अमेरिकी विशेषज्ञ की चेतावनी- ISI भारत में करा सकती है आतंकी हमला, Social Media काे बनाया हथियार

आइएसआइ सोशल मीडिया पर गुप्त संकेतों और ऑनलाइन मैपिंग सुविधा से आतंकी गतिविधियों को समर्थन दे सकता है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 10:16 AM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 03:37 PM (IST)
अमेरिकी विशेषज्ञ की चेतावनी- ISI भारत में करा सकती है आतंकी हमला, Social Media काे बनाया हथियार
अमेरिकी विशेषज्ञ की चेतावनी- ISI भारत में करा सकती है आतंकी हमला, Social Media काे बनाया हथियार

मोहाली, जेएनएन। एक अमेरिकी विशेषज्ञ ने बड़ी चेतावनी दी है। आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा मामलों के अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ. पीटर चाक ने यहां कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर कश्मीर में जेहादियों की भर्ती और आतंकी हमले कराने की साजिश रच रही है। वह जल्‍द ही बड़ा आतंकी हमला करने की साजिश कर रहा है। आइएसआइ सोशल मीडिया पर गुप्त संकेतों और ऑनलाइन मैपिंग सुविधा से आतंकी गतिविधियों को समर्थन दे सकता है। पाकिस्तान सोशल मीडिया का इस्तेमाल भारतीय अर्थव्यवस्था पर हमला करने के लिए भी कर सकता है।

मोहाली स्थित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में दूसरे केपीएस गिल मेमोरियल लेक्चर में डॉ. पीटर चाक ने ‘डिजिटाइज्ड हेट: ऑनलाइन रेडिकलिज्म, वॉयलेंट एक्सट्रीमिज्म एंड टेररिज्म’ विषय पर व्याख्यान में कहा कि कश्मीर में भारत विरोधी दलों को शह देने का पाकिस्तान का पुराना इतिहास रहा है। इससे निपटने के लिए सहयोगी व पड़ोसी देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है। अन्य देशों को यह बात समझाने की जरूरत है कि पाकिस्तान स्वयं जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हमलों का दंश ङोल चुका है।

अमेरिका की दोहरी नीति स्वीकारी

पाकिस्तान पर अमेरिका की दोहरी नीति की बात को डॉ. चाक ने स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अपने रणनीतिक हितों के लिए पाकिस्तान के संबंध में अमेरिका दोहरी नीति अपनाता है। यही कारण है कि आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका सख्त स्टैंड नहीं लेता।

ड्रोन तकनीक का पंजीकरण जरूरी

आतंकी हमलों में ड्रोन के इस्तेमाल को रोकने के लिए डॉ. चाक ने तकनीक के पंजीकरण को आवश्यक बनाने व कानूनी प्रावधान किए जाने की आवश्यकता जताई। सिर्फ ऑनलाइन संदेशों के माध्यम से ही कट्टरवाद को बढ़ावा देने की 100 फीसद गतिविधियां नहीं की जा सकती। इसके लिए मानवीय संपर्क आवश्यक हो जाता है।

अस्थिरता लाने के लिए रेफरेंडम-2020 का प्रचार

रेफरेंडम-2020 पर डॉ. चाक ने कहा कि पाकिस्तान में मौजूद खालिस्तान समर्थक आतंकी, अमेरिका, यूके और कनाडा में नौजवानों को कट्टरवाद के प्रति आकर्षित करने के प्रयास कर रहे हैं। इससे कश्मीर व पंजाब में भी अस्थिरता लाने का अभियान होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।

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