चंडीगढ़ के दो युवाओं ने तीन महीने कोरोना संकमितों का किया दाह संस्कार, अब चलाई खाना पहुंचाने की मुहिम

चंडीगढ़ में दो युवाओं ने रेडक्रास सोसायटी के साथ जुड़कर सेवा शुरू कर दी। दोनों ही युवाओं में सबसे पहले अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों का अंतिम संस्कार किया और यह काम दोनों ही युवाओं ने अप्रैल से लेकर जून तक जारी रखा।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 05:20 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 05:20 PM (IST)
चंडीगढ़ के दो युवाओं ने तीन महीने कोरोना संकमितों का किया दाह संस्कार, अब चलाई खाना पहुंचाने की मुहिम
चंडीगढ़ में प्रदीप और राहुल जानकारी देते हुए।

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। समाज सेवा करनी है तो जरूरी नहीं है आपके पास बहुत ज्यादा पैसे और प्रसिद्धि हो। यदि आपके दिल में जज्बा है तो आप बिना सब कुछ होते हुए भी सेवा कर सकते है। जिसका जीता-जागता उदाहरण है चंडीगढ़ के प्रदीप और राहुल। प्रदीप और राहुल कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी में तलाश में थे, उसी समय कोरोना महामारी ने देश में दस्तक दी। जिसके बाद दोनों युवाओं ने रेडक्रास सोसायटी के साथ जुड़कर सेवा शुरू कर दी। दोनों ही युवाओं में सबसे पहले अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों का अंतिम संस्कार किया और यह काम दोनों ही युवाओं ने अप्रैल से लेकर जून तक जारी रखा। जिसमें युवा वालंटियर्स के तौर पर ही नहीं बल्कि परिवार का सदस्य होने की तरह सेवा करते दिखे।

अंतिम संस्कार से मिली राहत तो शुरू कर दिया खाना पहुंचाना

कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार करने के दौरान दोनों युवा प्रदीप और राहुल कई स्वयंसेवी संस्थाओं के संपर्क में आए। जिसके बाद उन्हें जैसे ही अंतिम संस्कार से समय मिला तो विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर कोरोना संक्रमितों को उनके घर में जाकर जाना देना, जो लोग कोरोना महामारी के दौरान शहर छोड़कर जा रहे थे उन्हें जरूरत के अनुसार मास्क, खाने-पीने का सामान बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर उपलब्ध कराया और वह वर्तमान में भी दोनों युवा कर रहे है।

कोरोना नियमों के पालन साथ सकारात्मक रखी सोच

प्रदीप के अनुसार कोरोना नियमों का पालन हर किसी के लिए जरूरी है। यदि हम घर से निकलते हुए बेहतर तरीके से मास्क का इस्तेमाल करते है और भीड़ में जाने से बचते है तो हम कोरोना संक्रमण से बच सकते है। इसके साथ ही हमें समय-समय पर हाथ धोने, शरीर पर पहने हुए कपड़ों को बेहतर तरीके से धोने का काम करना जरूरी है। प्रदीप के अनुसार मैंने कोरोना नियमों का पालन करने के साथ-साथ ताजा खाना और गर्म-ठंडी चीज़ों को एक साथ खाने से परहेज रखा है। जब हम पीपीई किट पहनते थे तो उस समय चाय अनिवार्य रूप से पीते थे। पीपीई किट पहनने के बाद ठंडे पानी और अन्य खाने-पीने वाली चीजों से भी परहेज रखते थे। जिसका परिणाम है कि मैं आज भी सेवा दे रहा हूं और कोरोना से मुक्त हूं। वहीं राहुल ने कहा कि यदि इंसान के अंदर सकारात्मक सोच हो तो वह कुछ भी कर सकता है यह शर्त जरूर है कि हमें प्रकृति के नियमों का पालन करना होता है। हमने मास्क पहनने से लेकर भीड़ से दूरी बनाकर रखी इसके साथ ही मैंने खाने-पीने का ध्यान रखा। स्वास्थ्य को मद्देनजर रखते हुए ही मैंने खुद की दिनचर्या बनाई जिसके चलते मैं खुद तो सुरक्षित हूं उसके साथ ही मेरा परिवार भी पूरी तरह से सुरक्षित है।

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