व्यापारी बोले - पंजाब-हरियाणा के बराबर हमें भी मिलें रियायतें

शहर के व्यापारियों ने कहा है कि चंडीगढ़ में उन्हें पंजाब-हरियाणा के बराबर रियायतें नहीं मिल रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 06:00 AM (IST)
व्यापारी बोले - पंजाब-हरियाणा के बराबर हमें भी मिलें रियायतें
व्यापारी बोले - पंजाब-हरियाणा के बराबर हमें भी मिलें रियायतें

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़

शहर के व्यापारियों ने कहा है कि चंडीगढ़ में उन्हें पंजाब-हरियाणा के बराबर रियायतें नहीं मिल रही हैं। जबकि उनकी लंबे समय से मांग रही है कि यहां भी ऐसी रियायतें मिलनी चाहिए। उन्हें इस बात का मलाल है कि वर्षो से चली आ रही समस्या के मुद्दे पर आवाज उठाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। शनिवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित राउंड टेबल कांफ्रेस में व्यापारियों ने कहा कि सबसे अधिक परेशानी बिल्डिग बायलॉज को लेकर है।

व्यापारियों ने कहा कि शहर में 4000 से अधिक व्यापारियों को मिस यूज और वायलेशन के नोटिस प्रशासन ने भेजे हैं। इस मामले में आवज बुलंद करने के बाद भी अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका है। प्रशासन जब तक शहर में बिल्डिग बॉयलाज को संशोधित नहीं करता, व्यापारियों की परेशानी बनी रहेगी। मिस यूज और वायलेशन के केस एसडीएम के स्तर पर सुने जा रहे हैं। लेकिन वर्षो तक केस का निपटारा नहीं होता। ऐसे में व्यापारियों के सिर पर मिस यूज और वायलेशन की तलवार लटकी रहती है। बिना कनवर्जन फीस जमा करवाए मिले कारोबार करने की मंजूरी

शोरूम की ऊपर की पहली और दूसरी मंजिल में बिना कनवर्जन फीस जमा करवाए हर तरह का कारोबार करने की मंजूरी प्रशासन को देनी चाहिए। जबकि अभी तक ऊपर की मंजिलों में सिर्फ संस्थाएं और पार्लर खोलने की ही मंजूरी है। इसके विपरीत पंचकूला और मोहाली में कनवर्जन के लिए कोई फीस चार्ज नहीं होती। यहां पर भी व्यापारियों को राहत देते हुए यह सुविधा दी जानी चाहिए। यहां पर 800 से एक हजार रुपये स्क्वायर फीट के हिसाब से फीस चार्ज की जा रही है जो कि न्यायसंगत नहीं है।

- अध्यक्ष, चरणजीव सिंह, व्यापार मंडल उत्तरी सेक्टरों की कामर्शियल इमारतों के लिए अलग नियम क्यों

शहर में उत्तरी सेक्टरों की कामर्शियल इमारतों के लिए अलग नियम हैं। जबकि दक्षिण की इमारतों के लिए अलग। यहां पर जो शोरूम एससीएफ है, अगर उन्हें एससीओ में बदलना है तो इसके लिए जो फीस पहले पांच लाख रुपये ली जाती थी उसे 50 लाख कर दिया गया है। जबकि कामर्शियल इमारतों के लिए प्रशासन अलॉटमेंट के समय ही पूरी राशि ले चुका है। ऊपर की मंजिलों में बरामदों को भी कवर करना यहां पर आसान नहीं है। ऐसा करने वालों को प्रशासन की ओर से मिस यूज और वायलेशन के नोटिस भेजे जाते हैं।

- राधेय लाल, सदस्य, व्यापार मंडल । प्रशासन की ओर से नहीं हो रही व्यापारियों की कोई सुनवाई

प्रशासन में व्यापारियों की कोई सुनवाई नहीं है। पंचकूला की तर्ज पर चंडीगढ़ में भी छोटे बूथ संचालक को अपनी पहली मंजिल का निर्माण करने की मंजूरी दी जानी चाहिए। अपनी ही दुकानों के बाहर सामान का डिस्पले करने की मंजूरी नहीं है। ऐसा करने पर नगर निगम इसे अतिक्रमण मान कर सामान जब्त कर लेता है।

- सुनील कांसल, महासचिव, चंडीगढ़ व्यापार संघ। रामदरबार में बने मल्टीलेवल पार्किग

रामदरबार में सबसे ज्यादा औद्योगिक यूनिट हैं, लेकिन यहां पर हर दिन पार्किंग की समस्या का व्यापारियों और ग्राहकों को सामना करना पड़ता है। इससे कारोबार प्रभावित हो रहा है। सड़क किनारे वाहन पार्क करने पर ट्रैफिक पुलिस चालान काटती है। यहां पर मल्टीलेवल पार्किग बनाई जानी चाहिए। एनजीटी की ओर से प्रदूषण के चालान काटे जा रहे हैं, लेकिन प्रदूषण विभाग की ओर से कभी भी मापदंडों को नहीं समझाया जाता।

- रमेश सिगला, सीनियर उपाध्यक्ष, चंडीगढ़ व्यापार संघ। मध्य मार्ग पर दिन में भी हो ट्रकों की आवाजाही

मध्य मार्ग पर जो शोरूम हैं, उनमें इमारतों के निर्माण सामग्री का काम होता है। लेकिन दोपहर के समय ट्रक की आवाजाही पर पाबंदी है। सेक्टर-26 से सेब मंडी पंचकूला में शिफ्ट हो गई है। पहले यहां पर सेब के आढ़ती आते थे तो वह मध्य मार्ग की दुकानों में खरीददारी करके जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। यहां के शोरूमों में होटल और बार खोलने की मंजूरी दी गई है, लेकिन यदि कोई इमारत के पिछले तरफ एरिया को कवर करता है तो प्रशासन की ओर से वायलेशन के नोटिस भेज दिए जाते हैं।

- जगदीश अरोड़ा, चेयरमैन, चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल। शहर की ट्रासपोर्ट व्यवस्था चमराई

शहर की ट्रासपोर्ट व्यवस्था पूरी तरह से चमराई हुई है। इस समय मेट्रो ट्राईसिटी की जरूरत है। इससे शहर का स्टेटस बनेगा। उन्होंने यह मामला ट्रासपोर्ट एडवाइजरी की बैठक में भी उठाया था। शहर के सभी प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति लगती है, लेकिन प्रशासन में अफसरशाही हावी होने के कारण व्यापारियों के मुद्दे सुलझ नहीं रहे हैं। जबकि पंजाब व हरियाणा में ऐसा नहीं है, क्योंकि वहां पर विधायक काम करवा लेते हैं।

- बलदेव गोयल, पूर्व अध्यक्ष, चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल कोरोना काल में व्यापारी सबसे ज्यादा प्रभावित

कोरोना काल में सबसे ज्यादा व्यापारी प्रभावित हुए हैं। इस समय भी 30 से 40 फीसद कारोबार प्रभावित हो रहा है। फायर नार्मस के नाम पर व्यापारियों को लगातार नोटिस भेजे जा रहे हैं। सेक्टर-1 से 30 तक की कामर्शियल इमारतों को छत पर दो हजार लीटर का पानी का टैंक बनाने के लिए कहा जा रहा है। यह भी देखने चाहिए कि जो नियम पूरे देश में लागू किए जा रहे हैं वह चंडीगढ़ में लागू भी हो सकते है या नहीं, व्यापारियों से कोई राय नहीं ली जाती।

- दिवाकर सहूजा, मुख्य प्रवक्ता, व्यापार मंडल। पेड पार्किंग के नाम पर लूट बंद हो

इस समय शहर में पेड पार्किंग के नाम पर लूटा जा रहा है। पार्किंग के रेट बढ़ा दिए गए हैं। कार चालक से 10 की बजाय अब 12 रुपये चार्ज किए जा रहे हैं। पार्किंग के प्रवेश द्वार पर ही शुल्क ले लिया जाता है चाहे अंदर वाहनों की पार्किंग न हो। यह सिर्फ एंट्री टैक्स से ज्यादा कुछ नहीं है। पार्किंग के रेट कम होने चाहिए तभी मार्केट्स में ग्राहक आएगा।

- आनंद सिहाल, उपाध्यक्ष, व्यापार मंडल जीएसटी की खामियों को दूर करना जरूरी

जीएसटी में कई तकनीकी खामियां हैं, जिसमें संशोधन होना चाहिए। व्यापारियों में इस समय दहशत का माहौल है। इतनी खामियां हैं कि व्यापारी खुद जीएसटी की रिर्टन नहीं भर सकता है। जिस कारण छोटा व्यापारी कारोबार छोड़ रहा है। कोरोना के दौरान कई व्यापारियों ने अपनी दुकानें भी छोड़ दी हैं, क्योंकि व्यापारियों को मल्टीनेशनल कंपनियां ऑनलाइन में कारोबार करने वालों को सस्ता सामान बेच रही है।

- रविदर सिंह बिल्ला, अध्यक्ष, चंडीगढ़ डिपार्टमेंटल स्टोर एसोसिएशन वेंडर जोन को लेकर दिक्कतों का हो समाधान

इस समय शहर की सबसे ज्यादा जरूरत है कि व्यापारियों के लिए ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए। पंजाब में यह बोर्ड है जिस कारण वहां पर व्यापारियों की समस्याएं जल्द हल हो जाती है। इस समय अधिकतर कमर्शियल इमारतें लीज होल्ड हैं। जो नई इमारतें बेची जा रही हैं, वह भी लीज होल्ड हैं। जबकि प्रॉपर्टी फ्री होल्ड होनी चाहिए। ऐसा न होने के कारण ही बार-बार प्रशासन की नीलामी फेल हो रही है। वेंडर जोन के कारण बाजारों में दिक्कत बढ़ गई है।

- अनिल वोहरा, पूर्व अध्यक्ष, व्यापार मंडल व्यापारियों पर न थोपे जाएं मनमाने फैसले

शहर में अफसरशाही हावी है। पंजाब व हरियाणा से अधिकारी तीन साल के लिए आते हैं और व्यापारियों से राय लिए बिना फैसले थोप देते है। उन्हें शहर के व्यापारियों से कोई सरोकार नहीं है। शहर में वैट हजारों के मामले लंबित हैं। संपदा विभाग में टाइम बाउंड काम नहीं हो रहा है। वायलेशन और मिसयूज के जो मामले चल रही है, वह कई साल तक चलते रहते हैं। जिस कारण व्यापारी परेशान हो रहा है। प्रशासन और नगर निगम के स्तर पर पेश आ रही दिक्कतों के लिए एक अलग से सेल का गठन किया जाए। इस सेल में व्यापारियों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए।

- संजीव चढ्ढा, महासचिव, व्यापार मंडल पार्किंग की सुविधा में हो सुधार

प्रशासन की ओर से व्यापार बढ़ाने का कभी माहौल ही बनाया गया। व्यापारी शहर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, उन्हें सिर्फ कमाई का साधन माना जाता है। बाजार में मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जानी चाहिए। इस समय हर पेड पार्किंग में दस मिनट तक पिक एंड ड्राप की मुफ्त सुविधा तो है लेकिन फिर भी इतने समय के लिए पेड पार्किंग शुल्क चार्ज किए जा रहे हैं।

- नवदीप शर्मा, प्रॉपर्टी डीलर राजनीतिक ढांचा कमजोर होने से दब जाती है व्यापारियों की आवाज

शहर में जो राजनीतिक ढांचा है, वह काफी कमजोर है। जिस कारण व्यापारियों की आवाज दब जाती है। जब तक राजनीतिक दबाव अधिकारियों पर नहीं होगा, इसी तरह से व्यापारी परेशान होता रहेगा। यहां पर व्यापारियों की समस्याएं अनेक है। नेता भी चुनाव के दिनों में ही दिखते हैं। इस समय सांसद को अपनी समस्याएं बताने के लिए शहर का व्यापारी कहां जाएं किसी को कुछ नहीं पता है।

- जगदीश कपूर, सलाहकार, व्यापार मंडल जागरण बनेगा आपकी आवाज, 7696204842 पर बताएं

दैनिक जागरण आपकी आवाज बनेगा। अगर आप चंडीगढ़ के व्यापारी हैं और मार्केट तथा व्यापारियों से जुड़ी समस्याओं से प्रशासन और नगर निगम को अवगत करवाना चाहते हैं तो वाट्सएप नंबर 7696204842 पर बेझिझक बताएं। दैनिक जागरण आपकी समस्याओं को प्रमुखता से प्रकाशित कर प्रशासन तक पहुंचाएगा।

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