ट्रिब्यून चौक फ्लाईओवर निर्माण के मुद्दे पर प्रशासन का जवाब तैयार

अब पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में यह जवाब दाखिल कर प्रोजेक्ट को मंजूरी करने के लिए मंजूरी मांगी जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 06:54 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 06:54 AM (IST)
ट्रिब्यून चौक फ्लाईओवर निर्माण के मुद्दे पर प्रशासन का जवाब तैयार
ट्रिब्यून चौक फ्लाईओवर निर्माण के मुद्दे पर प्रशासन का जवाब तैयार

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :

ट्रिब्यून चौक पर बनने वाले शहर के पहले फ्लाईओवर पर प्रशासन ने अपना जवाब तैयार कर लिया है। अब पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में यह जवाब दाखिल कर प्रोजेक्ट को मंजूरी करने के लिए मंजूरी मांगी जाएगी। साथ ही कोर्ट से प्रोजेक्ट पर लगी रोक हटाने की मांग प्रशासन के लीगल काउंसिल करेंगे। लीगल टीम ने सभी पहलुओं को देखते हुए जवाब तैयार किया है, जिससे अपना पक्ष मजबूती से रखा जाए। इसमें यह तर्क भी दिया जाएगा कि फ्लाईओवर के अलावा कोई भी विकल्प नहीं है। साथ ही प्रोजेक्ट जितना देरी से शुरू होगा इसकी कंस्ट्रक्शन कोस्ट बढ़ेगी।

बता दें कि लोगों से फ्लाईओवर प्रोजेक्ट पर चर्चा के बाद जो भी सुझाव और विकल्प प्रशासन को मिले उन सभी पर चर्चा के बाद प्रशासन ने फ्लाईओवर को ही सबसे बेहतर विकल्प माना है। प्रशासन ने इस मामले में अपना स्टैंड क्लीयर करते हुए इसे समय की जरूरत बताया है। प्रशासन के रुख पर प्रशासक वीपी सिंह बदनौर अपनी मंजूरी दे चुकी हैं। प्रशासक की मंजूरी के बाद ही लीगल जवाब तैयार किया गया है। हाई कोर्ट ने नवंबर 2019 में इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी। रेजिडेंट्स संगठनों से मिले सुझाव सही नहीं

हाई कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने शहर के रेजिडेंट्स, संगठनों से उनकी राय मांगी थी। ओपन हाउस बुलाकर लोगों से सुझाव लिए। लेकिन इनमें प्रशासन को कोई भी बेहतर विकल्प नहीं लगा। इन सभी पहलुओं के बाद अब यूटी प्रशासन ने फ्लाईओवर बनाए जाने को सही बताया है। पेड़ कटने पर प्रशासन का तर्क है कि इनमें से अधिकतर पेड़ों को दूसरी जगह रीट्रांसप्लांट किया जाएगा। साथ ही क्षतिपूर्ति के लिए नए पौधे लगाए जाएंगे। 137 करोड़ रुपये होंगे फ्लाईओवर पर खर्च

फ्लाईओवर को बनाने में 137 करोड़ रुपये खर्च होंगे। फ्लाईओवर के साथ ही अंडरपास भी बनाया जाना है। प्रोजेक्ट के बीच में आने वाले कुल 472 पेड़ों को काटा जाएगा।जिनमें से 150 को ही दूसरी जगह रीट्रांसप्लांट किया जा सकेगा। प्रोजेक्ट में दक्षिण मार्ग पर फ्लाईओवर सेक्टर-32 जीएमसीएच चौक से शुरू होकर ट्रिब्यून चौक के ऊपर से होते हुए हल्लोमाजरा चौक से ठीक पहले आने वाले रेलवे ब्रिज से पहले डाउन होकर खत्म होगा। वहीं ट्रिब्यून चौक पर ही पूर्व मार्ग पर अंडरपास भी बनाया जाएगा। जिससे पूर्व मार्ग का ट्रैफिक अंडरपास से निकल जाए। फ्लाईओवर की लंबाई 1.6 किलोमीटर होगी। पहले यह था डिजाइन

पहले जो डिजाइन तैयार किया गया था उसमें फ्लाईओवर की लंबाई 6.5 किलोमीटर रखी गई थी।जिसमें इसका बजट भी 390 करोड़ से अधिक बन रहा था।पहली डीपीआर में हल्लोमाजरा चौक पर अंडरपास और ट्रिब्यून राउंडअबाउट पर एलिवेटेड कॉरिडोर और एलिवेटेड रोटरी बनाने का प्लान भी था, जिसे रिवाइज्ड डीपीआर में हटा दिया गया था। इसी वजह से बजट 390 करोड़ से डेढ़ सौ करोड़ तक आ गया।बजट की अप्रूवल नहीं मिलने की वजह से ही फ्लाईओवर को छोटा कर महज डेढ़ किलोमीटर का कर दिया गया। नवनियुक्त चीफ इंजीनियर से सभी प्रोजेक्ट्स की स्थिति पर मांगी रिपोर्ट

प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने शहर के सभी प्रोजेक्ट्स की मौजूदा स्थिति और वर्क पर नवनियुक्त चीफ इंजीनियर सीबी ओझा से रिपोर्ट मांगी है। इसमें ट्रिब्यून चौक फ्लाईओवर भी अहम प्रोजेक्ट है। साथ ही यूटी सेक्रेटेरिएट और चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड की नई बिल्डिग भी मुख्य प्रोजेक्ट में शामिल है। इन दोनों का शिलान्यास प्रशासक बदनौर ने किया था। अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले प्रशासक बदनौर यह अहम प्रोजेक्ट शहर को सौंपना चाहते हैं। जून में प्रशासक का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसको देखते हुए प्रशासन ने इन सभी प्रोजेक्ट को फास्टट्रैक के तहत पूरा करने पर जोर दे दिया है। इसमें इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट का निजीकरण भी शामिल है।

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