चंडीगढ़ के मेयर रविकांत का दावा निकला हवा-हवाई, निगम को नहीं मिली आरएलए विभाग की कमाई
चंडीगढ़ में मेयर बनने के बाद रविकांत शर्मा ने प्रेसवार्ता कर दावा किया था कि नगर निगम का वित्तीय संकट जल्द दूर होने वाला है। यह भी दावा किया था कि एक अप्रैल से प्रशासन के आरएएल विभाग की कमाई नगर निगम को ट्रांसफर हो जाएगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। मेयर बनने के बाद रविकांत शर्मा ने प्रेसवार्ता कर दावा किया था कि नगर निगम का वित्तीय संकट जल्द दूर होने वाला है। यह भी दावा किया था कि एक अप्रैल से प्रशासन के आरएएल विभाग की कमाई नगर निगम को ट्रांसफर हो जाएगी। उस समय मेयर रविकांत शर्मा की सलाहकार मनोज परिदा के साथ बैठक भी हुई थी लेकिन उस प्रपोजल और दावे का कोई अता पता नहीं है। उस बैठक में कमिश्नर केके यादव भी शामिल थे। जिसमें प्रशासन के अधिकारियों ने भी भाग लिया। लेकिन मेयर के उस दावे पर अधिकारियों और प्रशासन ने अपना कोई ब्यान नहीं दिया था। मेयर ने उस समय दावा किया था कि अब वाहनों के रजिस्ट्रेशन करने से वसूला जाने वाला रोड टैक्स नगर निगम को मिलेगा। आरएलए विभाग आने से नगर निगम को हर साल 300 करोड़ रुपये की कमाई होगी। यह राशि आने से नगर निगम के पास शहर के काम करवाने के लिए भरपूर फंड हो जाएगा।
मेयर ने यह भी दावा किया था कि शहरवासियों पर कोई नया टैक्स लगाने की भी जरूरत भी नहीं होगी। प्रशासन की ओर से अभी तक न तो यह प्रपोजल पास किया गया है और न ही केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भी भेजा गया है। नगर निगम के पार्षद शुरू से यह मांग कर रहे हैं कि शहर की 80 फीसद से ज्यादा सड़कों की कारपेटिंग वह करते हैं ऐसे में रोड टैक्स भी उन्हें ही मिलना चाहिए। पिछले पांच सालों में हर मेयर ही आरएलए से होने वाली कमाई ट्रांसफर करने की मांग कर रहा है। लेकिन किसी की भी मांग पर गौर नहीं हुआ। भाजपा पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल भी इस मांग को लेकर प्रशासक को मिल चुके हैं।
इस समय नगर निगम में वित्तीय संकट गरमाने से विकास के काम भी रूके हुए हैं। अधिकतर पार्षद वार्ड डवलेपमेंट फंड न मिलने से काम भी नहीं करवा पा रहे हैं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता एचएस लक्की का कहना है कि मेयर की ओर से समय समय पर कई दावे किए गए हैं लेकिन ग्राउंड में उन दावों में कोई सच्चाई नहीं थी। उनका कहना है कि प्रशासन को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। मेयर रविकांत शर्मा का कहना है कि उस समय सलाहकार के साथ हुई बैठक में प्रपोजल पर बात हुई थी और प्रशासन ने भी आरएलए से होनी कमाई ट्रांसफर करने का आश्वासन दिया था। उनका कहना है कि इस मुद्दें पर वह एक बार फिर से प्रशासक और सलाहकार को मिलेंगे। केंद्र सरकार से भी बात की जाएगी।