टिकट के लिए नहीं चलेगी चापलूसी, सर्वे में रहना होगा अव्वल

अगर आप शहर के किसी प्रमुख राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं और आप चुनाव लड़ना चाहते हैं तो आपको दिसंबर माह में होने वाले नगर निगम चुनाव के लिए पार्टी नेताओं को खुश करने और चापलूसी करने की जरूरत नहीं है और न ही किसी तरह की लाबिग की आवश्यकता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 05:58 AM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 05:58 AM (IST)
टिकट के लिए नहीं चलेगी चापलूसी, सर्वे में रहना होगा अव्वल
टिकट के लिए नहीं चलेगी चापलूसी, सर्वे में रहना होगा अव्वल

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़

अगर आप शहर के किसी प्रमुख राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं और आप चुनाव लड़ना चाहते हैं तो आपको दिसंबर माह में होने वाले नगर निगम चुनाव के लिए पार्टी नेताओं को खुश करने और चापलूसी करने की जरूरत नहीं है और न ही किसी तरह की लाबिग की आवश्यकता है। बस आपको अभी से अपने चुनाव लड़ने वाले वार्ड में लोगों के बीच सक्रिय रहना होगा। राजनीतिक कार्यक्रम करके आपको अपने चुनाव लड़ने वाले वार्ड में अपनी पहचान बनानी होगी क्योंकि इस बार कांग्रेस,भाजपा और आम आदमी पार्टी ने टिकट वितरण से पहले सर्वे करवाना है और सर्वे में अव्वल रहने वाले नेताओं को टिकट दी जाएगी। ऐसे में इस बार टिकट वितरण में सीनियर नेताओं की मनमानी भी नहीं चलेगी।

हर राजनीतिक पार्टियां स्वतंत्र कंपनी से सर्वे करवाएंगी, जिसके लिए दलों ने मंथन शुरू कर दिया है। प्रशासन की ओर से अक्तूबर माह में आरक्षित और महिला वार्ड तय करने हैं, जिसके बाद सर्वे के साथ साथ राजनीतिक तस्वीर साफ हो जाएगी। इस बार नई वार्डबंदी के तहत 35 सीटों के लिए चुनाव होगा। अगले साल जनवरी माह के पहले सप्ताह में मेयर के लिए मतदान होगा। साल 2016 में भाजपा ने सर्वे के आधार पर ही बांटा था टिकट

साल 2016 में भाजपा ने सर्वे करवाने के बाद ही टिकट वितरण किया था। इसमें भाजपा को काफी सफलता मिली थी। उस समय ऐसे चेहरों को भी टिकट दी गई, जिनके उम्मीदवार बनने की कोई उम्मीद नहीं थी। उसी के आधार पर भाजपा ने उम्मीदवार तय किए और 22 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से 20 भाजपा के पार्षद जीते थे। आम आदमी पार्टी पहली बार नगर निगम चुनाव लड़ने जा रही है। आप की ओर से भी सर्वे करवाया जाएगा। कांग्रेस भी इस दिशा की ओर बढ़ रही है। सर्वे के दौरान उम्मीदवार के नाम के अलावा मुद्दों पर भी लोगों से राय पूछी जाएगी। सभी राजनीतिक दल टिकट वितरण के लिए अपनी कमेटियों का भी गठन करेगी। हर दल इस बार ज्यादा से ज्यादा युवाओं को मैदान में उतारने की बात कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला पहले ही 50 फीसद से ज्यादा नए चेहरे चुनावी जंग में उतारने की घोषणा कर चुके हैं। इसलिए इसी समय हर दल के सीनियर नेता सभी दावेदारों को अपने वार्ड में ज्यादा से ज्यादा राजनीतिक कार्यक्रम करके लोगों को अपने पक्ष में करने की बात कर रहे हैं। इसलिए अहम है चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव

शहर के नगर निगम चुनाव इसलिए अहम है, क्योंकि इसके तीन माह बाद पंजाब विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए हर दल चंडीगढ़ में परचम लहरा कर पंजाब के मतदाताओं को प्रभावित करना चाहते हैं। इसलिए इस बार पंजाब के नेता भी चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में बढ़ चढ़ प्रचार में भाग लेंगे। इस बार अकाली दल बिना भाजपा के गठबंधन के चुनाव लड़ने जा रही है। अकाली दल बसपा के साथ गठबंधन करके अपने उम्मीदवार तय करेगी। इस पर अकाली और बसपा की ओर से मंथन भी शुरू कर दिया गया है। आप संयोजक प्रेम गर्ग का कहना है कि चंडीगढ़ के बाद पंजाब विधानसभा चुनाव में आप जीतेगी। उम्मीदवारों को तय करने के लिए सर्वे का सहारा लिया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला का कहना है कि सर्वे के आधार पर ही टिकट वितरण किया जाएगा।

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