नाटक के जरिए दिखाया स्वतंत्रता सेनानियों का संघर्ष

देश को आजाद कराने के लिए सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहूति दी। तभी भारत को आजादी मिली और आज हम उस आजादी का मजा ले रहे हैं। स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष को दिखाने के लिए शनिवार को सेक्टर-17 में नाटक शहीद की वापसी का मंचन किया गया।

By Edited By: Publish:Sat, 14 Aug 2021 08:25 PM (IST) Updated:Sat, 14 Aug 2021 08:25 PM (IST)
नाटक के जरिए दिखाया स्वतंत्रता सेनानियों का संघर्ष
सेक्टर-17 में नाटक शहीद की वापसी का मंचन करते कलाकार।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : देश को आजाद कराने के लिए सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों ने खुद के प्राणों की आहूति दी। इसका परिणाम रहा कि भारत को आजादी मिली और आज हम उस आजादी का मजा ले रहे हैं। स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष को दिखाने के लिए शनिवार को प्लाजा सेक्टर-17 में नाटक शहीद की वापसी का मंचन किया गया।

नाटक को थिएटर आर्ट चंडीगढ़ की तरफ से तैयार किया था और निर्देशन राजीव मेहता ने किया। नाटक में दिखाया गया कि किस प्रकार से देश को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने क्रांति पैदा की। लोगों को एक मंच के नीचे लेकर आया गया। उसके बाद उन्हें जोड़कर रखने के लिए धर्म-जात को भूल कर एक साथ संघर्ष करने का निर्णय लिया गया। इसका परिणाम रहा कि अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

स्वतंत्रता सेनानियों ने दी शहादत-

नाटक में दिखाया गया कि आजादी के लिए एक या दो साल का संघर्ष नहीं हुआ बल्कि यह संघर्ष सौ साल से भी ज्यादा चला। कई बार ऐसा समय आया जब अंग्रेजों ने हर समुदाय को दबाकर रखा जिसके लिए कभी अंधाधुंध गोलीबारी करके सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया तो कभी कानून से बढ़कर स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी पर लटका दिया गया। अंग्रेजो ने हर वह प्रयास किया जो कि भारतवासी टूटे और उनका राज हमेशा के लिए कायम रहे लेकिन भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों का हौसला नहीं टूटा और 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा। अंग्रेज चले गए लेकिन जाते-जाते वह ¨हदोस्तान के कई हिस्से कर गए जिसका भुगतान आज तक ¨हदोस्तान और उसके पड़ोसी देश भुगतान कर रहे है।

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