सिगल यूज प्लास्टिक के डिफाल्टर्स ने 15 तक चालान राशि जमा नहीं कराई तो कटेगा बिजली-पानी कनेक्शन

पर्यावरण बचाने और चंडीगढ़ को सिगल यूज प्लास्टिक फ्री बनाने के लिए सिगल यूज प्लास्टिक/थर्मोकोल पर पूर्ण पाबंदी लगा रखी है। सितंबर 2019 में जारी इस नोटिफिकेशन के बाद इन आदेशों की अवहेलना करने पर रेजिडेंट्स शॉप ऑनर्स रेहड़ी वालों के लिए चालान किए गए थे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 07:01 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 07:20 PM (IST)
सिगल यूज प्लास्टिक के डिफाल्टर्स ने 15 तक चालान राशि जमा नहीं कराई तो कटेगा बिजली-पानी कनेक्शन
सिगल यूज प्लास्टिक के डिफाल्टर्स ने 15 तक चालान राशि जमा नहीं कराई तो कटेगा बिजली-पानी कनेक्शन

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :

पर्यावरण बचाने और चंडीगढ़ को सिगल यूज प्लास्टिक फ्री बनाने के लिए सिगल यूज प्लास्टिक/थर्मोकोल पर पूर्ण पाबंदी लगा रखी है। सितंबर 2019 में जारी इस नोटिफिकेशन के बाद इन आदेशों की अवहेलना करने पर रेजिडेंट्स, शॉप ऑनर्स, रेहड़ी वालों के लिए चालान किए गए थे। इन सभी को पर्यावरण भवन सेक्टर-19 स्थित चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (सीपीसीसी) ऑफिस में चालान जमा कराना था, लेकिन यह जानकारी निकल कर आई है कि इनमें से 800 डिफाल्टर्स ने अपने चालान अभी तक जमा नहीं कराए हैं। कई के चालान तो बहुत समय पहले हुए थे। अब इन सभी डिफॉल्टर्स को चालान जमा कराने का अंतिम मौका सीपीसीसी ने दिया है। 15 दिसंबर तक चालान जमा नहीं किया तो इनके बिजली और पानी के कनेक्शन काटे जाएंगे। दुकान या यूनिट को सील किया जाएगा। इसके अलावा वायलेटर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। जिसके तहत पांच साल तक की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना वसूल किया जाएगा। पहली बार सीपीसीसी ने इतने सख्त आदेश जारी किए हैं। एन्वायरमेंट प्लान में किया गया शामिल

हाल ही में प्रशासन ने चंडीगढ़ एन्वायरमेंट प्लान जारी किया है। इस प्लान में सिगल यूज प्लास्टिक बैन को भी शामिल किया गया है। जिसके तहत इसके इस्तेमाल को रोकने का एक्शन प्लान भी दिया गया है। एक्शन प्लान में इसी तरह की कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट (पीडब्ल्यूएम)-2016 रेग्युलेशन को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है। सभी विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि अपने अपने एरिया के बाजारों में प्लास्टिक पर रोक लगाई जाए। इसके लिए टीमें तैनात की जाए और बैन प्लास्टिक आइटम्स के साथ पकड़े जाने वालों पर कार्रवाई की जाए। सीपीसीसी जागरूकता पर खर्च करेगी फंड

जो फंड चालान की फीस से सीपीसीसी के पास जुटता है उसे जागरूकता अभियान पर खर्च करना होता है। पर्यावरण बचाने की विभिन्न एक्टिविटी करानी होती हैं। इसके लिए सीपीसीसी कपड़े के बैग बांटना, ड्राइंग कंपीटीशन जैसे इवेंट कराता रहा है। यह प्लास्टिक नहीं कर सकते इस्तेमाल

- सिगल यूज प्लास्टिक कटलरी (प्लेट, कप, गिलास, बाउल, फोर्क, चाकू, स्पून, स्ट्रा)

- थर्मोकॉल, स्टीरोफोम कटलरी सिगल यूज प्लास्टिक कंटेनर्स (डिश बाउल, ट्रे, गिलास)

- प्लास्टिक जो सिल्वर और एल्युमीनियम के नाम पर बिकता है

- ड्रिकिग वॉटर सील्ड गिलास, प्लास्टिक मिनरल वॉटर पाउच

- सिगल टाइम यूज रेजर्स

- यूज एंड थ्रो पेन

- डेकोरेशन के लिए इस्तेमाल होने वाला थर्माकोल

- डेकोरेशन के लिए इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक सामान रैपिग, पैकिग, शीट्स, फ्रिल्स, गारलैंड, कनफेटी, पार्टी ब्लूपर्स, प्लास्टिक रिबन

- नॉन वोवन पॉलीप्रोपिलिन बैग

- किसी भी साइज या रंग के हैंडल और बिना हैंडल वाले पॉलीथिन प्लास्टिक कैरी बैग

- 50 माइक्रोन से कम कोई भी किसी तरह की इंडस्ट्रियल पैकेजिग

- ईयर बड प्लास्टिक स्टिक, बैलून, फ्लैग और कैंडिज

- 500 मिलीलीटर से कम के प्लास्टिक रिफिल पाउच

- टेट्रा पैक के साथ मिलने वाली स्ट्रा

- फूड स्नैक्स के लिए इस्तेमाल होने वाली मल्टीलेयर पैकेजिग

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