डेराबस्सी में पार्क की जमीन पर मंदिर बनाने के लिए काट दिए पेड़, राजनितिक दवाब में अधिकारी भी कार्रवाई से डरे

मोहाली के डेराबस्सी में पार्क की जमीन पर मंदिर निर्माण किया जा रहा है। मंदिर निर्माण के लिए पार्क में लगे पेड़ों को भी काट दिया गया है। लोगों का आरोप है कि नगर परिषद के अधिकारी भी राजनीतिक दवाब के चलते कार्रवाई से कतरा रहे हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 02:35 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 02:35 PM (IST)
डेराबस्सी में पार्क की जमीन पर मंदिर बनाने के लिए काट दिए पेड़, राजनितिक दवाब में अधिकारी भी कार्रवाई से डरे
पार्क में हो रही निर्माण के बारे में जानकारी देते जैक अध्यक्ष सुखबीर चौधरी।

जागरण संवाददाता, मोहाली/डेराबस्सी। डेराबस्सी नगर परिषद क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा पार्क की जमीन पर मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। चुनावी सीजन में हो रहे इस निर्माण को लेकर शहर की तीन कालोनियों के लोगों में रोष पाया जा रहा है, लेकिन सत्तारूढ़ दल के नेताओं की मिलीभगत के चलते कोई कुछ नहीं बोल रहा है। डेराबस्सी इलाके में पार्कों के सौंदर्यकर्ण व पेड़ों की कटाई के खिलाफ अभियान चलाने के वाले जैक रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुखदेव चौधरी ने स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत किए जाने पर डेराबस्सी के साधु नगर का दौरा किया।

उन्होंने बताया कि यहां परिषद द्वारा साधु नगर, पंजाबी बाग व मोहन नगर वासियों की सुविधा के लिए पार्क बनाया गया है। पिछले कुछ दिनों से वोट और धर्म की राजनीति के चलते यहां पार्क के एक हिस्से में मंदिर निर्माण शुरू कर दिया गया है। मंदिर निर्माण करके लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। चौधरी ने नगर परिषद से मंदिर निर्माण के लिए अलग-जगह अलाट करने की मांग करते हुए कहा कि मंदिर निर्माण की आड़ में पार्क की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। मंदिर निर्माण के लिए किसी तरह का प्रस्ताव भी पास नहीं किया गया है। यही नहीं मंदिर निर्माण अभी पूरा भी नहीं हुआ है और कई हरे-भरे पेड़ों को काट दिया गया है।

सुखदेव चौधरी ने पेड़ काटने का कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने आज इस मामले को लेकर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी और एमई को फोन किया, लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की। इसके बाद उन्होंने वाट्सएप पर संदेश भेजकर पार्क की जमीन को खुर्द-बुर्द किए जाने और पेड़ काटने के मुद्दे की शिकायत की। चौधरी ने बताया कि अधिकारियों को इस बात की जानकारी हो चुकी है, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते कोई जवाब नहीं दे रहा है।

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