पर्यावरण संरक्षण के लिए स्टूडेंट्स के सीखने की अनोखी शुरुआत

पर्यावरण संरक्षण के लिए यदि कुछ करना है तो रास्ते कम नहीं हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 06:56 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 06:58 AM (IST)
पर्यावरण संरक्षण के लिए स्टूडेंट्स के सीखने की अनोखी शुरुआत
पर्यावरण संरक्षण के लिए स्टूडेंट्स के सीखने की अनोखी शुरुआत

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ : पर्यावरण संरक्षण के लिए यदि कुछ करना है तो रास्ते कम नहीं हैं। इसको सच करके दिखा रहा है शहर का स्वरमणि यूथ क्लब और उससे जुड़े युवा। युवाओं ने दीपावली और करवा चौथ पर चाइनीज माल को छोड़कर स्वदेशी सामान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहल की है। जोकि पिछले साल तक इस्तेमाल हो चुके मिट्टी के दीये और करवा चौथ की मिट्टी की गडवी को डिजाइनिग के साथ रिसाइकल कर रहे हैं। जिसके लिए युवा शहर के खुड्डा अलीशेर में रोज इकट्ठे होते हैं और पुराने दीयों और गडवी को पेंट करने के साथ डिजाइनिग कर रहे हैं, ताकि पुराना सामान दोबारा से इस्तेमाल हो सके और जो पैसा उस सामान से जेनरेट हो, वह जरूरतमंद युवाओं के उपयोग में आ सके। दीयों और गडवी को रिसाइकल कर रहे स्टूडेंट्स

स्कूल और कॉलेज के स्टूडेंट्स हैं, जोकि दीयों और गडवी को सजाने के अलावा अपनी निजी जरूरतों को भी पूरा करने में जुटे हैं। काम करने वाले स्टूडेंट्स की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। सामान को बेचने के बाद जो भी पैसा इकट्ठा होगा वह उन स्टूडेंट्स को दिया जाएगा। खुड्डा अलीशेर में युवाओं को सामान तैयार करने के लिए जगह देने वाली सुखविदर कौर ने बताया कि वह स्कूल और कॉलेज टाइम में एनएनएस की वालंटियर थी। उस समय मेरे अंदर भी कुछ अलग करने का जज्बा था। आज इन युवाओं को देखकर सोचा ही मैं अपना सपना भी इनके सहारा दोबारा से जी सकती हूं, इसलिए यह जगह दान की है। चाइनीज सामान को छोड़ स्वदेशी को अपनाने की कोशिश

स्वरमणि यूथ क्लब के फाउंडर रोहित ने बताया कि जरूरतमंद युवाओं की मदद करने के साथ चाइनीज सामान को छोड़कर स्वदेशी को बढ़ावा देने की जरूरत है। इसलिए यह पहल की है। सामान तैयार हो चुका है। जिसे लोग हमसे ले सकते हैं।

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