पीयू में सभी अधिकारियों की एडहॉक पर नियुक्ति का मामला उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास पहुंचा

एडहॉक अधिकारियों के सहारे चल रही पंजाब यूनिवर्सिटी का मामला अब पीयू चांसलर और देश के उपराष्ट्रपति ऑफिस तक पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:12 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:12 PM (IST)
पीयू में सभी अधिकारियों की एडहॉक पर नियुक्ति का मामला उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास पहुंचा
पीयू में सभी अधिकारियों की एडहॉक पर नियुक्ति का मामला उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास पहुंचा

डा. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़

एडहॉक अधिकारियों के सहारे चल रही पंजाब यूनिवर्सिटी का मामला अब पीयू चांसलर और देश के उपराष्ट्रपति ऑफिस तक पहुंच गया है। पूरे मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन से जल्द जवाब तलब की तैयारी है। पीयू में कुलपति को छोड़ रजिस्ट्रार, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, डीन कालेज डेवलपमेंट काउंसिल (डीसीडीसी), चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर सहित करीब 12 बड़े पदों पर कई वर्ष से अस्थायी अधिकारियों से काम चलाया जा रहा है। शिकायत दिल्ली तक पहुंचने से आजकल पीयू प्रशासन में खलीबली मची हुई है। पीयू की मौजूदा स्थिति को लेकर पूर्व सीनेटर और भाजपा के वरिष्ठ नेता डा. सुभाष शर्मा ने पूरे मामले को चांसलर एम वैंकेया नायडू तक पहुंचा दिया है। चांसलर ऑफिस को भेजी शिकायत में सीधे तौर पर पीयू में कुछ खास लोगों की नियुक्ति का आरोप लगाया है। दैनिक जागरण ने 13 अक्टूबर के अंक में एडहॉक पर चल रही पीयू शीर्षक से मामले को प्रमुखता से उठाया था। चांसलर को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि पीयू के कई प्रोफेसर को तीन से चार पदों पर बैठाया गया है। मार्च 2022 में नैक टीम का दौरा, रिपोर्ट अभी तैयार नहीं

सूत्रों के अनुसार मार्च 2022 में नैक टीम के दौरे से पहले पंजाब यूनिवर्सिटी को छह माह पहले निर्धारित फार्मेट में रिपोर्ट नैक को जमा करनी होती है। पीयू प्रशासन एक बार नैक रिपोर्ट जमा कराने के लिए समयसीमा बढ़ाने की मांग कर चुका है, लेकिन अब तक विभागों ने ताजा रिकार्ड ही नहीं दिया है। पीयू प्रशासन के टॉप लेवल अधिकारियों के नैक टीम के दौरे को लेकर आजकल हाथ पांव फूले हुए हैं। पीयू के सभी प्रशासनिक पद खाली होने के साथ ही शिक्षकों के भी 950 पद खाली हैं। तीन वर्ष से पीयू 26 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद तक नहीं भर पा रहा है। यह सभी नेगेटिव प्वाइंट नैक दौरे पर पीयू प्रशासन की खासी किरकिरी करवा सकते हैं। डीसीडीसी पद से डा. संजय कौशिक के इस्तीफे के बाद से कोई प्रोफेसर इस पद पर आने को तैयार नहीं है। पीयू कैंपस में चल रही राजनीति से भी पदों को भरने में दिक्कत हो रही है। कोट्स ..(फोटो सहित)

पीयू जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी का ऐसा हाल पहले कभी नहीं देखा। कुलपति को छोड़ किसी भी पद पर स्थायी अधिकारी नहीं है। कई पदों के लिए सिर्फ आवेदन मंगाकर नियुक्ति नहीं की गई। मामले में पीयू चांसलर, प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री से तुरंत कार्रवाई की मांग की गई है।

डा. सुभाष शर्मा, पूर्व सीनेटर पीयू और पंजाब बीजेपी नेता कोट्स .(फोटो सहित)

देश की इस टॉप यूनिवर्सिटी को पूरी तरह से बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है। कैंपस में अब पूरी तरह राजनीति हावी है। पढ़ाने के लिए न शिक्षक हैं और प्रशासनिक पदों पर भी चहेतों को बिठाया हुआ है। मामले में पीयू चांसलर को कार्रवाई करनी चाहिए।

मनोज लुबाणा, स्टेट प्रेसिडेंट, चंडीगढ़ यूथ कांग्रेस ।

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