पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी की चंडीगढ़ स्थित कोठी में 8 घंटे तक चली विजिलेंस की रेड, रात तीन बजे लौटी टीम

विजिलेंस टीम की ओर से पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी के सेक्टर 20 स्थित आवास पर दबिश दिए जाने के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। सैनी के सुरक्षाकर्मियों ने गेट को ताला लगाकर विजिलेंस टीम को अंदर जाने से रोका। इसके बाद स्थानीय पुलिस को बुलाया गया।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 11:45 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 11:45 AM (IST)
पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी की चंडीगढ़ स्थित कोठी में 8 घंटे तक चली विजिलेंस की रेड, रात तीन बजे लौटी टीम
सेक्टर 20 स्थित पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी की कोठी पर जांच करते विजिलेंस की टीम।

कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी की चंडीगढ़ सेक्टर-20 स्थित कोठी में सोमवार शाम पंजाब विजिलेंट की टीम आ पहुंची। विजिलेंस टीम ने रात तीन बजे तक करीब 8 घंटे तक रेड कर दस्तावेजों की जांच की। इस दौरान सैनी के वकील रमनप्रीत सिंह, स्थानीय सेक्टर-19 थाना प्रभारी मलकित सिंह की मौजूदगी में कोठी में जाने की मिली अनुमति पर विजिलेंस के पांच से सात अधिकारियों को बारी-बारी कोठी में दस्तावेजों की जांच की। हालांकि, सैनी के नहीं मिलने पर विजिलेंस की टीम दस्तावेजों को खंगालकर साथ लेकर गई है।

जानकारी के अनुसार मामला चंडीगढ़ स्थित सेक्टर 20 की 3048 की कोठी का है, जिसमें मोहाली कोर्ट की तरफ से कोठी विवाद में 10 दिन पहले कोठी को अटैच किया था, जिस मामलें में एक नई एफआइआर पंजाब विजिलेंस ने दर्ज की है। इसमें 5 से 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं, सैनी के वकील ने मीडिया से देर रात कहा कि जल्द ही मामले में प्रेस कांफ्रेंस करके जानकारी देंगे।

यूटी पुलिस के आने तक विजिलेंस टीम को दो घंटे तक करना पड़ा इंतजार

अधिवक्ता रमनप्रीत सिंह ने विजिलेंस से कहा कि यह प्राइवेट प्रापर्टी है। आपकी कस्टडी में यह प्रापर्टी नहीं है, इसलिए वह उसे नहीं रोक सकते। आपने जो कार्रवाई करनी है, उसके लिए पहले स्थानीय पुलिस (यूटी पुलिस) को सूचित करें। इस पर विजिलेंस अधिकारियों ने कहा कि वह उनके काम में दखलअंदाजी कर रहे हैं। वे पूरी तरह से कानून के मुताबिक काम कर रहे हैं। स्थानीन सेक्टर-19 थाना प्रभारी मलकित सिंह सहित टीम के आने तक विजिलेंस टीम को करीब दो घंटे बाहर खड़े होकर इंतजार भी करना पड़ा था।

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