पीयू चंडीगढ़ के स्टूडेंट्स कर रहे 'पढ़ेगा इंडिया तभी ताे बढ़ेगा इंडिया' मुहीम को साकार, उठाया गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्चा

पंजाब यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सोशल वर्क विभाग के स्टूडेंट्स शुभम और नरेंद्र सिंह ने शहर करीब 20 बच्चों का सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाया है। इन बच्चों के अभिभावक मजदूरी रेहड़ी फड़ी लगाते हैं। इसलिए दोनों ही इन बच्चों की पढ़ाई का खर्च कर रहे हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 03:56 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 03:56 PM (IST)
पीयू चंडीगढ़ के स्टूडेंट्स कर रहे 'पढ़ेगा इंडिया तभी ताे बढ़ेगा इंडिया' मुहीम को साकार, उठाया गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्चा
पंजाब यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स शुभम और नरेंद्र सिंह जो गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं।

चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। बेहतर भविष्य और अपने अधिकारों की जानकारी के लिए केवल एक ही रास्ता है, वो है शिक्षा का। अगर पढ़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़गा इंडिया की मुहीम को सफल बनाने में शहर में युवा अपना पूरा योगदान दे रहे हैं। देश में अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो किन्हीं कारणों के चलते स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने ऐसे बच्चों को शिक्षा दिलाने का बीड़ा उठाया है।

इसी कड़ी में पंजाब यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सोशल वर्क विभाग के स्टूडेंट्स शुभम और नरेंद्र सिंह ने शहर करीब 20 बच्चों का सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाया है। इन बच्चों के अभिभावक मजदूरी, रेहड़ी फड़ी लगाते हैं। बच्चों का दाखिला उनके नजदीक के स्कूलों में करवाया गया है ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो।

सरकार दे रही सुविधा, हमने बच्चों को उस सुविधा तक पहुंचाया

शुभम ने कहा कि बच्चों को शिक्षा देने के लिए भारत सरकार ने कई बेहतरीन कदम उठाए हैं। लेकिन बच्चे कई तरह की मजबूरी की वजह से स्कूलों में दाखिला नहीं ले पाते। हमने बच्चों का स्कूलों में दाखिला करवा कर सरकार से मिल रही सुविधाओं को उन तक पहुंचाया है। पूरे शहर में से ऐसे करीब 20 बच्चों को हमने शिक्षा देने का काम किया है।

स्कूल नहीं गए लेकिन अक्षरों का था ज्ञान

नरेंद्र सिंह ने बताया कि जब हमने साउथ कैंपस में बच्चों को जमीन पर लिखते देखा तो उनसे पूछा कि वो कौन सी क्लास में पढ़ते हैं तो उनका जवाब था कि वो स्कूल नहीं जाते हैं। इसके बाद हमने बच्चों के अभिभावकों से पूछा कि वो बच्चों को स्कूल क्यों नहीं भेजते हैं। अभिभावकों ने बताया कि उनके पास आधार कार्ड नहीं है जिस वजह से बच्चों का दाखिला नहीं हो पाया। इसके बाद बच्चों के आधार कार्ड बनाए गए और फिर उन्हें नजदीक के स्कूलों में दाखिला दिया गया।

न हो बच्चों के अधिकारों का हनन

शिक्षा से न केवल यह बच्चे अपना भविष्य अच्छा बना सकेंगे बल्कि कोई भी व्यक्ति इनके अधिकारों का हनन नहीं कर पाएंगा। शिक्षा प्राप्त करने के बाद इन बच्चों को अपने अधिकारों, कर्तव्यों और नैतिक जिम्मेदारी का ज्ञान मिलेगा। इन सभी बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्चा यह दोनों स्टूडेंट्स ही उठाएंगे और आगे भी ऐसे ही बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलवाने की मुहीम चलती रहेगी। जिन बच्चों के स्कूलों में दाखिले करवाए हैं उनमें सेक्टर-25, सेक्टर-38 वेस्ट, सेक्टर-56, बापूधाम कॉलोनी सेक्टर-26 के बच्चे शामिल हैं।

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