सुषमा बिल्डटेक कंपनी ने उपभोक्ता को नहीं दिया जीरकपुर में खरीदे प्लाट का पजेशन, भरना होगा 50 हजार हर्जाना

सुषमा बिल्डटेक से जीरकपुर में सुषमा क्रिसेंट में एक प्लाट बुक किया था। इस प्लाट का सौदा 5577000 रुपये में तय हुआ था। इसके बाद शिकायकर्ता मेजर आशीष ने सुषमा बिल्डटेक को 5274424 रुपये की राशि का भुगतान किया था।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 02:52 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 02:52 PM (IST)
सुषमा बिल्डटेक कंपनी ने उपभोक्ता को नहीं दिया जीरकपुर में खरीदे प्लाट का पजेशन, भरना होगा 50 हजार हर्जाना
सुषमा बिल्डटेक कंपनी ने उपभोक्ता को नहीं दिया जीरकपुर में खरीदे प्लाट का पजेशन।

चंडीगढ़, जेएनएन। सुषमा बिल्डटेक कंपनी की ओर से उपभोक्ता को प्लाट का मालिकाना हक न देने के एक ओर मामले में डिस्ट्रिक्ट स्टेट कमीशन ने सुषमा बिल्डटेक पर 50 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। इसके साथ ही सुषमा बिल्डटेक पर केस खर्च के रूप में 50 हजार रुपये देने का आदेश भी दिया है। कमीशन ने लालगढ़ जट्टन मिलिट्री स्टेशन, जिला श्री गंगानगर, राजस्थान के रहने वाले मेजर आशीष सौरभ शर्मा की शिकायत पर यह आदेश दिया है।

कमीशन को दी अपनी शिकायत में मेजर आशीष ने सुषमा बिल्डटेक पर आरोप लगाया कि उक्त कंपनी के बिल्डर ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। उन्होंने सुषमा बिल्डटेक से जीरकपुर में सुषमा क्रिसेंट में एक प्लाट बुक किया था। इस प्लाट का सौदा 55,77,000 रुपये में तय हुआ था। जिसके बाद मेजर आशीष ने सुषमा बिल्डटेक को 52,74,424 रुपये की राशि का भुगतान किया था। शिकायत पर सुनवाई करते हुए जहां एक ओर कमीशन ने सुषमा बिल्डटेक पर 50-50 हजार रुपये का हर्जाना लगाया, वहीं कंपनी को 12 फीसद ब्याज दर के साथ 52,74,424 रुपये की राशि 30 दिनों में लौटाने का आदेश भी दिया है।

2015 में हुआ था समझौता, 36 महीने के अंदर मिल जाएगा मालिकाना हक

मेजर आशीष ने शिकायत में बताया कि उन्होंने सुषमा बिल्डटेक से 16 मई 2015 में हुए समझौते में यह तय हुआ कि 36 महीने की अवधि के भीतर उन्हें प्लाट मालिकाना हक मिल जाएगा। इसके अलावा सुषमा बिल्डटेक ने यह भी वादा किया था कि 6 महीने के भीतर प्लाट की पजेशन दे दी जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और कंपनी ने अपने इस प्रोजेक्ट को रोक दिया।

ईमेल का नहीं दिया जवाब

परियोजना बीच में रोकने की बात जैसे ही मेजर को पता चली तो उन्होंने कंपनी से मोबाइल के माध्यम से संपर्क किया लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं की। इसके बाद शिकायतकर्ता ने ई-मेल के माध्यम से सुषमा बिल्डटेक कंपनी को राशि वापस करने के लिए कहा। ई-मेल का जवाब न देने पर 26 मई 2018 को ब्याज सहित पूरी राशि वापस करने के लिए मेजर ने कंपनी को एक कानूनी नोटिस भेजा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

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