GMCH-32 में काम PGI और AIIMS के बराबर.. लेकिन स्टाफ आधे से भी कम Chandigarh News

नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि नई तैनाती करने के बजाय कॉलेज प्रशासन उनसे दोगुने से भी ज्यादा काम करा रहा है। काम के दबाव के कारण नर्सिंग स्टाफ तनाव में है।

By Edited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 10:25 PM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 09:31 AM (IST)
GMCH-32 में काम PGI और AIIMS के बराबर.. लेकिन स्टाफ आधे से भी कम Chandigarh News
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चंडीगढ़, जेएनएन। सेक्टर-32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच-32) के नर्सिंग स्टाफ ने अपनी समस्या के समाधान के लिए होम सेक्रेटरी को पत्र लिखकर सहायता मांगी है। नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन ने स्टाफ मंजूरी को लेकर नया प्रस्ताव भी उन्हें भेजा है। नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि नई तैनाती करने के बजाय कॉलेज प्रशासन उनसे दोगुने से भी ज्यादा काम करा रहा है। मानक के अनुसार तैनात नर्सिंग स्टाफ की तुलना में जितने मरीज यहां भर्ती होने चाहिए उससे दोगुने भर्ती किए जा रहे हैं। काम के दबाव के कारण नर्सिंग स्टाफ तनाव में है। अगर इसका शीघ्र समाधान न निकला तो स्थिति बेहद गंभीर होगी।

चिकित्सा संस्थानों में नर्सिंग स्टाफ की मौजूदा स्थिति कुछ यूं है

संस्थान      बेड      नर्सिंग स्टाफ के पोस्ट

एम्स         2362        4553

पीजीआइ   2300        2672

जीएमसीएच 1450       774

जीएमसीएच का हाल बदतर

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की स्थिति इन दिनों और बदतर हो गई है। कारण 774 की मौजूदा तैनाती में से ही सेक्टर-48 के नए हॉस्पिटल और एमएचआइ में इनकी ड्यूटी लगाया जाना है। ऐसी स्थिति में दोनों अस्पतालों के 180 बेड के मरीजों के लिए यहां से 36 नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। जिससे जीएमसीएच में भर्ती मरीजों के साथ ही वहां तैनात नर्सिंग स्टाफ की परेशानी बढ़ गई है। अन्य जगह पर मरीज से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ अगर जीएमसीएच की तुलना एम्स और पीजीआइ से की जाए तो स्थिति चौंकाने वाली है। एम्स और पीजीआइ में जहां सैंग्शन बेड की तुलना में ज्यादा नर्सिंग स्टाफ तैनात हैं वहीं जीएमसीएच का हाल ठीक उलट है। यहां तैनात नर्सिंग स्टाफ से दोगुने से भी ज्यादा मरीज भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। ऐसी स्थिति के कारण ही वहां भर्ती मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा नहीं मिल पा रही।

नर्सिंग स्टाफ के साथ मरीजों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। जीएमसीएच में नर्सिंग स्टाफ के मंजूर पदों को बढ़ाने के लिए 10 साल से फाइल भेजी जा रही है। लेकिन गलत प्रपोजल को हर बार लौटा दिया जाता है। इसलिए मानकों को ध्यान में रखकर नया प्रस्ताव भेजा गया है। जिससे इस समस्या का शीघ्र समाधान हो। डबकेश कुमार, प्रेसिडेंट, नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन, जीएमसीएच।

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