बिजली बंद होने पर भी चलती रहेंगी ट्रैफिक लाइट्स
शहर की ट्रैफिक लाइट्स अब बिजली जाने के बाद भी बंद नहीं होंगी। नगर निगम सभी चौराहों की लाइट्स को दुरुस्त करके इन्हें बेटरी बैकअप (बेटरी बैंक) से जोड़ा जाएगा। इस सिस्टम को दो साल तक चलाने के लिए नगर निगम ने एक निजी कंपनी को ठेका दिया है।
जागरण संवाददाता, मोहाली : शहर की ट्रैफिक लाइट्स अब बिजली जाने के बाद भी बंद नहीं होंगी। नगर निगम सभी चौराहों की लाइट्स को दुरुस्त करके इन्हें बेटरी बैकअप (बेटरी बैंक) से जोड़ा जाएगा। इस सिस्टम को दो साल तक चलाने के लिए नगर निगम ने एक निजी कंपनी को ठेका दिया है। नगर निगम प्रोजेक्ट में पूरा काम निजी कंपनी के माध्यम से एक नोडल एजेंसी के रूप में करेगा। 15 जून के बाद कंपनी दो साल के लिए अपना काम संभाल लेगी। निगम के अधीन आने वाले कई चौक या लाइट प्वाइंट ऐसे हैं, जहां ट्रैफिक का दबाव हर समय अधिक रहता है। कई बार लाइट प्वाइंट पर लाइट्स न जलने के कारण वाहन चालक हादसे का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा जब बारिश या तूफान चलने पर जब बिजली चली जाती है, तो उस समय भी ट्रैफिक लाइट्स बंद हो जाती हैं। इस कारण जाम की स्थिति बन जाती है और हादसे होने का अंदेशा बढ़ जाता है। इस सबसे शहर के लोगों को राहत मिल सके। इसलिए नगर निगम ने इस प्रोजेक्ट को शुरू करने का फैसला लिया है। प्रोजेक्ट पर निगम 50 लाख रुपये खर्च करेगा। निगम की कोशिश यही है कि इलाके के लोगों को इसकी वजह से किसी भी प्रकार की दिक्कत न उठानी पड़े। निगम ने कई जगह पर ट्रैफिक सिग्नल सोलर लाइट्स के सहारे भी चलाए जा रहे हैं। निगम को काफी फायदा मिलता है, क्योंकि इनसे किसी तरह का बिजली बिल नहीं आता। दूसरा इनकी रिपेयर भी कम होती है। साथ ही अधिकतर समय में यह इस्तेमाल किए जा सकते हैं। वहीं, मोहाली की राह पर अब नगर परिषद खरड़ भी चल रही है। नगर परिषद खरड़ ने लांडरां-बनूड़ रोड पर सोलर से चलने वाली ट्रैफिक लाइट्स लगाई गई हैं। शहर की अंदरुनी सड़कों में भी कई जगहों पर सोलर लाइट्स लगी है जिनका लोगों को फायदा हो रहा है।