चंडीगढ़ भवन विद्यालय के स्टूडेंट वेदांत सैनी ने IMO के अंतिम दौर के लिए किया क्वालीफाई, जुलाई में होगी प्रतियोगिता

वेदांत ने बताया कि गणित उनका शुरू से ही पसंदीदा सब्जेक्ट रहा है। जब उन्हें इस प्रतियोगिता के बारे में पता चला तो उन्होंने इसमें भाग लेने का मन बनाया। प्रतियोगिता के लिए उन्होंने सिर्फ उसी चीज पर फोकस रखा जो वह रोजाना करते थे।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 04:44 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 04:44 PM (IST)
चंडीगढ़ भवन विद्यालय के स्टूडेंट वेदांत सैनी ने IMO के अंतिम दौर के लिए किया क्वालीफाई, जुलाई में होगी प्रतियोगिता
चंडीगढ़ भवन विद्यालय के छात्र वेदांत सैनी।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ के सेक्टर-27 स्थित भवन विद्यालय के दसवीं कक्षा के छात्र वेदांत सैनी ने प्रतिष्ठित  इंटरनेशनल मैथ ओलंपियाड (IMO)के अंतिम दौर के लिए क्वालीफाई कर लिया है। उनकी इस उपलब्धि से परिवार सहित स्कूल शिक्षक भी काफी खुश हैं। बता दें कि वेदांत 6 सदस्यीय भारतीय दल के सबसे कम उम्र के सदस्य हैं। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता अगले माह जुलाई में होगी।

इंटरनेशनल मैथ ओलंपियाड (IMO) का फाइनल मुकाबला 14 और 24 जुलाई को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में ऑनलाइन मोड में आयोजित किया जाएगा। कोविड-19 महामारी के कारण आइएमओ की नियमित 4-चरण चयन प्रक्रिया को घटा कर 3-चरणों का कर दिया गया था। पहला चरण गणित शिक्षक संघ (इंडिया) की ओर आयोजित आइओक्यूएम की तीन घंटे की परीक्षा थी। होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन (HBCSE) की ओर से आयोजित इंडियन नेशनल मैथमेटिकल ओलंपियाड (INMO), TIFR ने स्टेज 2 की परीक्षा ली गई थी। तीसरा चरण HBCSE की ओर से आयोजित इंटरनेशनल मैथमेटिकल ओलंपियाड ट्रेनिंग कैंप (IMOTC) था।

वेदांत सैनी ने अपने तेज दिमाग से न केवल इन तीनों स्तरों में विजयी रहे बल्कि वह प्रतियोगिता के अंतिम स्तर के लिए क्वालीफाई कर गए हैं। कोरोना महामारी की गंभीरता को देखते हुए आइएमओ आयोजकों ने लगातार वीडियोग्ररफी की निगरानी के तहत गंभीर रूप से प्रभावित देशों के छात्रों को अपने घरों से परीक्षा देने की अनुमति दी है। वहीं वेदांत चंडीगढ़ स्थित अपने घर से परीक्षा देंगे। वेदांत की सफलता पर स्कूल की प्रिंसिपल विनीता अरोड़ा ने वेदांत और उनके माता-पिता को बधाई दी और उन्हें अंतिम दौर के लिए शुभकामनाएं दी।

वेदांत ने बताया कि गणित उनका शुरू से ही पसंदीदा सब्जेक्ट रहा है। जब उन्हें इस प्रतियोगिता के बारे में पता चला तो उन्होंने इसमें भाग लेने का मन बनाया। प्रतियोगिता के लिए उन्होंने सिर्फ उसी चीज पर फोकस रखा जो वह रोजाना करते थे। इसकी मदद से वह इस मुकाम तक पहुंचाने वाले भारतीय दल में सबसे छोटी उम्र के सदस्य हैं।

chat bot
आपका साथी