चंडीगढ़ में होगा बच्चों का सीरो सर्वे

पूरे देश में पीजीआइ चंडीगढ़ पहला ऐसा संस्थान है जो बच्चों पर सीरो सर्वे करने जा रहा है। पीजीआइ के निदेशक प्रो. जगतराम ने बताया कि 22 जून से सर्वे की शुरुआत होगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 06:07 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 06:09 AM (IST)
चंडीगढ़ में होगा बच्चों का सीरो सर्वे
चंडीगढ़ में होगा बच्चों का सीरो सर्वे

विशाल पाठक, चंडीगढ़

पीजीआइ चंडीगढ़ की ओर से शहर में बच्चों पर सीरो सर्वे करने जा रहा है। पीजीआइ के निदेशक प्रो. जगतराम ने बताया कि 22 जून से सर्वे की शुरुआत होगी। सर्वे के माध्यम से यह जानने की कोशिश की जाएगी कि अब तक कितने बच्चे कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। या कितने बच्चे इस वायरस का शिकार हुए, लेकिन अब तक उनमें संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। सर्वे के जरिये यह जानने की कोशिश की जाएगी कि कितने बच्चों में एंडीबॉडी मिली। दो से 18 वर्ष तक के 2400 से 2500 बच्चे बनेंगे सर्वे का हिस्सा

पीजीआइ के पीडियाट्रिक विभाग की ओर से किए जाने वाले सीरो सर्वे में दो से 18 साल तक के बच्चों को शामिल किया जाएगा। शहरी, ग्रामीण और बस्ती इलाके में रहने वाले इस आयु वर्ग के बच्चों को सर्वे में शामिल किया जाएगा। प्रो. जगतराम ने कहा शहर के अलग-अलग हिस्सों में ये सर्वे इसलिए किया जाएगा, ताकि यह भी पता लगाया जा सके कि कोरोना वायरस का किस क्षेत्र के बच्चों में अधिक देखने को मिला। 2400 से 2500 बच्चों को सीरो सर्वे में किया जाएगा शामिल

प्रो. जगतराम ने बताया इस सीरो सर्वे में 2400 से 2500 बच्चों को शामिल किया जाएगा। दो से 18 साल तक की हर उम्र के 15 से 20 बच्चों को शामिल किया जाएगा। सर्वे में केवल उन बच्चों को शामिल किया जाएगा, जोकि कोरोना पॉजिटिव नहीं आए हैं। जुलाई तक आ जाएगा सीरो सर्वे का परिणाम

सीरो सर्वे में एक महीने का समय लगेगा। 22 जून को अगर सीरो सर्वे शुरू होता है, तो यह सर्वे 20 जुलाई तक पूरा हो जाएगा। जुलाई के अंत तक इस सीरो सर्वे के परिणाम सामने आ जाएंगे। सीरो सर्वे के परिणाम के आधार पर ही कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी की जाएगी। तीसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों पर असर डालेगी। बच्चों के लिए देश में अब तक कोविड वैक्सीन तैयार नहीं हुई है। बच्चों की वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। इसमें एक से दो महीने का समय लग सकता है। ऐसे में सीरो सर्वे के जरिए ही बच्चों को तीसरी लहर की चपेट में आने से बचाया जा सकता है। पीजीआइ में इस समय 12 साल तक के 17 संक्रमित बच्चें हैं एडमिट

पीजीआइ के कोविड वार्ड में इस समय 12 साल तक की उम्र के 17 संक्रमित बच्चों का इलाज चल रहा है। 13 से 39 साल के 47 संक्रमित लोगों का, 40 से 59 साल की उम्र के 77, 60 से 79 साल की उम्र के 47 और 80 साल से अधिक उम्र के एक संक्रमित मरीज एडमिट हैं। पीजीआइ में इस समय 197 संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है। क्यों होगा है सीरो सर्वे

यह पता लगाया जाता है कि कितने लोग संक्रमित हुए और कितने लोग स्वस्थ हो गए। इसे सेरोलॉजी टेस्ट के माध्यम से किया जाता है। शरीर में संक्रमण के खिलाफ बनने वाले एंटीबॉडीज की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। पता लगाते हैं कि क्या व्यक्ति के इम्यून सिस्टम ने इंफेक्शन का जवाब दिया है। ह्यूमन बॉडी में दो प्रकार की एंटीबॉडी बनती हैं। इनमें आइजीएम और आइजीजी शामिल हैं। दोनों संक्रमण के खिलाफ काम करते हैं। आइजीजी शरीर में लंबे समय तक रहते हैं। सर्वे का महत्व :

सीरो सर्वे दो स्थिति दर्शाता है, पहली कि कितने फीसद जनसंख्या संक्रमित हुई? दूसरी यह कि किस ग्रुप में वायरस के लक्षण ज्यादा मिले।

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