रिश्वत मामले में गिरफ्तार डीएसपी के रीडर का दो दिन का पुलिस रिमांड बढ़ा
20 हजार रुपये रिश्वत मामले में गिरफ्तार हुए खरड़ के डीएसपी -1 सिमरन जीत सिंह लंग के रीडर अमरिदर सिंह को सोमवार को दोबारा कोर्ट में पेश किया। अदालत ने रीडर अमरिदर सिंह का दो दिन का पुलिस रिमांड बढ़ा दिया है।
जागरण संवाददाता, मोहाली : 20 हजार रुपये रिश्वत मामले में गिरफ्तार हुए खरड़ के डीएसपी -1 सिमरन जीत सिंह लंग के रीडर अमरिदर सिंह को सोमवार को दोबारा कोर्ट में पेश किया। अदालत ने रीडर अमरिदर सिंह का दो दिन का पुलिस रिमांड बढ़ा दिया है। विजिलेंस ने रिमांड हासिल करते समय तर्क दिया कि अमरजीत सिंह से एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। इस रकम अमरिदर ने किसके कहने पर मांगी थी और रिश्वत का पैसा किसको बांटा जाना था। अदालत ने दलील सुनने के बाद रिमांड की अनुमति दे दी। वहीं, एसएसपी कुलदीप सिंह चहल ने इस मामले में डीएसपी खरड़ सिमरनजीत सिंह लंग की सारी पावर वापिस ले ली है। उनकी जगह डीएसपी एयरपोर्ट अमरोज सिंह को खरड़ का चार्ज दे दिया गया है। सूत्रों से पता चला है कि रिश्वत मामले में डीएसपी सिमरनजीत सिंह का नाम भी सामने आ रहा है और रीडर अमरिदर सिंह की गिरफ्तारी के बाद से वह लापता चल रहे हैं। विजिलेंस के एक अधिकारी ने बताया कि जब अमरिदर को गिरफ्तार करने के लिए उनके दफ्तर में रेड की तो डीएसपी सिमरनजीत सिंह पिछले रास्ते से एक राहगीर के मोटरसाइकिल पर बैठकर फरार हो गए। जबकि उनकी गाड़ी उनके दफ्तर के बाहर ही खड़ी थी। उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है।
रीडर अमरिदर की 24 नवंबर को हुई थी शादी
डीएसपी के रीडर अमरिदर सिंह की 24 नवंबर को ही शादी हुई थी। वह शादी के बाद गोवा घूमने गया था। पांच दिसंबर को ही उसने दोबारा आफिस ज्वाइन किया था। विजिलेंस ने उसे उसी के आफिस से गिरफ्तार किया है। उल्लेखनीय है कि विजिलेंस को जिला बठिंडा तहसील राजपुरा फूल के गांव आकालिया जलाल निवासी अमरजीत सिंह ने शिकायत दी थी कि उसने अपने मामा जोगिदर सिंह निवासी गांव मरोली तहसील खरड़ के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी हुई थी। उसने आरोप लगाया था कि उसके नाना हजूरा सिंह की विरासती जमीन उसके मामा ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर अपने नाम करवाने की कोशिश की है। इसके लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया था। उनकी शिकायत डीएसपी -1 को जांच के लिए मिली थी। वह अब अपने मामा से इस मामले में समझौता करना चाहता था और समझौता करवाने के लिए आरोपित उससे एक लाख रुपये की मांग की जा रही थी। जिसकी पहली किश्त 20 हजार रुपये देने की शनिवार को बात तय हुई थी। पैसे देने से पहले ही उसने विजिलेंस को बताकर उसे रंगे हाथों गिरफ्तार करवा दिया।