व्यापारी बोले- कारोबार पटरी पर लाने में प्रशासन करे मदद

कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने के साथ धीरे-धीरे पाबंदियां हटाई जा रही हैं लेकिन अभी व्यापारियों का कारोबार बेपटरी ही है। उनका कहना है कि कोरोना संकट के बीच महंगाई बढ़ी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:43 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:43 PM (IST)
व्यापारी बोले- कारोबार पटरी पर लाने में प्रशासन करे मदद
व्यापारी बोले- कारोबार पटरी पर लाने में प्रशासन करे मदद

प्रस्तुति राजेश ढल्ल, चंडीगढ़

कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने के साथ धीरे-धीरे पाबंदियां हटाई जा रही हैं, लेकिन अभी व्यापारियों का कारोबार बेपटरी ही है। उनका कहना है कि कोरोना संकट के बीच महंगाई बढ़ी है। कोरोबार लंबे समय तक ठप रहा है। इस बीच तमाम व्यापारियों की आर्थिक स्थिति चौपट हो चुकी है। इसके लिए शहर के व्यापारी अब मांग कर रहे हैं कि अब सभी तरह की पाबंदियां हटा देनी चाहिए। व्यापारी संगठनों ने यह तय किया है कि वह बिना मास्क के पहुंचने वाले किसी भी ग्राहक को दुकान के अंदर दाखिल नहीं होने देंगे और बाजारों में कोरोना प्रोटोकाल को भी पूरी तरह से लागू कराएंगे। व्यापारियों ने यह भी मांग की है कि अब प्रशासन को आर्थिक पैकेज जारी कर तंगी से दौर से गुजरने वाले कारोबारियों को राहत देनी चाहिए। व्यापारियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को बाजारों में ही वैक्सीनेशन के स्थायी तौर पर कैंप लगाने चाहिए, जहां पर व्यापारी और लोग टीकाकरण करवा सकें। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की ओर से मंगलवार को कोविड वार रूम की बैठक की जाएगी, जिसमें लगाई हुई पाबंदियों को और कम किए जाने का निर्णय लिया जाएगा। व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह से गुजरात सरकार ने व्यापारियों को राहत की घोषणा की है, उसी तर्ज पर चंडीगढ़ में भी राहत दी जानी चाहिए। जागरण मंच के तहत दैनिक जागरण ने वर्तमान स्थिति पर शहर के प्रतिष्ठित व्यापारियों से बातचीत की। इस समय बेशक बाजार रात सात बजे तक खोलने की मंजूरी दे दी है, लेकिन कारोबार अभी भी कम है। जिस कारण व्यापारी अपना पिछले नुकसान ही पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन को सभी प्रकार के बैंक से ऋण पर ब्याज, प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली-पानी के बिलों में न्यूनतम चार्जेज पूरी तरह से माफ करके राहत देना चाहिए।

- राकेश कुमार, सदस्य, उद्योग व्यापार मंडल शहर के व्यापारियों ने प्रशासन की हर पाबंदी को माना। जिस कारण कोरोना संक्रमण के अब शहर में काफी कम मामले आ रहे हैं। ऐसे में अब प्रशासन की बारी है कि व्यापारियों को राहत पैकेज दे। सरकारी लीज मनी, किराया, ब्याज आदि सभी प्रकार की देनदारियां छह महीने के लिए माफ होनी चाहिए।

- रामनिवास बंसल, व्यापारी। करोना महामारी और लॉक डाउन की वजह से व्यापारियों का समय अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है । जिसको ध्यान में रखते हुए कम से कम 6 महीने के समय को अनिश्चितता का दौर मानते हुए व्यापारियों की सभी प्रकार के सरकारी देनदारियों को निरस्त कर दिया जाना चाहिए। व्यापारी प्रशासन का पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है।

- महिन्द्र बंसल, व्यपारी, सेक्टर 17 सबसे ज्यादा कारोबार फर्नीचर व्यापारियों का प्रभावित हुआ है। इस समय भी काम नहीं है। शादी-विवाह में गेस्ट की संख्या को भी बढ़ाना चाहिए। दूसरा अब कोरोना के केस काफी कम हो रहे हैं इसलिए व्यापार को पूरी तरह खोल दिया जाना चाहिए। व्यापारियों पर किसी प्रकार की पाबंदी नहीं होनी चाहिए।

- अनिल कुमार गोयल,फर्नीचर व्यापारी, मनीमाजरा प्रशासन को चाहिए अब बाजारों में स्थायी तौर पर वैक्सीनेशन कैंप लगाए ताकि व्यापारी उनका स्टाफ और परिवार के सदस्य टीकाकरण करवा सके। कोरोना से किसी व्यापारी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत होने की अवस्था में मृतक व्यपारी के परिजनों को कम से कम 10 लाख रुपये मुआवजा मिलना चाहिए।

- राजेश कुमार सिगला, दुकानदार, सेक्टर-45 इस समय प्रशासन को अब आर्थिक पैकेज के लिए सरकार और प्रशासन से ही उम्मीद है। प्रशासन का अब इस ओर बढ़ना चाहिए। गुजरात सरकार ने व्यापारियों को राहत की घोषणा की है। उसी तर्ज पर चंडीगढ़ में भी व्यपारियो के लिए राहत दी जानी चाहिए

- संजीव कालरा, उपाध्यक्ष, मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन, सेक्टर-46सी अब प्रशासन को शादी- विवाह में गेस्ट की संख्या बढ़ानी चाहिए ताकि टैंट और कैटरिग से जुड़े व्यापारियों का कारोबार भी बढ़ सके।प्रापर्टी टैक्स तो सभी कामर्शियल इमारतों का माफ कर देना चाहिए।पिछले एक साल से सभी ट्रेड का कारोबार ठप्प पड़ा है।प्रशासन को प्रापर्टी टैक्स माफ करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

- जयप्रकाश बंसल, कपड़ा व्यापारी एवं सदस्य, व्यापार मंडल कोरोना के कारण शादियां नाममात्र ही हो रही है। ऐसे में सोने के आभूषण का कारोबार करने वाले व्यापारी पिछले एक साल से नुकसान झेल रहे हैं। कई आभूषण विक्रेताओं की दुकानों का किराया लाखों में हैं। ऐसे में उन व्यापारियों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। मार्केट में अब लोग त्यौहारों में भी सोना नहीं खरीद रहे हैं।

- सुनील कुमार, आभूषण विक्रेता, सेक्टर-23 प्रशासन को एक कमेटी का गठन करना चाहिए, जिसमें अधिकारी और व्यापारी दोनो शामिल करने चाहिए। यह कमेटी यह तय करे कि किस तरह से अब शहर की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। शहर में कारोबार के अवसर बढ़ाने चाहिए। प्रशासन को व्यापारियों की पुरानी मांगे पूरी करनी चाहिए।

- संदीप बंसल, महासचिव, मार्केट एसोसिएशन, सेक्टर-36डी शहर में प्रशासन की कई सरकारी दुकानें और इमारतें हैं। प्रशासन को इनका किराया आधा करके एक मॉडल तय करना चाहिए। जिससे की निजी इमारतों के मालिकों को भी मैसेज मिल सके। अगर प्रशासन अपनी इमारतों का किराया कम नहीं करता तो प्रशासन की शहर के मालिकों को अपील करने का कोई फायदा नहीं रहेगा।

- योगेश कुमावत, व्यापारी, सेक्टर-37 कोरोना का सबसे ज्यादा असर व्यापारियों पर ही पड़ा है। पिछले एक साल का नुकसान व्यापारी आने वाले पांच साल में भी पूरा नहीं कर पाएंगे। इसके बावजूद प्रशासन कोरोना का पूरी तरह से सफाया करने के लिए हर संभव मदद करने के लिए तैयार है। बिना मास्क के किसी भी ग्राहक को अटेंडेट नहीं किया जाएगा।

- नवीन प्रसाद, व्यापारी, सेक्टर-37 सी पंचकूला में छोटे बूथों को ऊपर की मंजिल का निर्माण करने की मंजूरी है लेकिन चंडीगढ़ में व्यापारियों का ऐसी सुविधा नहीं है।अगर हरियाणा सरकार अपने यहां पर व्यापारियों को सुविधा दे सकती है तो चंडीगढ़ प्रशासन क्यों नहीं।प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का कार्यकाल खत्म हो रहा है ऐसे में उन्हें अब व्यपारियों की मांगों पर भी गौर करना चाहिए।

- रमेश कुमार, सीनियर उपाध्यक्ष, मार्केट एसोसिएशन, सेक्टर-38सी होटल और रेस्टोरेंट वालों के समय भी बढ़ा देना चाहिए।इस कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान छोटे व्यापारियों को हुआ है।उनका काम अभी भी नहीं चला है।शहरवासी अभी भी खुलकर बाजारों में नहीं आ रहे हैं।प्रशासन को व्यापारी सगठनों के साथ बैठक करके उनकी राय पूछनी चाहिए।

- मुकुल कुमार, सेक्टर-18 तवा रेस्टोरेंट

चंडीगढ़ में अब कोरोना केसों में कमी आई है, शहर की स्थिती में अब सुधार हो रहा है। प्रशासन को इन हालात को ध्यान में रखते हुए शहर में अब दुकानों को पहले की तरह से ढील देते हुए हुए समय मे बदलाव कर देना चाहिए। दुकानों को खोलने का समय अब सुबह 10 से रात 9 बजे हो जाना चाहिए।

- अमन कुमार, व्यापारी, सेक्टर-23

इस व़क्त जो महामारी का संकटकाल चल रहा है, इससे दुकानदार की आर्थिक स्थिती बहुत ही बदतर हो चुकी है,इन हालात में दुकानदार के लिए दुकानों का किराया, बैंक लोन की किश्तें और कर्मचारियों की तनख्वाह सहित बिजली का बिल भरना बहुत मुश्किल लग रहा है। ऐसे में प्रशासन को कोई न कोई व्यापारियों को राहत देने के लिए कदम उठाने चाहिए।

- संजीव अग्रवाल, सदस्य, व्यापार मंडल

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