बड़ी राहत : चंडीगढ़ में लगेंगे दो ऑक्सीजन प्लांट, अस्पतालों में बेड तक सीधे होगी सप्लाई
इन प्लांटों से अस्पतालों को एक-एक सिलेंडर के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी जोकि एक बड़ी राहत होगी। यह दोनों प्लांट शहर के सेक्टर-48 और सेक्टर-32 में लगेंगे जिससे सभी अस्पतालों में पाइप से ऑक्सीजन की सप्लाई हर बेड पर उपलब्ध होगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। ऑक्सीजन शरीर के लिए कितनी जरूरी है इसका एहसास कोरोना वायरस ने करा दिया है। सिलेंडर को लेकर किस कदर मारा मारी जारी है यह छिपा नहीं है। अब चंडीगढ़ के अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर किल्लत नहीं रहेगी। केंद्र सरकार नेे चंडीगढ़ को दो ऑक्सीजन प्लांट सेंक्शन कर दिए हैं। यह प्लांट सेक्टर-48 और सेक्टर-32 हॉस्पिटल में सेटअप किए जाएंगे। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की एक्टिंग डायरेक्टर कम प्रिंसिपल ने यह जानकारी पंजाब राजभवन में आयोजित कोविड वॉर रूम मीटिंग के दौरान दी।
प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने दो ऑक्सीजन प्लांट सेंक्शन करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। प्रशासक ने कहा कि यह प्लांट सभी हॉस्पिटल के बेड तक पाइप से ऑक्सीजन सप्लाई उपलब्ध कराएंगे। अभी सिलेंडर से ऑक्सीजन सप्लाई होती है। नए प्लांट शुरू होने के बाद सिलेंडर का झंझट खत्म हो जाएगा। यह ठीक वैसे ही होगा जैसे घरों की किचन तक पाइप नेचुरल गैस से सप्लाई दी गई है। इसमें भी एलपीजी सिलेंडर का झंझट खत्म हो चुका है। हालांकि अभी पूरा शहर कवर होना बाकी है।
हर महीने 25 हजार सिलेंडर की खपत
चंडीगढ़ मेडिकल हब के तौर पर पहचान बना चुका है। यहां के अस्पतालों में हर महीने 20 से 25 हजार सिलेंडर की खपत इन दिनों हो रही है। कोरोना मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होती है, जिस वजह से ऑक्सीजन की खपत पहले से काफी बढ़ी है। सिलेंडर की ब्लेकमेलिंग और किल्लत भी सुर्खियां बनती रही है। साथ ही सिलेंडर के ट्रांसपोर्टेशन में भी काफी वक्त जाया होता है। अब इसकी जरूरत नहीं रहेगी। प्लांट से ऑक्सीजन सीधे अस्पताल में बेड तक पहुंचेगी। यह सप्लाई निर्बाध होगी। जिससे सिलेंडर खत्म होने का झंझट ही नहीं रहेगा। अभी तक चंडीगढ़ में ऐसा कोई प्लांट नहीं है। सिलेंडर ही सप्लाई का माध्यम रहे हैं।
स्पेशलिस्ट डॉक्टर अलग-अलग जगह होंगे तैनात
चंडीगढ़ में 31 नए स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की रिक्रूटमेंट हुई। इस रिक्रूटमेंट पर प्रशासक ने खुशी जाहिर की। साथ ही प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेल्थ को आदेश दिए कि सभी डॉक्टरों को शहर में जगह-जगह स्थित अस्पतालों में तय समय के लिए लगाया जाए। जिससे लोग लोकल स्तर पर अपने आस-पास ही स्पेशलिस्ट सुविधा का लाभ ले सकें। जिससे जीएमएसएच-16, जीएमसीएच-32 और पीजीआइ में भीड़ न लगे। प्रशासक ने पीजीआइ मैनेजमेंट को वीडियो से टेली कंसल्टेशन के आदेश दिए। जिससे ओपीडी में भीड़ की बजाए पेशेंट वीडियो से डॉक्टर से कंसल्ट कर सकें।
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