चंडीगढ़ में रोज गार्डन की पार्किंग में लग रही रेहड़ियां, अधिकारियों की मिलीभगत से बढ़ रहा अतिक्रमण

चंडीगढ़ में नगर निगम ने सब्जी और फल विक्रेताओं को अब अपनी पुरानी जगह पर ही रेहड़ी लगाने की मंजूरी दे दी है। लेकिन इसकी आड़ में अतिक्रमण हटाओ दस्ते से मिलीभगत कर दूसरे वेंडर्स भी अपनी पुरानी जगह या सड़क किनारे दुकानें लगाने लग गए हैं।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 01:33 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 01:33 PM (IST)
चंडीगढ़ में रोज गार्डन की पार्किंग में लग रही रेहड़ियां, अधिकारियों की मिलीभगत से बढ़ रहा अतिक्रमण
चंडीगढ़ में रोज गार्डन की पार्किंग में रेहड़ियां लग रही हैं।

चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]। चंडीगढ़ में नगर निगम ने सब्जी और फल विक्रेताओं को अब अपनी पुरानी जगह पर ही रेहड़ी लगाने की मंजूरी दे दी है। लेकिन इसकी आड़ में अतिक्रमण हटाओ दस्ते से मिलीभगत कर दूसरे वेंडर्स भी अपनी पुरानी जगह या सड़क किनारे दुकानें लगाने लग गए हैं। सेक्टर-16 के रोज गार्डन की पार्किंग में किसी को भी फड़ी लगाने की मंजूरी नहीं है लेकिन यहां पर भी हर दिन जूस, आईसक्रीम और चाट टिक्की की रेहड़ियां लगती है लेकिन किसी आला अधिकारी की नजर भी इस पर नहीं पड़ी है। जबकि नगर निगम के कमिश्नर केके यादव और ज्वाइंट कमिश्नर सौरभ अरोड़ा भी सेक्टर-16 में रहते हैं। शहर को अतिक्रमण मुक्त करने की जिम्मेवारी भी ज्वाइंट कमिश्नर सौरभ अरोड़ा के पास है। इसके बावजूद इस समय शहर में अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। अभी पिछले सप्ताह व्यापार मंडल ने भी इस मुद्दे पर मेयर रविकांत शर्मा के साथ बैठक की थी। जिसमें सेक्टर-15 की मार्केट एसोसिएशन ने मेयर को कहा था कि उनके यहां पर 30 से 40 वेंडर्स फड़ियां लगा रहे हैं जिस कारण पैदल चलने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम की ओर से अलग-अलग एरिया के लिए अतिक्रमण खत्म करने के लिए सब इंस्पेक्टर लगाए हुए हैं। पूरे शहर को दो जोन में बांटा गया है। हर जोन का एक एक इंस्पेक्टर है।

डीपी सिंह और अवतार गलोरया इंस्पेक्टर है। इसके अलावा एक सुपरिटेंडट सुनील दत्त भी है। इन तीनों का काम सब इंस्पेक्टर की कारगुजारी को चेक करने का है। जब भी कोई शिकायत होती है ताे अतिक्रमण हटाओ दस्ता खानापूर्ति के लिए रेहड़ी फड़ी वालों का चालान काटने लग जाती है। नगर निगम की अतिक्रमण हटाओ कमेटी भी गठित हुई है लेकिन एक भी कमेटी की बैठक नहीं हुई है। पूर्व मेयर आशा जसवाल इस कमेटी की चेयरपर्सन है। यह सारी व्यवस्था होने के बावजूद नगर निगम का अपने अतिक्रमण हटाओ दस्ते के सब इंस्पेक्टर पर कंट्रोल नहीं है। नगर निगम ने इस समय ऑनलाइल चलान काटने की व्यवस्था को भी बंद कर दिया है इसका भी फायदा सिर्फ सब इंस्पेक्टरों को ही मिल रहा है। वी-1,2 और 3 के किनारे पर सब्जी और फल वेंडर्स को दुकान लगाने की मंजूरी नहीं है इसके बावजूद वह यहां पर फड़ियां लगाते हैं। सेक्टर-17 में भी वेंडर्स आने लग गए हैं।

सेक्टर-22 की शास्त्री मार्केट में शाम के बाद फड़ियां लग जाती है। इसके साथ ही धनास को जाने वाली सड़क पर भी फड़ियां लगानी शुरू हो गई है। सेक्टर-23 में भी अतिक्रमण है। ऐसा ही हाल सेक्टर-37 में भी है। इस समय टाउन वेंडिंग कमेटी की भी बैठक नहीं हो रही है। हाल ही में नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ दस्ते में व्यवस्था अच्छी करने के लिए दूसरे विभाग से तीन कर्मचारियों को लाकर उन्हें सब इंस्पेक्टर बनाया गया लेकिन इससे स्थिति सुधरने की बजाए अव्यवस्था ज्यादा बढ़ गई है। शहर में वेंडर एक्ट की पूरी हवा निकल गई है। मेयर रविकांत शर्मा का कहना है कि उन्हें भी समय समय पर कई शिकायतें मिलती है।उनका कहना है कि इस बारे में अलग से अधिकारियों से बात की जाएगी।  

टीम के आने से पहले पहुंच जाती है सूचना

कांग्रेस प्रवक्ता सतीश कैंथ का कहना है कि मिलीभगत से पूरा खेल चल रहा है। लेकिन पता नहीं इस समय मेयर रविकांत शर्मा और अधिकारियों ने क्यों चुप्पी साधी हुई है। सिर्फ दिखावे के लिए गरीब वेंडर्स को तंग किया जाता है जबकि बड़े अतिक्रमण करने वालों पर कोई भी लगाम नहीं है। उनका कहना है कि जब भी दस्ता कार्रवाई करने के लिए टीम जाती है पहले से उस मार्केट में इसकी सूचना मिल जाती है क्या कभी इस बात की जांच की गई है कि ऐसा क्यों होता है। उनका कहना है कि प्रशासन को विजिलेंस जांच करनी चाहिए। व्यापार मंडल के महासचिव संजीव चड्ढा का कहना है कि इस कोरोना काल में नगर निगम को चाहिए अतिक्रमण हटाने के अभियान को बंद ही कर देना चाहिए। उनका कहना है कि दुकानदारों को भी तंग किया जाता है क्या दुकानदार अपनी दुकान के बाहर अपने माल को डिस्पले भी नहीं कर सकता।

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