मोहाली से शिक्षकों ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब सीएम आवास घेरने के लिए किया कूच, बॉर्डर पर यूटी पुलिस ने रोका, स्थिति तनावपूर्ण

मोहाली में धरने पर बैठे अस्थायी शिक्षकों ने बुधवार को चंडीगढ़ स्थित पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के आवास को घेरने के लिए निकले हैं। हालांकि उन्हें चंडीगढ़ पुलिस ने मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर रोक लिया है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 03:39 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 03:39 PM (IST)
मोहाली से शिक्षकों ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब सीएम आवास घेरने के लिए किया कूच, बॉर्डर पर यूटी पुलिस ने रोका, स्थिति तनावपूर्ण
मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर बैठकर रोष जताते पंजाब के अस्थायी शिक्षक।

रोहित कुमार, मोहाली। पंजाब में कुर्सी की लड़ाई चल रही है। कुछ विधायक पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ हैं तो कुछ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हैं। वहीं, पंजाब में जो कर्मचारी सड़कों पर अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए संघर्ष कर रहे हैं उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्थायी नौकरी की मांग कर रहे पंजाब के अस्थायी शिक्षकों का मोहाली के फेज-8 स्थित पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के बार बीते कई दिनों से धरना चल रहा है। बुधवार को शिक्षकों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।

अस्थायी शिक्षको ने बुधवार को आक्रोश रैली निकालते हुए चंडीगढ़ स्थित पंजाब मुख्यमंत्री के आवास को घेरने के लिए कूच किया। रैली के बाद शिक्षकों ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कोठी को घेरने के लिए तीसरी बार चंडीगढ़ की ओर कूच किया। मोहाली के वाईपीएस चौक के पास टीचर्स को मोहाली पुलिस ने रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं रुके। इसके बाद चंडीगढ़ बार्डर पर स्थित गीता भवन मंदिर के पास चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें रोका तो वह वहीं पर बैठकर अपना रोष जता रहे हैं।

शिक्षक नेता अजमेर सिंह औलख ने कहा कि बीते सप्ताह मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार ने कहा था कि बुधवार को शिक्षकों की मांगों पर फैसला लिया जाएगा। बावजूद सरकार ने कैबिनेट की बैठक नहीं की। सरकार में तो कुर्सी को लेकर खींचातानी चल रही है। औलख ने कहा कि 13 हजार शिक्षक सरकार से भीख नहीं मांग रहे हैं, बल्कि अपना हक मांग रहे हैं। लेकिन फिर भी उनके साथ इस तरह का व्यवाहर किया जा रहा। शिक्षक नेता गगन कौर ने कहा कि सरकार की मांगें मानने की नीयत ही नहीं है। सरकार शिक्षकों की हड़ताल को किसी न किसी तरह से खत्म करना चाहती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। शिक्षक अपना हक लिए बिना नहीं लौटेगें। ध्यान रहे कि पिछली बार जब शिक्षकों ने चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश की थी तो चंडीगढ़ पुलिस के साथ भिड़ंत हो गई थी। जिसमें 15 टीचर्स घायल हुए थे। वहीं, आज भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है, शिक्षक अभी भी चंडीगढ़ बॉर्डर पर डटे हुए हैं और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है, स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

कोविड नियमों की टूट रही धज्जियां

रैली के दौरान टीचर्स कोविड नियमों की उल्लंघना करते दिखे। टीचर्स ने न तो मास्क पहने थे और ही शारिरिक दूरी का पालन किया जा रहा था। कोविड की दूसरी लहर अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। तीसरी लहर की आंशका जताई जा रही है। ऐसे में जिले में लगातार चल रहे प्रदर्शन तीसरी लहर के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।

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