गर्भवती महिलाओं पर बुरा प्रभाव डालता है पराली का धुआं
कृषि और किसान कल्याण विभाग कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन (एमआइए) में पराली प्रबंधन को लेकर किसानों को जागरूक किया गया। किसानों को आइ एप्प के माध्यम से ऑनलाइन मशीनरी किराए पर लेने के लिए प्रेरित किया गया।
जागरण संवाददाता, मोहाली : कृषि और किसान कल्याण विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन (एमआइए) में पराली प्रबंधन को लेकर किसानों को जागरूक किया गया। किसानों को आइ एप्प के माध्यम से ऑनलाइन मशीनरी किराए पर लेने के लिए प्रेरित किया गया। पराली प्रबंधन को लेकर इस जिला स्तरीय कैंप में किसानों को अलग अलग कृषि माहिरों ने संबोधित किया। पराली से बने उत्पादों, फूड प्रोसेसिग, बायो फ्यूल, पशुओं के लिए पौष्टिक मिनरल मिक्सचर आदि के बारे में प्रदर्शनी के माध्यम से बताया गया। कार्यक्रम में गुरु अंगद देव पशु पालन यूनिवर्सिटी लुधियाना के उप कुलपति डा. इंद्रजीत सिंह ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। डा. इंद्रजीत सिंह ने किसानों को बताया कि पराली का धुआं खास तौर पर गर्भवती महिलाओं 36 महीनों तक बच्चों के विकास पर बुरा प्रभाव डालता है। सीनियर एडवाइजर डा. जेएस समरा ने कहा कि पराली के धुएं से हाइपोकसिया नाम की बीमारी लगती है। जिसके साथ दिमाग के सेल मर जाते हैं और फिर से जीवित नहीं होते। बच्चों के विकास के लिए भी ये घातक है। मुख्य कृषि अफसर डा. राजेश कुमार रहेजा ने बताया कि मोहाली में कुल 567 मशीन एक्स सीटू और इन सीटू उपलब्ध है। इनमें 303 मशीनें सरकारी सभाओं के पास है। सरकार की ओर से सहकारी सभाओं और कस्टम हाइरिग सेंटरों पर छोटे और सीमांत किसान ये मशीनरी आई खेत एप पर आनलाइन बुक कर सकते हैं। छोटे किसानों को पराली संभाल में मुफ्त मशीनरी सरकार की ओर से उपलब्ध करवाई जाती है।
खाद्य, दवाई और बीजों के बिल जरूर लें किसान
वक्ताओं ने कहा कि किसान खाद्य, दवाई और बीजों के बिल जरूर लें। इस तरह डीलरों की ओर से किसानों को सही बीज व सामान मुहैया करवाया जाएगा। अगर सामान खराब निकलता है तो सैंपलिंग और कार्रवाई करने में आसानी रहेगी। कृषि विज्ञान केंद्र के एसोसिएट डायरेक्टर डा. परमिदर सिंह ने बताया कि पराली प्रबंधन के लिए उन्होंने कुछ गांवों को गोद लिया है। मशीनरी के इस्तेमाल का प्रशिक्षण किसानों को दे रहे है। डा नवजोत सिंह, डा गुरदियाल सिंह ने भी इस दौरान अपने विचार रखे। इस दौरान किसानों के सवालों के जवाब दिए गए।