गुमराह लोगों के लिए शहीद करता है वापसी

नाटक शहीद की वापसी का मंचन टैगोर थिएटर-1

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Aug 2018 11:29 AM (IST) Updated:Thu, 16 Aug 2018 12:14 PM (IST)
गुमराह लोगों के लिए शहीद करता है वापसी
गुमराह लोगों के लिए शहीद करता है वापसी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहीद का धर्म सिर्फ देशभक्ति होती है। उसे एक धर्म में तोलना बेवकूफी है जो धर्म लड़ना सिखाए, आपस में बैर सिखाए वो धर्म ही नहीं। एक शहीद को फिर अपना धर्म बताने के लिए जीवित होना पड़ता है। नाटक शहीद की वापसी का यही सार है। उसका मंचन टैगोर थिएटर-18 में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में हुआ। राजीव मेहता के निर्देशन में हुआ नाटक में चंडीगढ़ थिएटर आ‌र्ट्स के कलाकारों ने अभिनय किया। नाटक एक गांव से शुरू होता है, जहां एक शहीद की याद में बुत का निर्माण किया गया है। विभिन्न धर्म के लोग वहां फूल माला चढ़ाने आते हैं। मगर इसी बीच एक अंग्रेज सभी में फूट डालने की कोशिश करता है। वो पूछता है कि ये शहीद किस धर्म का था। इतने में सभी सभी लोग उसके धर्म को लेकर लड़ने लगते हैं। इतने में शहीद के परिवार से संबधित एक व्यक्ति वहां पहुंचता है। वो लोगों को बताता है कि शहीद का धर्म सिर्फ देशभक्ति है। मगर लोग उसे दरकिनार करके फिर लड़ने लगते हैं। इतने में बुत में फिर से जान आ जाती है और वह गुस्से में लोगों को शांत होने को कहता है और बताता है कि उसका धर्म वो नहीं जो आप समझ रहे हैं बल्कि उसका धर्म केवल देश की सेवा रहा है। वो लोगों को जागरुक करता है और अंग्रेज को अपने बीच से भागने को कहता है, जो सभी में फूट डालता है। नाटक में सभी कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया तथा देश के सम्मान को बरकरार रखने का संदेश दिया।

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