मोहाली में मेयर कार्यकाल ढाई-ढाई साल कांग्रेस का अपनों का मनाने का पैंतरा, जोड़ तोड़ में जुटा विपक्ष

मोहाली नगर निगम में पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के भाई अमरजीत सिंह सिद्धू के मेयर बनते ही कांग्रेस में बगावती सुर उठने लगे हैं। इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने अपनों को मनाने के लिए मेयर कार्यकाल ढाई-ढाई साल करके नया पैंतरा खेला है।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 05:10 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 05:10 PM (IST)
मोहाली में मेयर कार्यकाल ढाई-ढाई साल कांग्रेस का अपनों का मनाने का पैंतरा, जोड़ तोड़ में जुटा विपक्ष
मोहाली नगर निगम कार्यालय का फाइल फोटो।

मोहाली, [रोहित कुमार]। मोहाली नगर निगम में पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के भाई अमरजीत सिंह सिद्धू के मेयर बनते ही कांग्रेस में बगावती सुर उठने लगे हैं। हालांकि पार्टी में फूट न पड़े और 2022 के विधानसभा चुनाव में इसका असर देखने को न मिले इसलिए मेयर व अन्य पदों पर ढाई ढाई साल नियुक्ति का फार्मूला निकला गया है। हालांकि कांग्रेस के सीनियर नेता इस सिर्फ रूठों को मानने के लिए लॉलीपाप देना मान रहे हैं। कांग्रेसियों का कहना है कि पार्टी वर्कर्स नाराज न हो और पार्टी न छोड़े इसलिए ये घोषणा की गई है।

कांग्रेसियों का कहना है कि मोहाली मेयर चुनाव से पहले पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर ऋषभ जैन और उनकी पत्नी की बयानबाजी भी उन पर भारी पड़ी। अगर वे मेयर पद पर सीनियर की दावेदारी का बयान न देते तो दोनों में से किसी एक को पद जरूर मिलता। लेकिन जब पार्टी के कद्दावर नेता स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू को बगावती सूर दिखने लगे तो जैन को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

हालांकि जैन को मनाने की पूरी कोशिशें की जा रही है। जैन ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। जैन ने सिर्फ इतना कहा है कि वे अपनी बात पार्टी हाईकमान के सामने रखेंगे। उनका अगला कदम क्या होगा, ये शहर के लोगों के सामने जल्द आएगा।

इसी बीच जैन को मानने की कवायद भी तेज हो गई है। जैन दंपत्ति के अलावा कई और कांग्रेसी पार्षद हैं जो दबी जुबान में जीती के मेयर बनने पर सवाल उठा रहे हैं। आने वाले दिनों में कई कांग्रेस पार्टी के पार्षद व नेता पार्टी को अलविदा कह सकते हैं। उधर कांग्रेस में बगावत का लाभ उठाने के लिए आजाद ग्रुप, आम आदमी पार्टी व शिरोमणि अकाली दल ने भी जोड़ तोड़ करना शुरू कर दिया है। ताकि नाराज पार्षदों को अपने साथ मिलाया जा सके। आने वाले दिनों में तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी।

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