो गई थी। पुलिस चौकी तक डूब गई थी। यहां जिंदगी काफी प्रभावित हुई थी। इस बार भी पानी छोड़े जाने का डर बना हुआ है। इस एरिया में जलभराव का डर लोगों के मन में बना हुआ है। पहली बार होगा जब एक ही साल में तीसरी बार सुखना के फ्लड गेट खोलने पड़ेंगे। इससे पहले आठ अगस्त में दो बार फ्लड गेट खोलकर पानी छोड़ा गया था। हालांकि उस समय पानी काफी कम छोड़ा था। लग रहा था कि शायद दोबारा नौबत नहीं आएगी।