निगम से ठगी के मामले में निगम व बैंक कर्मियों पर मिलीभगत का संदेह

नगर निगम के सरकारी खजाने से 28 लाख 50 हजार रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने संबंधित बैंक और नगर निगम से रिकार्ड मांगा है। अब पुलिस निगम के चीफ अकाउंट आफिसर व ज्वाइंट कमिश्नर के हस्ताक्षर सहित चेक की भी जांच करने में लगी है। वहीं बैंक से उस फर्जी चेक और उससे संबंधित कर्मी की पूरी जानकारी मांगी गई जिसके माध्यम से पैसे की ठगी की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 06:24 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 06:24 AM (IST)
निगम से ठगी के मामले में निगम व बैंक कर्मियों पर मिलीभगत का संदेह
निगम से ठगी के मामले में निगम व बैंक कर्मियों पर मिलीभगत का संदेह

-नगर निगम के खाते से 28 लाख 50 हजार रुपये की ठगी करने का मामला

-पुलिस ने चेक बुक, अधिकारियों के साइन व बैंक में दिए फर्जी चेक संबधी मांगी जानकारी

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जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नगर निगम के सरकारी खजाने से 28 लाख 50 हजार रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने संबंधित बैंक और नगर निगम से रिकार्ड मांगा है। अब पुलिस निगम के चीफ अकाउंट आफिसर व ज्वाइंट कमिश्नर के हस्ताक्षर सहित चेक की भी जांच करने में लगी है। वहीं, बैंक से उस फर्जी चेक और उससे संबंधित कर्मी की पूरी जानकारी मांगी गई जिसके माध्यम से पैसे की ठगी की गई है।

जानकारी के अनुसार पुलिस दोनों तरह के प्रमाण को सीएफएसएल जांच के लिए भी भेजेगी। सूत्रों के अनुसार बैंक व निगम कर्मियों की मिलीभगत पर भी पुलिस संदेह के आधार पर जांच में लगी है। पुलिस ने जांच के बाद किसी तरह की पुष्टि करने के बयान में बताया कि बैंक के किसी एजेंट, निगम के कांट्रैक्ट कर्मी या इन खातों के बारे में जानकारी रखने वाले को भी शामिल कर सकती है।

उल्लेखनीय है कि 11 अक्टूबर को निगम के अकाउंट में 28 लाख 51 हजार रुपये का एक अकाउंट पे चेक लगाकर अज्ञात आरोपित ने भुगतान कर लिया। इसके बाद आरोपित ने 18 अक्टूबर के बीच दो अलग-अलग चेक भी बैंक में लगा दिए, जिसमें एक चेक 98 लाख 51 हजार और दूसरा चेक 22 लाख 50 हजार रुपये का हैं। इस संबंधित में निगम के चीफ अकाउंट आफिसर से संपंर्क करने के बाद यह ठगी का मामला सामने आया।

मामले के बाद नगर निगम व संबंधित बैंक में मचा हड़कंप

ठगी का मामला उजागर होने के बाद नगर निगम और संबंधित बैंक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। फर्जी चेक पर अपने अधिकारियों के गलत हस्ताक्षर कर पैसे निकालने का हवाला देकर निगम ने बैंक से पैसे वापस करने को लिखा है। पत्र में निगम अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने पर बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पता चला है कि पैसे काऊसेस अकाउंट से निकाले गए हैं। जबकि किस खाते से किस तरह पैसा निकल सकता है, इस संबंधी बिना किसी जानकारी के सरकारी खजाने से पैसा नहीं निकाला जा सकता। इसलिए संदेह की सूई दोनों विभागों के कर्मचारियों पर अटकी हुई है। निगम और बैंक भी अपने स्तर पर जांच कर मामले को जल्द स्पष्ट करने में लगी है।

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