पशुओं को मुहंखुर से बचाने के लिए वैक्सीनेशन शुरू
नेशनल एनिमल डिजिज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत बुधवार को चंडीगढ़ में ब्रुसेलोसिस वैक्सीन के पहले राउंड की शुरुआत हुई।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नेशनल एनिमल डिजिज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत बुधवार को चंडीगढ़ में ब्रुसेलोसिस वैक्सीन के पहले राउंड की शुरुआत हुई। गांव मलोया में एनिमल हसबेंड्री एंड फिशरीज डिपार्टमेंट ने इसकी शुरुआत की। डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी एसएस गिल ने कहा कि नेशनल एनिमल डिजिज कंट्रोल प्रोग्राम एक सेंट्रल गवर्नमेंट स्कीम है। यह पशुओं को मुहं और खुर के रोग से बचाने के लिए वैक्सीनेशन अभियान है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य 2025 तक बीमारी को नियंत्रित करने का है। चंडीगढ़ में इस अभियान के तहत 21 हजार पशुओं को कवर किया जाएगा। इन्हें निशुल्क यह वैक्सीन लगाई जाएगी। इसमें गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसमें पशुओं के छोटे बच्चों को भी वैक्सीन लगाकर ब्रुसेलोसिस से बचाया जाएगा। डायरेक्टर एनिमल हसबेंड्री एंड फिशरीज तेजदीप सिंह सैनी ने कहा कि वैक्सीनेशन कैंपेन के दौरान चार से आठ माह के बछड़ों को वैक्सीन लगाई जाएगी। अगले 15 दिन यानी 20 अगस्त तक इस प्रोग्राम को पूरा किया जाएगा। पशुओं का बीमारी ग्रस्त होना इस सेक्टर में सबसे बड़े नुकसान का कारण है।
दूध की प्रोड्क्शन पर डालता है असर
इस बीमारी का सीधे दूध और दूसरे प्रोडक्ट पर असर पड़ता है। कोविड-19 की गाइडलाइंस के तहत ही इस प्रोग्राम को चलाया जा रहा है। ज्वाइंट डायरेक्टर एनिमल हसबेंड्री डा. कनवरजीत सिंह भंगू ने कहा कि यह बीमारी बड़े तौर पर पशुओं की जनसंख्या को प्रभावित करती है। इससे पशुओं में गर्भपात जैसे मामले बढ़ जाते हैं। दूध की प्रोडक्शन पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। यह बीमारी पशुओं के संपर्क में आने से इन्सानों में भी ट्रांसफर हो सकती है। खासकर डिलीवरी और गर्भपात के समय संपर्क में आने से इसका खतरा अधिक रहता है। रॉ डेयरी प्रोडक्ट्स की कंजपशन की वजह से भी बीमारी का ट्रांसमिशन हो सकता है। इसके लिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। साथ ही जो भी टीम आपके घर वैक्सीनेशन के लिए आए उनका सहयोग करें, बीमारी को तभी कंट्रोल किया जा सकता है।