शादी की रस्में रोक वकील ने वीसी के जरिये की बहस, मुवक्किल को छुड़ाया; फिर दुल्हन ले गए

वकील की शादी थी। डोली विदाई की रस्म चल रही थी। उसी समय वकील के मुवक्किल की कोर्ट में पेशी थी। वकील ने वीसी के जरिये हाई कोर्ट में मुवक्किल की पैरवी की और उसे अग्रिम जमानत दिली।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 02:51 PM (IST) Updated:Sun, 01 Nov 2020 09:37 AM (IST)
शादी की रस्में रोक वकील ने वीसी के जरिये की बहस, मुवक्किल को छुड़ाया; फिर दुल्हन ले गए
वकील लुपिल गुप्ता की शादी की फोटो। फेसबुक

चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) एक युवा अधिवक्ता लुपिल गुप्ता ने कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता की अनूठी मिसाल पेश की है। रात उनका विवाह हुआ। सुबह दुल्हन को विदा कराकर ले जाना था। दूसरी तरफ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में उनके मुवक्किल की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई थी। अधिवक्ता ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये पहले अपने मुवक्किल की याचिका पर बहस की। उसे अग्रिम जमानत दिलाई, फिर दुल्हन की विदाई हुई। पीठ ने भी अधिवक्ता के सुखी वैवाहिक जीवन की कामना की।

लुपिल गुप्ता के मुवक्किल बठिंडा निवासी अंग्रेज सिंह के खिलाफ बठिंडा के फूल पुलिस स्टेशन में मई 2019 में एफआइआर दर्ज हुई थी, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। कुछ दिन पहले अंग्रेज को पता चला कि पुलिस उसे गिरफ्तार करना चाहती है तो उसने अग्रिम जमानत याचिका दायर की। उसके अधिवक्ता लुपिल गुप्ता ने दलील दी कि एफआइआर दर्ज होने 17 माह बाद भी पुलिस ने चार्जशीट नहीं दायर की। इसलिए याची को नैसíगक रूप से जमानत का अधिकार है।

28 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील ने सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया, लेकिन याची के वकील लुपिल गुप्ता ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि वह सुबह से सुनवाई के इंतजार में बैठे हैं। कल रात ही उनकी शादी हुई है और डोली की सुबह की रस्म अभी केस की सुनवाई के बाद होनी है। उनके वीडियो कान्फ्रेंस में होने के कारण सुबह की रस्में रुकी हुई हैं, जो सुनवाई के बाद होंगी। यह सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस अरुण मोंगा ने लुपिल को पहले सुखद वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दीं और फिर उनसे सहमति जताते हुए उनके मुवक्किल को स्वत: जमानत (डिफाल्ट बेल) का हकदार माना।

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