इस बार भी गर्मी में रहेगी पानी की किल्लत

लोगों को इस साल भी गर्मी में पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा लेकिन अगस्त के मध्य तक पानी को पांच एमजीडी (मेगा गेलन डेली) अतिरिक्त पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 05:53 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 05:53 PM (IST)
इस बार भी गर्मी में रहेगी पानी की किल्लत
इस बार भी गर्मी में रहेगी पानी की किल्लत

जागरण संवाददाता, मोहाली : लोगों को इस साल भी गर्मी में पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा, लेकिन अगस्त के मध्य तक पानी को पांच एमजीडी (मेगा गेलन डेली) अतिरिक्त पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी। ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) की ओर से कजौली के पांचवें चरण में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। इसे शुरू करने के लिए 31 जुलाई की समयसीमा निर्धारित की गई है। करीब आठ साल बाद गमाडा ने अंतिम रूप से कजौली वाटरव‌र्क्स के पांचवें व छठे चरण से पानी की अतिरिक्त आपूर्ति के समय सीमा निर्धारित की है। ध्यान रहे कि कजौली के इस चरण से पिछले साल दिसंबर में पानी मिलना शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन कोविड के कारण इसमें देरी हुई।

इस समय 10 एमजीडी पानी की कमी

मौजूदा समय में मोहाली में 10 एमजीडी पानी की कमी है। गर्मियों में मांग 12 एमजीडी तक बढ़ जाती है। गमाडा के मुख्य अभियंता दविदर सिंह ने बताया कि मोहाली के सिघपुर में आने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य जोरों पर है। कोशिश है कि जुलाई अंत तक पूरा कर लिया जाए। वडोदरा की कंपनी द्वारा इसे तैयार किया जा रहा है। जिस पर 100 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। ध्यान रहे कि कई वर्षो से मोहाली में पानी की भारी कमी है।

पानी की कमी के लिए उच्च न्यायालय में किया था मामला दायर

डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने पानी की कमी के बारे में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में मामला दायर किया था। मई 2012 में गमाडा ने 200 करोड़ की लागत से कजौली से मोहाली और चंडीगढ़ को 80 एमजीडी पानी की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन का काम शुरू किया था। जिसका आधा हिस्सा चंडीगढ़ की ओर से वहन किया गया था। वर्तमान में मोहाली को 10 एमजीडी पानी कजौली के वाटरव‌र्क्स से और 10 एमजीडी के 75 ट्यूबवेल से मिलता है। कजौली वाटरव‌र्क्स, रूपनगर जिले में मोरिडा के पास भाखड़ा मेनलाइन नहर पर स्थित है। जहां से चंडीगढ़, मोहाली और चंडीमंदिर की पानी की आवश्यकता पूरी होती है। पांचवें चरण से पानी मिलना शुरू होने के बाद पानी की किल्लत से बहुत हद का लोगों को राहत मिलेगी।

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