चंडीगढ़ में सफाई का ठेका प्राइवेट कंपनी को देने के फैसले के खिलाफ यूनियन, बोले- ऐसा हुआ तो करेंगे विरोध
चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा शहर की सफाई का ठेका प्राइवेट कंपनी को दिए जाने की जानकारी मिलने पर सफाई यूनियन के कर्मचारियों ने इस फैसले का अभी से ही विरोध जताना शुरू कर दिया है। कर्मचारियों ने कहा है कि यदि ऐसा होता है तो वह इसका विरोध जताएंगे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर के सफाई कर्मचारियों ने सेक्टर-30 में एक बैठक की। इस बैठक में सफाई कर्मचारी यूनियन के पूर्व प्रधान कृष्ण चड्ढा ने भी हिस्सा लिया। यूनियन के पूर्व महासचिव ओमपाल सिंह चौहान ने बताया कि अखबारों के माध्यम से जानकारी मिल रही है कि नगर निगम के द्वारा सेक्टर-1 से लेकर सेक्टर-30 तक सफाई का ठेका प्राइवेट कंपनी को सौंपा जा रहा है। वह इस फैसले का विरोध करते हैं।
सफाई कर्मचारी यूनियन के पूर्व महासचिव ओमपाल सिंह ने सफाई ठेका प्राइवेट कंपनी को देने पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अगर ठेका हुआ तो सभी सफाई कर्मचारी ट्रेडर, धार्मिक संगठन ट्रेड यूनियस और वाल्मिक समाज के द्वारा सड़कों पर कड़ा विरोध जताया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि निगम की ओर से कर्मचारियों के पेट पर लात मारी जा रही है, जिसको वो कभी भी बर्दास्त नहीं करेंगे।
उन्हाेंने कहा कि सफाई कार्यों को अगर ठेके पर दिया गया तो जो प्रदर्शन होगा उसकी सारी जिम्मेदारी नगर निगम अधिकारियों की होगी। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी का महापौर और सांसद चंडीगढ़ के अंदर हैं जो वाल्मीकि समाज, सफाई कर्मचारियों के शोषण की तैयारी कर कर रहे हैं। आने वाले नगर निगम चुनाव में अगर यह सफाई का ठेका हुआ तो भारतीय जनता पार्टी को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन सोसायटी चंडीगढ़ के चेयरमैन ने कहा है कि अगर यह सफाई कर्मचारियों का ठेका प्राइवेट कंपनी को दिया जाएगा, तो हम भी सफाई कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सड़कों पर उतरेंगे और कड़ा विरोध करेंगे। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। सफाई कर्मचारियों के साथ अगर चक्का जाम करने की जरूरत पड़ी तो वहां भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े हैं।