मोहाली में फूटा शिक्षकों का गुस्सा, शिक्षा सचिव का कार्यालय घेरा, पेट्रोल लेकर इमारत की छत पर चढ़े अध्यापक

प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि वे पुलिस की घेराबंदी तोड़कर शिक्षा सचिव के सातवीं मंजिल पर स्थित कमरे के बाहर पहुंच गए। कई शिक्षक सचिव के कमरे के बाहर बैठ गए। वहीं पांच शिक्षक विभाग की छत पर पेट्रोल की बोतलें लेकर चढ़ गए।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 03:38 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 03:38 PM (IST)
मोहाली में फूटा शिक्षकों का गुस्सा, शिक्षा सचिव का कार्यालय घेरा, पेट्रोल लेकर इमारत की छत पर चढ़े अध्यापक
मोहाली फेज-8 स्थित पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते शिक्षक।

मोहाली, जेएनएन। मांगों को लेकर शिक्षकों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। गुस्साए अध्यापकों ने (Teachers) बुधवार को पंजाब के अलग अलग जिलों आकर मांगों को लेकर मोहाली फेज-8 स्थित पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (Punjab School Education Board) में शिक्षा सचिव का कार्यालय घेराव किया। पांच जत्थेबंदियों की ओर से पंजाब सरकार, शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया गया। शिक्षकों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि वे पुलिस का घेरा तोड़कर शिक्षा सचिव के सातवीं मंजिल पर स्थित कमरे के बाहर पहुंच गए। कई शिक्षक सचिव के कमरे के बाहर बैठ गए। वहीं पांच शिक्षक विभाग की छत पर पेट्रोल की बोतलें लेकर चढ़ गए।

शिक्षकों ने कहा कि जब तक मांगें नहीं मानी जाती प्रदर्शन इसी तरह से जारी रहेगा। पुलिस की ओर से छत पर पेट्रोल लेकर चढ़े अध्यापकों को नीचे उतारने की कोशिशें जारी थी। लेकिन वे मानने को तैयार नहीं। बोर्ड कार्यालय के बाहर लगातार प्रदर्शन जारी है।

प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों की मांग है कि उन्हें नौकरी में पक्का किया जाए। जो वेतन भत्ते रुके हैं उन्हें जारी किया जाए। अध्यापकों ने बताया कि सरकार की ओर से सिर्फ चुनावी वायदे किए गए। सरकार घर घर नौकरी का वादा कर रही है। लेकिन जो नौकरी में हैं उनको वेतन नहीं दिए जा रहे। पटियाला में शिक्षा मंत्री व कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अगर प्रदर्शन किया जाए तो लाठियां बरसाई जाती हैं। लेकिन अध्यापक इससे डरने वाले नहीं। अब अध्यापकों ने आर पार की लड़ाई का मन बना लिया है।

शिक्षकों ने कहा कि पंजाब को शिक्षा में नंबर वन पर लाने में शिक्षक ही हैं। क्योंकि वे ही झुगी झोपड़ियों, कॉलोनियों, दूर दराज से उन बच्चों को स्कूल तक लेकर आए जिनके बारे में मंत्री व अधिकारी सोच नहीं सकते थे। चुनाव आते ही वायदे किए जाते है कि मांगों को पूरा किया जाएगा। लेकिन पिछले कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन कोई नहीं सुन रहा। अध्यापकों ने कहा कि जब तक उनकी बात नहीं सुनी जाती तब तक वे इस तरह से शिक्षा सचिव के कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते रहेंगे।

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