नगर कौंसिल चुनावः मोहाली के जीरकपुर में मतदाता बोले- समस्या का जो कराए समाधान, उसी को मतदान
मोहाली के जीरकपुर में 14 फरवरी को होने वाले नगर कौंसिल चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। नगर कौंसिल चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होते ही राजनीतिक दल अपनी चुनावी गोटियां सेट करने में लग गए हैं।
जीरकपुर, जेएनएन। 14 फरवरी को होने वाले नगर कौंसिल चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होते ही एक तरफ जहां राजनीतिक दल अपनी चुनावी गोटियां सेट करने में लग गए हैं। वहीं, मतदाता लोकतंत्र के इस महापर्व पर क्षेत्र के विकास व व्याप्त समस्याओं से निजात दिलाने वाले रहनुमा को ही अपना प्रतिनिधि चुनना चाहते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं ने कहा कि इस बार पार्टी नहीं उम्मीदवार देखकर मतदान करेंगे।
जीरकपुर के वार्ड नंबर 19 जो महिलाओं के लिए आरक्षित वार्ड है, को लेकर प्रचार-प्रसार में लगी कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल दोनों ही पार्टियों के संभावी उम्मीदवारों को मतदाताओं की तीखी खरी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ रहा है। दोनों ही पार्टियों के संभावित प्रत्याशियों व उनके नेताओं से वोटर बुरी तरह खफा हैं।
मतदाताओं के पास शिकायतों का अंबार है, तो प्रत्याशियों के पास हाथ जोड़कर उनकी शिकायतों को सुनने के अलावा कोई चारा नहीं। मतदाताओं की खरी खोटी सुनने के बाद भी संभावित प्रत्याशी काम करवाने का आश्वासन देकर वोट मांगते देखे गए। प्रत्याशियों एवं पार्टी पदाधिकारियों के पास मतदाताओं से वोट मांगने से पहले बताने को ऐसा कोई विकास का मुद्दा नहीं था, जिसके आधार पर वो अपनी दावेदारी जता सके।
प्रत्याशियों को पहचानते तक नहीं मतदाता
चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं से पूछा गया कि क्या आप प्रत्याशियों को पहचानते हो तो जबाव आया नहीं। लोगों ने कहा कि आज से पहले प्रत्याशियों को कभी देखा ही नहीं। दोनों ही प्रत्याशी स्थानीय होने के बावजूद उनके क्षेत्र के मतदाता उनको जानते तक नहीं।
वोट मांगने के लिए घर-घर आते, जीतने के बाद मुंह तक नहीं दिखाते
वोट मांगने आए प्रत्याशियों एवं पार्टी नेताओं के सामने मतदाताओं की सबसे बड़ी शिकायत थी कि वोट मांगने के समय तो प्रत्याशी एवं पदाधिकारी घर-घर आते हैं, मगर जीतने के बाद शक्ल तक नहीं दिखाते। लोगों ने कहा कि जीतने के बाद कोई आकर हमारी समस्या का समाधान तो दूर आकर वार्ड में चक्कर तक नहीं लगाते।
लोगों को राशन कार्ड बनाने के लिए कई बार पार्षद व विभाग के चक्कर लगाने पड़े, मगर किसी ने मदद नहीं की। वहीं, नाराज महिलाओं को मनाने के लिए प्रत्याशी व अन्य नेताओं ने हाथ-जोड़ते हुए आश्वासन देते हुए कहा कि जीतने के बाद सभी काम करवाएंगे और इस बार शिकायत का मौका नहीं देंगे।