पंजाब में परिवहन विभाग ने डिफाल्टरों से 3.29 करोड़ रुपये वसूले, आय में रोजाना 53 लाख रुपये की बढ़ोतरी

पंजाब में अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को परिवहन विभाग का जिम्मा संभाले हुए 21 दिन हो गए हैं। इस दौरान मंत्री के निर्देश पर विभाग ने डिफाल्टरों के विरुद्ध सख्ती कर लंबित सरकारी टैक्स की 3.29 करोड़ रुपये की रकम वसूल की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 05:24 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 05:24 PM (IST)
पंजाब में परिवहन विभाग ने डिफाल्टरों से 3.29 करोड़ रुपये वसूले, आय में रोजाना 53 लाख रुपये की बढ़ोतरी
ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग पत्रकारों से बातचीत करते हुए।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के परिवन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने अपने 21 दिनों के कामकाज को मीडिया के सामने पेश किया। उन्होंने कहा कि इन 21 दिनों में परिवहन विभाग की आय में 17.24 प्रतिशत वृद्धि हुई है। यह वृद्धि 15 अक्टूबर तक 7.98 करोड़ रुपये बनती है। विभाग की रोजाना की आय में करीब 53 लाख रुपये की वृद्धि हुई है। 15 सितंबर से 30 सितंबर तक विभाग को 46.28 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक 54.26 करोड़ रुपये रोजाना की आय दर्ज की गई।

परिवहन मंत्री ने बताया कि टैक्सों का भुगतान न करने, गैरकानूनी परमिट, दस्तावेज आदि की कमी के कारण अब तक लगभग 258 बसों को जब्त किया गया या चालान किया गया। डिफाल्टरों के विरुद्ध सख्ती के बाद विभाग ने लंबित सरकारी टैक्स की 3.29 करोड़ रुपये की रकम वसूल की है। विभाग की कार्यवाही को जायज ठहराते हुए मंत्री ने कहा कि डिफाल्टर बस आपरेटर पिछले 10 महीनों से टैक्स जमा करवाने में टालमटोल कर रहे हैं, जबकि यह पैसा वह यात्रियों से टिकट के रूप में ले चुके हैं।

मंत्री ने कहा कि अभी तक किसी भी विरोधी पार्टी ने इस बात का विरोध नहीं किया कि विभाग गलत कार्यवाही कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग ने आरटीए के साथ-साथ बस डिपूओं के जनरल मैनेजरों को भी और ज्यादा शक्तियां देते हुए उनको बस स्टैंड के आसपास के 500 मीटर के घेरे में वाहनों की जांच करने के अधिकार दिए हैं।मंत्री ने कहा कि 53 लाख रुपये रोजाना की आय बढ़ी है। अगर 15 वर्षों का अनुमान लगाए तो ट्रांसपोर्ट माफिया ने सरकार का करीब 3000 करोड़ रुपये चूना लगाया है। यह जांच का विषय है। ट्रांसपोर्ट माफिया व उनके साथ मिले हुए अधिकारियों को छोड़ा नहीं जाएगा।

मंत्री ने कहा कि विभाग की कार्रवाई से छोटे ट्रांसपोर्टरों ने तो अपना बकाया जमा करवाना शुरू कर दिया है लेकिन बड़े ट्रांसपोर्टर अभी भी सोच रहे हैं कि कुछ नहीं होता, लेकिन बड़े ट्रांसपोर्टरों को भी टैक्स जमा करवाना पड़ेगा। वहीं, उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि आमतौर पर माना जाता है कि बादलों की केवल दो-तीन ही कंपनियां है, लेकिन ऐसा नहीं है। आरबिट और डबवाली के अलावा ताज ट्रांसपोर्ट, स्वागतम, राजधानी ट्रांसपोर्ट, जिंग-जिंग, इंडो कनेडियन जैसी कंपनियां भी हैं।

नए बस अड्डे और वर्कशॉप बनाने और अपग्रेडेशन के लिए 400 रुपये खर्च किए जाएंगे

मंत्री ने बताया कि नये बस अड्डे और वर्कशाप बनाने और इनके नवीनीकरण पर 400 करोड़ रुपये खर्च  किए जाएंगे। 230 करोड़ रुपये के साथ 52 नए बस अड्डों का निर्माण किया जाएगा, जबकि 70 बस अड्डों को 45 करोड़ रुपये की लागत के साथ अपग्रेड किया जाइगा। इसी तरह 81 करोड़ रुपये 16 वर्कशापों के नए निर्माण और नवीनीकरण पर खर्च किए जाएंगे।

842 नई बसों के लिए 800 भर्तियां होंगी

परिवहन मंत्री ने कहा कि 842 नयी बसें, जिनमें पंजाब रोडवेज की 587 और पीआरटीसी की 255 बसें शामिल हैं, खरीदने के लिए टाटा मोटर्ज को पहले ही आर्डर दिया जा चुका है और 45 दिनों के अंदर यह नई बसें राज्य की सड़कों पर दौड़ेंगी। इसके लिए लगभग 800 चालकों, कंडक्टरों और अन्य स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि यह भर्तियां ठेके पर होंगी या नियमित। इस मौके पर विभाग के प्रमुख सचिव के. सिवा प्रसाद, डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट भूपिंदर सिंह राय, पीआरटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित तलवार आद उपस्थित थे।

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