पंजाब कांग्रेस में 'सुपर फाइट', बाजवा और दूलों के खिलाफ मंत्री हुए एकजुट, निष्‍कासन की मांग

पंजाब कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। जहरीली शराब से राज्‍य में 122 मौतों के बाद कैप्‍टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधने वाले कोंग्रेस के दो सांसदों के खिलाफ मंत्री एकजुट हो गए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 10:17 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 10:17 PM (IST)
पंजाब कांग्रेस में 'सुपर फाइट', बाजवा और दूलों के खिलाफ मंत्री हुए एकजुट, निष्‍कासन की मांग
पंजाब कांग्रेस में 'सुपर फाइट', बाजवा और दूलों के खिलाफ मंत्री हुए एकजुट, निष्‍कासन की मांग

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। पार्टी में 'सुपर फाइट' की हालत है और कांग्रेस के दो राज्‍यसभा सदस्‍यों प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलों के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर के खिलाफ मोर्चा खोलने से कलह चरम पर है। जहरीली शराब मामले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग और कैप्‍टन पर वार करने वाले बाजवा और दूलों अब कांग्रेस में चहुतरफा घिरते जा रहे हें। अब दोनों बागी सांसदाें के खिलाफ पंजाब कैबिनेट के मंत्री एकजुट हो गए हैं। कैबिनेट के मंत्रियों ने बाजवा और दूलो को कांग्रेस से निष्‍कासित करने की मांग की है। दूसरी ओर, बाजवा और दूलाें के तेवर नरम नहीं पड  रहे हैं। दोनों ने एक बार फिर सीएम कैप्‍टन अमरिंदर पर हमला किया है।

कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी व पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ ने अमरिंदर से की मुलाकात

इससे पहले कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ द्वारा दोनों नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था्। इस तरह अब पूरा मामला पार्टी हाईकमान तक पहुंच गया है। इस संबंध में कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी और बाद में सुनील जाखड़ ने वीरवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की।

आशा कुमारी ने कहा- बतौर प्रदेश प्रधान जाखड़ ने पार्टी हित यान में रखा, एआइसीसी को भेजी जाएगी रिपोर्ट्

बाजवा और दूलो के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने के दूसरे दिन राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से घूमा। सुनील जाखड़ ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात कर पूरी स्थिति पर चर्चा की। इससे पहले प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी मुख्यमंत्री से मिलने के पहुंची। इसके तुरंत बाद ही पंजाब कैबिनेट ने बाजवा और दूलों को पार्टी से बर्खास्त की मांग कर दी। मंत्रियों का कहना है कि दोनों सांसदों ने अपने राज्यसभा के कार्यकाल में राज्य के हित के किसी भी मुद्दे को उठाने की जहमत नहीं उठाई।

मंत्रियों ने कहा कि बाजवा और दूलों ने अकाली शासन के दौरान ड्रग्स के मुद्दे की ईडी जांच पूरी करने के लिए दबाव क्यों नहीं डाला? उन्होंने केंद्र सरकार के कृषि विरोधी अध्यादेशों के खिलाफ सदन में विरोध क्यों नहीं किया? सीबीआइ के मामलों की जांच में विफलता के बारे में उन्होंने कभी क्यों नहीं कहा।

मंत्रियों का कहना है, यह लोकतांत्रिक प्रणाली और संस्थानों के कार्य करने का तरीका नहीं है। नकली शराब के मामले में अगर पुलिस जांच करने में विफल रहती तो मामले में सीबीआई जांच की आवश्यकता थी। लेकिन, इस मामले में ऐसा नहीं है। दोनों ही राज्य सभा सदस्यों ने न सिर्फ पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की बल्कि प्रदेश प्रधान पर निजी आरोप लगाने भी शुरू कर दिए। कोई भी राज्य सभा सदस्य व पूर्व प्रदेश प्रधान अपनी ही पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कैसे कर सकते है।

दूसरी ओर, जाखड़ का कहना है कि उन्‍होंने मुख्यमंत्री से मिलकर जहरीली शराब  मामले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही को लेकर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा हीं जाएगा। जाखड़  ने कहा, बतौर प्रदेश प्रधान मैंने वहीं मांग की जो मुझे करनी चाहिए थी। बाजवा और दूलों ने सीबीआइ जांच की मांग करके अपनी ही सरकार की तरफ उंगली उठाई। इससे न सिर्फ सरकार बल्कि पूरी पार्टी की छवि खराब हुई।

वहीं, आशा कुमारी ने कहा, पंजाब कैबिनेट ने क्या मांग की है, इसके बारे में मुझे अभी जानकारी नहीं है। बाजवा और दूलों राज्य सभा सदस्य हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार आल इंडिया कांग्रेस कमेटी को है। प्रदेश प्रधान मुझे जब इस संबंध में रिपोर्ट देंगे तो उसे मैं पार्टी के अधयक्ष को सौप दूंगी। अलबत्ता यह जरूर कहना चाहती हूं, कि जाखड़ ने पार्टी के हितों को ध्यान में रख कर दोनों नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।

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कैप्टन ने राहुल गांधी का भी विरोध किया था: बाजवा

दूसरी ओर, बाजवा और दूलों के तेवर ज्‍यों के त्‍यों हैं। पंजाब कैबिनेट द्वारा उनकाे कांग्रेस से निष्‍कासित किए जाने  की मांग के संबंध में प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलों ने कहा, यह बेहद हास्यास्पद है। कैबिनेट बैठक के 24 घंटे के बाद फिर बैठक कर ऐसी मांग वाला बयान जारी करना बचकाना है। ऐसा तो 80 से 90 के दशक में पंजाब में होता था। घटना के चार पांच दिन बाद पर्चा दर्ज होता था।

बाजवा ने याद कराया कि जब वह प्रदेश प्रधान थे तो न सिर्फ कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनका विरोध किया था बल्कि अपनी हठधर्मिता के कारण पार्टी के नेता राहुल गांधी को भी शर्मिंदा किया था। बतौर प्रदेश प्रधान मैंने ड्रग्स वाले मामले में बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग की थी लेकिन कैप्टन ने इसका विरोध किया था।

बाजवा ने कहा, बेअदबी वाले मामले में पंजाब पुलिस के पास मूल केस की फाइल भी नहीं है। यह अभी भी सीबीआइ के पास है। राज्य सरकार ने इस केस की फाइल को वापस पाने के लिए अवमानना याचिका दायर नहीं की और जनता को गुमराह कर रहे हैं कि वह इस मामले की जांच कर रही है। राज्य प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्रवाई की कमी के कारण हम आवाज उठा रहे हैं ताकि शराब माफिया के कारण प्रियजनों को खो चुके परिवारों को न्याय मिले।

शराब कांड के आरोपियों के साथ-साथ साजिशकर्ताओं पर भी कत्ल का पर्चा दर्ज हो: सुनील जाखड़

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि शराब कांड के आरोपियों के साथ-साथ इस मानवता विरोधी कुकृत्य में शामिल साजिशकर्ताओं , फाइनेंसरों, उनके सरपरस्तों व अपनी ड्यूटी में कोताही करने वाले सभी लोगों को कानून के दायरे में लाकर सख्त सजा दी जाए।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की सरकार की सबसे बड़ी प्राप्ति यही रही थी कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री बनने से प्रदेश में पिछले 10 साल से चल रहा जंगलराज खत्म होकर कानून का राज स्थापित हुआ था, लेकिन शराब कांड के कारण सरकार की छवि प्रभावित हुई है। जिस तरह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि इस कारण हुई मौतों को कत्ल माना जाएगा व सख्त धाराओं के तहत कार्रवाई होगी, इससे लोगों के मनोमें सरकार के प्रति विश्वास और पक्का हुआ है और लोगों में सरकार के इस निर्णय से तसल्ली हुई है ।

कैप्टन आज करेंगे शराब पीड़ितों के परिजनों से

मुख्‍यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह शुक्रवार सुबह तरनतारन में जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों से मिलने जाएंगे। उनके साथ कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़, उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार और डीजीपी दिनकर गुप्ता भी होंगे। यह जानकारी मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने दी है।

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