खुद को हाउसिग बोर्ड अलाटमेंट कमेटी का सदस्य बता ठगने वाली महिला के खिलाफ आई दो और शिकायतें

खुद को चंडीगढ़ के गवर्नर का करीबी बताकर लोगों को ठगने वाली महिला के खिलाफ दो और शिकायतें पुलिस के पास पहुंची हैं। आरोपित महिला पर आरोप है कि फ्लैट और कामर्शियल प्रॉपर्टी का रीअलॉटमेंट करवाने के नाम पर उसने करोड़ों की ठगी की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 08:16 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 08:16 PM (IST)
खुद को हाउसिग बोर्ड अलाटमेंट कमेटी का सदस्य बता ठगने वाली महिला के खिलाफ आई दो और शिकायतें
खुद को हाउसिग बोर्ड अलाटमेंट कमेटी का सदस्य बता ठगने वाली महिला के खिलाफ आई दो और शिकायतें

जासं, चंडीगढ़ : खुद को चंडीगढ़ के गवर्नर का करीबी बताकर लोगों को ठगने वाली महिला के खिलाफ दो और शिकायतें पुलिस के पास पहुंची हैं। आरोपित महिला पर आरोप है कि फ्लैट और कामर्शियल प्रॉपर्टी का रीअलॉटमेंट करवाने के नाम पर उसने करोड़ों की ठगी की है। सेक्टर-49 निवासी मंजीत कौर खुद को समाजसेवी बताती है। मंजीत खुद को हाउसिग बोर्ड अलाटमेंट कमेटी की सदस्य बताती थी। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों फ्लैट की चाबी ग्राहकों को दिलाने का वादा कर उनसे रकम ऐंठे। आर्थिक अपराध शाखा ने मंजीत कौर को मोहाली फेज-3 में रहने वाले दंपती मदन गोपाल गुप्ता और सुलक्षणा की शिकायत पर 87 लाख की ठगी के मामले में गिरफ्तार किया था। दो दिन की रिमांड के बीच पुलिस उससे पूछताछ करने में जुटी है।

आर्थिक अपराध शाखा और सेक्टर-49 थाना पुलिस के पास आने वाली नई शिकायतें सेक्टर-38 के रहने वाले सुनील शर्मा और विनोद कश्यप की ओर से दी गई हैं। आरोप है कि चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड की तरफ से जब्त सेक्टर-38 वेस्ट और सेक्टर-43 में एमआइजी फ्लैट को रीअलॉट करवाने के नाम पर 70 लाख की ठगी की गई। सुनील शर्मा के अनुसार महिला मंजीत कौर से संपर्क होने के बाद सेक्टर-38 में बंद पड़ा फ्लैट नंबर-5470 उन्हें दिखाया गया था। उन्होंने बताया गया कि सीनियर सिटीजन कोटे से उनके नाम फ्लैट रीअलाट करवाया जाएगा। इसी तरह विनोद कश्यप ने अपनी शिकायत में बताया कि सेक्टर-43 में उन्हें एक इंडिपेंडेंट हाउस दिखाया गया था। जिसे गवर्नर के कोटे से उनके नाम अलाट करवाने का झासा दिया गया। इस दौरान मंजीत कौर ने 2018 में मलोया स्थित ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत बने नए फ्लैट्स की चाबी देने आने वाले प्रधानमंत्री मोदी के हाथ चाबी दिलाने का भी झासा दिया था। शिकायतकर्ता शर्मा ने बताया कि मंजीत कौर ने उन्हें बार-बार पजेशन देने के नाम पर टाल-मटोल करती रही। हालांकि, बाद में कौर ने 31 लाख रुपये वापस का अपनी गलती मानी थी। उसने माना था कि उसके साथ एक व्यक्ति शामिल था, जो अब फरार हो चुका है। उक्त व्यक्ति के नाम पर उसने लोगों से तकरीबन नौ करोड़ रुपये भी लिया हैं, जिसे वह खुद ही वापस करेगी। इन दोनों की शिकायत पर पुलिस जांच के बाद केस दर्ज करेगी।

पीड़ित दंपती की तरफ ने आरोप लगाया है कि मंजीत खुद को राज्यपाल के करीबी के साथ हाउसिग बोर्ड अलाटमेंट कमेटी की सदस्य बताती थी। वह दावा करती थी कि अलॉटमेंट प्रक्रिया उसके हाथ में है। उसे राज्यपाल से अनुमति मिली हुई है। शिकायतकर्ता ने बताया कि महिला ने उन्हें सेक्टर-51 में एमआइजी फ्लैट सीनियर सिटीजन के कोटा से दिलवाने की बात कही। विश्वास दिलाने के लिए चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड के कई अफसरों से मुलाकात कराने का वादा भी किया था। उसने रकम जमा कराने को कहा, जो 31 मार्च 2020 से पहले जमा करानी थी। रकम जमा करवाने के लिए मनजीत कौर ने पंजाब एंड सिध बैंक का खाता नंबर दिया था। पुलिस रिमांड में महिला से फर्जी पहचान पत्र, कमेटी का सदस्य बताने वाले दस्तावेज, अलाटमेंट प्रक्रिया की अनुमति के दस्तावेज हासिल करने में लगी हैं।

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