फिर खोले गए सुखना लेक के फ्लड गेट, पानी छोड़ने से पहले कई इलाकों में सायरन बजाकर किया अलर्ट
शनिवार सुबह करीब चार बजे झमाझम बारिश हुई। करीब एक घंटे तक हुई बारिश के दौरान 18.3 एमएम पानी बरस गया। इसके बाद सुखना लेक का जलस्तर बढ़ गया। इसलिए फ्लड गेट खोलना पड़ा। लेक से पानी छोड़ने से पहले पंचकूला और मोहाली को भी अलर्ट भेज दिया गया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। ऐसा पहली बार हुआ है कि चंडीगढ़ सुखना लेक के फ्लड गेट एक सप्ताह में दूसरी बार खोलने पड़े हों। अल सुबह हुई तेज बरसात के बाद सुखना लेक का जल स्तर खतरे के निशान से उपर पहुंच गया था। इसको देखते हुए इंजीनियरिंग विभाग सुखना के फ्लड गेट खोल खोल कर पानी सुखना चौ में छोड़ दिया। बता दें कि इससे पहले सोमवार को भी सुखना के फ्लड गेट खोले गए थे। लेक का वाटर लेवल 1162.6 फीट से ऊपर पहुंचने पर एक घंटे से ज्यादा समय तक फ्लड गेट को खोला गया था। शनिवार को भी जैसे ही सुखना लेक का वाटर लेवल 1162.7 तक पहुंचा, इंजीनियरिंग विभाग ने तुरंत गेट खोलने के आदेश दे दिए।
शनिवार सुबह करीब चार बजे झमाझम बारिश हुई। करीब एक घंटे तक हुई बारिश के दौरान 18.3 एमएम पानी बरस गया। इसके बाद सुखना लेक का जलस्तर बढ़ गया। इसलिए फ्लड गेट खोलना पड़ा। लेक से पानी छोड़ने से पहले पंचकूला और मोहाली को भी अलर्ट भेज दिया गया। यह इसलिए ताकि वह सुखना चौ के पास लगते एरिया में अलर्ट कर सकें। मोहाली के बलटाना जीरकपुर से होते हुए पानी घग्गर में पहुंचता है। पंचकूला का एरिया भी इसके साथ लगता है इसलिए दोनों जिलों को सूचना भेजनी पड़ती है। पानी छोड़ने से पहले सायरन बजाकर आसापास के एरिया को अलर्ट किया गया।
पिछले साल अगस्त में जलस्तर खतरे के स्तर पर पहुंचने के बाद सुखना लेक के फ्लड गेट खोलकर सुखना चौ के रास्ते से पंचकूला स्थित घग्गर नदी में पानी भेजा गया था। इसके अलावा साल 2018 में भी कैचमेंट एरिया में बारिश होने के कारण अथॉरिटीज को दो फ्लड गेट खोलने पड़े थे। उस वक्त 10 साल के बाद ये फ्लड गेट खोले गए थे।
फिर डूब सकता है बलटाना
सुखना चौ का पानी यूटी इंडस्ट्रियल एरिया से होते हुए बलटाना पहुंचता है। बलटाना में यह ओवरफ्लो होकर पुलिस चौकी के पास जलभराव कर देता है। पिछले साल की तरह इस बार भी यहां जलभराव के पूरे आसार हैं। पानी की उचित निकासी नहीं होने से यहां पहले ही पानी जमा हो जाता है।