युवा वर्ग शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह के विचारों को अपने जीवन में अपनाएंः वीके कपूर

भारत माता के महान सपूत शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की 113वीं जयंती आज गांधी स्मारक भवन सेक्टर 16 चंडीगढ़ में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी चंडीगढ़ के चीफ को-आॅर्डिनेटर तथा हरियाणा के पूर्व एडिशनल डायरेक्टर जनरल पुलिस वीके कपूर ने भगत सिहं को पुष्पांजलि अर्पित की।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 03:56 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 03:56 PM (IST)
युवा वर्ग शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह के विचारों को अपने जीवन में अपनाएंः वीके कपूर
श्रद्धापूर्वक मनाई शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जंयती।

चंडीगढ़, जेएनएन। भारत माता के महान सपूत शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की 113वीं जयंती आज गांधी स्मारक भवन सेक्टर 16, चंडीगढ़ में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम में नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी, चंडीगढ़ के चीफ को-आॅर्डिनेटर तथा हरियाणा के पूर्व एडिशनल डायरेक्टर जनरल पुलिस वीके कपूर, आइपीएस (सेवानिवृत) ने मुख्य अतिथि के तौर पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद, अपने संबोधन में कहा कि भगत सिंह आज पूरी दुनिया में एक यूथ-आइकाॅन बन चुके हैं। युवा वर्ग को चाहिए कि भगत सिंह के विचारों को अपने जीवन में अपनाते हुए, देश के हर नागरिक के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए, रचनात्मक कार्य करें।

उन्होंने आगे कहा कि आज भारत की कुल जनसंख्या का 65 फीसद युवा वर्ग है और उनमें योग्यता और कार्य क्षमता की कमी नहीं है। युवा शक्ति का सही उपयोग किए जाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट, अरूण जौहर ने कहा कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने साढ़े 23 वर्ष की छोटी सी आयु में ही भारत माता को गुलामी की जंजीरो से आजाद करवाने के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया। आज भारत के 80 करोड़ युवाओं को उसी जुनून और जज्बे के साथ भारत को गरीबी, बेरोजगारी और भष्ट्राचार से मुक्ति दिलाने के लिए दिन-रात कार्य करना होगा, तभी भारत विश्वगुरू बन सकता है।

जौहर ने आगे कहा कि भगत सिंह दूसरे क्रांतिकारियों से अलग थे, क्योंकि उन्होंने भारतीय जनता को पिछड़े हुए विचारों से बाहर निकालने और उन्हें वैज्ञानिक ढंग से सोचने का रास्ता दिखाया था। भगत सिंह के नेतृृत्व की बदौलत ही क्रांतिकारी आन्दोलन को नया मोड़ मिला।

डाॅ. एमपी डोगरा, मुख्य प्राकृतिक चिकित्सक, गांधी स्मारक भवन ने कहा कि देश को आजाद हुए 73 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन आज तक शहीद-ए-आजम भगत सिंह एवं अन्य देश भक्तों व स्वतत्रंता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने में हमें कोई कामयाबी नहीं मिली। आज देश का युवा दिशाहीन है, क्योंकि वह बेरोजगारी की चपेट में है। आज देश के युवा वर्ग को कुशल मार्ग-दर्शन की अत्यन्त आवश्यकता हैं।

शहीद-ए-आजम भगत सिंह युवा शक्ति विचार मंच के ओजस्वी एवं कान्तिकारी महासचिव सरदार अमनदीप सिंह ने कहा कि हमारे विचार मंच का उद्देश्य भारत माता के महान सपूत भगत सिंह के विचारों को हर युवा तक पहुंचाना है, ताकि भारत 21वीं सदी में शहीद-ए-आजम के सपनों का भारत बन सके। 

डाॅ. देवराज त्यागी, निदेशक गांधी स्मारक भवन ने अपने अध्यक्षीय भाषण में शहीद-ए-आजम भगत सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि विश्व इतिहास में भगत सिंह एकमात्र उदाहरण है जो मात्र साढ़े 23 वर्ष की आयु में शोषण व साम्राज्यवाद के खिलाफ एक वीर योद्धा व महान विचारक के रूप में लड़ते हुए लोकप्रियता की चरम सीमा तक पहुंचा। इन्कलाब जिंदाबाद का नारा उन्होंने ही दिया था। वे देश में बदलाव लाना चाहते थे। फांसी पर चढ़ने से पहले उन्होंने कहा था कि मैं देश और मानवता की जितनी सेवा करना चाहता था उसका हज़ारवां हिस्सा भी नहीं कर सका।कार्यक्रम में प्रसिद्ध संगीतज्ञ एवं गायक जय भगवान कम्बोज, आनन्द राव, विजय तथा सन्नी, आदि उपस्थित रहे।

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