कैप्टन अमरिंदर के सामने एजी पर बरसे जाखड़ व पंजाब के मंत्री, पूछा- आज तक कौन सा केस जीता

कोटकपूरा फायरिंग मामले में हाई कोर्ट के फैसले के बाद पंजाब के एजी अतुल नंदा निशाने पर हैं। कांग्रेस के नेता ही उन पर हमले कर रहे हैं। पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ और राज्‍य के मंत्री सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के सामने नंदा पर जमकर बरसे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 07:57 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 07:57 AM (IST)
कैप्टन अमरिंदर के सामने एजी पर बरसे जाखड़ व पंजाब के मंत्री, पूछा- आज तक कौन सा केस जीता
पंजाब के सीम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और एजी अतुल नंदा की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। कोटकपूरा गोलीकांड की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) को रद करने और इसके वरिष्ठ सदस्य आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह के इस्तीफे के बाद कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार पर सियासी हमले तेज हाे गए हैं। पंजाब के एडवेाकेट जनरल (एजी) अतुल नंदा कांग्रेस नेताओं के निशाने पर हैं। ऐसे में उलझे राजनीतिक ताने-बाने को सुलझाने के लिए खास बैठक बुलाई गई। बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रधान सुनील जाखड़ व मंत्री एक बार फिर एडवोकेट जनरल (एजी) अतुल नंदा पर बरस पड़े।

अतुल नंदा ने कहा- सोमवार को तय होगा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देनी है या नई एसआइटी बनानी है

अतुल नंदा ने इस मामले में अपना पक्ष रखने की कोशिश की, लेकिन मंत्री खासे नाराज दिख रहे थे। अतुल नंदा ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला सोमवार को आ जाएगा, तब हम यह फैसला करेंगे कि इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देनी है या फिर जांच के लिए नई एसआइटी बनानी है।

मंत्री बोले- बेअदबी के मामले को सिरे नहीं लगाया तो लोग हमें गांवों में नहीं घुसने देंगे

बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, शहरी विकास मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया के अलावा विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों और नवतेज चीमा भी मौजूद थे। ढाई घंटे चली इस मीटिंग में मंत्रियों और विधायकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा कि अगर गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले को हमने सिरे नहीं लगाया तो लोग हमें गांवों में नहीं घुसने देंगे।

मंत्री इस दौरान एजी अतुल नंदा की भूमिका से खासे नाराज दिखे। उन्होंने बैठक में पूछा कि आखिर इन्होंने कौन सा केस जीतकर दिया है। कुशलदीप ढिल्लों ने कहा कि जब श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरना चल रहा था, तब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के विश्वास पर यह धरना उठवाया गया था, लेकिन आज भी यह केस किसी सिरे नहीं चढ़ पाया। लोग हमारा जीना दूभर कर देंगे।

मीटिंग के अंत में तय हुआ कि सोमवार तक फैसला इंतजार किया जाएगा। मंत्रियों ने कहा कि जो भी करना है दो माह के अंदर इस केस को सिरे चढ़ाएं। गौरतलब है कि 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहब की बेअदबी की घटना के बाद आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कोटकपूरा और बहिबलकलां में धरना चल रहा था, जिसे उठाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।

कांग्रेस ने बनाया था चुनावी मुद्दा

2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उभारा था और लोगों से वादा किया कि सत्ता में आने पर सरकार दोषियों को सलाखों के पीछे धकेलेगी। सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री ने इन मामलों की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज रणजीत सिंह की अगुवाई में जांच आयोग गठित किया था। इसकी रिपोर्ट के बाद स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम भी बनाई गई।

इस टीम की ओर से आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी समेत कई लोगों से पूछताछ की। कुंवर के खिलाफ कुछ पुलिस कर्मचारी हाई कोर्ट में भी चले गए जहां पिछले हफ्ते हाईकोर्ट ने इस जांच टीम की रिपोर्ट को न सिर्फ खारिज कर दिया, बल्कि पंजाब सरकार को नई एसआइटी बनाने के भी आदेश दिए। नई एसआइटी में कुंवर विजय प्रताप सिंह को नहीं रखने को भी कहा। इससे खफा होकर कुंवर विजय प्रताप ने इस्तीफा दे दिया।

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